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संसद भवन के शिलान्यास में पहुंचे गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस कर सकती है कार्रवाई

नए संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद भी पहुंचे थे. उनकी उपस्थिति से कांग्रेस असहज हो गई है. मामला पार्टी की अनुशासन समिति के सामने चला गया है. कई वरिष्ठ नेताओं ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. कोलकाता ब्यूरो प्रमुख सुमंत राय चौधरी की एक रिपोर्ट.

ghulam nabi azad
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Published : Dec 10, 2020, 6:52 PM IST

Updated : Dec 10, 2020, 8:56 PM IST

कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संसद के नए भवन का शिलान्यास किया. इस कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी मौजूद थे. कांग्रेस ने उनकी उपस्थिति को पार्टी अनुशासन के खिलाफ बताया है.

लोकसभा में कांग्रेस के नेता और प. बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि इसकी जांच जारी है.

अधीर रंजन ने बताया कि इस मामले पर अंतिम फैसला हाई कमांड का होगा. अनुशासन समिति को इसकी जानकारी दे दी गई है.

चौधरी ने बताया कि गुलाम नबी आजाद से स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है, आखिर वह इस कार्यक्रम में क्यों शामिल हुए.

प. बंगाल कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता असित मित्रा की भी यही राय है. उनके अनुसार यह पार्टी के अनुशासन से जुड़ा हुआ मामला है. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी इस मामले को देख रही है. वही इस पर उचित फैसला लेगी. लेकिन मेरी निजी राय है कि इस मामले को बहुत ज्यादा तूल देने की जरूरत नहीं है. इसे आराम से सुलझाया जा सकता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद को सितंबर में पार्टी महासचिव पद से हटा दिया गया था. ऐसा माना जाता है कि उन पर यह कार्रवाई उनके द्वारा लिखे गए पत्र के बाद की गई है. उस पत्र में उन्होंने पार्टी को लेकर कई सवाल उठाए थे. पत्र लिखने वालों में कपिल सिब्बल भी शामिल थे.

आजाद इसके बाद भी नहीं रुके. पिछले महीने उन्होंने कहा था कि पार्टी का पूरा ढांचा चरमरा चुका है.

आजाद ने पार्टी के अंदर सभी सांगठनिक पदों के लिए चुनाव की मांग की. उन्होंने पार्टी के कुछ नेताओं के फाइव स्टार कल्चर पर भी सवाल उठाए थे.

पार्टी के विरुद्ध राय रखने की वजह से अधीर रंजन चौधरी ने गुलाम नबी और कपिल सिब्बल जैसे नेताओं को आगाह भी किया था.

पढ़ें-नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत का गवाह बनेगा: पीएम मोदी

ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते हुए चौधरी ने कहा कि जो नेता पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए. उन्हें अपनी पार्टी बना लेनी चाहिए. हम ऐसे नेताओं को बढ़ावा नहीं दे सकते हैं, जो कांग्रेस में रहकर विरोधियों को बढ़ावा देने वाली बात करते रहें.

कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संसद के नए भवन का शिलान्यास किया. इस कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी मौजूद थे. कांग्रेस ने उनकी उपस्थिति को पार्टी अनुशासन के खिलाफ बताया है.

लोकसभा में कांग्रेस के नेता और प. बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि इसकी जांच जारी है.

अधीर रंजन ने बताया कि इस मामले पर अंतिम फैसला हाई कमांड का होगा. अनुशासन समिति को इसकी जानकारी दे दी गई है.

चौधरी ने बताया कि गुलाम नबी आजाद से स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है, आखिर वह इस कार्यक्रम में क्यों शामिल हुए.

प. बंगाल कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता असित मित्रा की भी यही राय है. उनके अनुसार यह पार्टी के अनुशासन से जुड़ा हुआ मामला है. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी इस मामले को देख रही है. वही इस पर उचित फैसला लेगी. लेकिन मेरी निजी राय है कि इस मामले को बहुत ज्यादा तूल देने की जरूरत नहीं है. इसे आराम से सुलझाया जा सकता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद को सितंबर में पार्टी महासचिव पद से हटा दिया गया था. ऐसा माना जाता है कि उन पर यह कार्रवाई उनके द्वारा लिखे गए पत्र के बाद की गई है. उस पत्र में उन्होंने पार्टी को लेकर कई सवाल उठाए थे. पत्र लिखने वालों में कपिल सिब्बल भी शामिल थे.

आजाद इसके बाद भी नहीं रुके. पिछले महीने उन्होंने कहा था कि पार्टी का पूरा ढांचा चरमरा चुका है.

आजाद ने पार्टी के अंदर सभी सांगठनिक पदों के लिए चुनाव की मांग की. उन्होंने पार्टी के कुछ नेताओं के फाइव स्टार कल्चर पर भी सवाल उठाए थे.

पार्टी के विरुद्ध राय रखने की वजह से अधीर रंजन चौधरी ने गुलाम नबी और कपिल सिब्बल जैसे नेताओं को आगाह भी किया था.

पढ़ें-नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत का गवाह बनेगा: पीएम मोदी

ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते हुए चौधरी ने कहा कि जो नेता पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए. उन्हें अपनी पार्टी बना लेनी चाहिए. हम ऐसे नेताओं को बढ़ावा नहीं दे सकते हैं, जो कांग्रेस में रहकर विरोधियों को बढ़ावा देने वाली बात करते रहें.

Last Updated : Dec 10, 2020, 8:56 PM IST
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