जयपुर : प्रदेश की गहलोत सरकार ने गले की फांस बनी रीट परीक्षा को रद्द (REET level 2 Exam Cancelled) कर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस पर फैसला (Gehlot Government Big Decision) लिया गया. इससे पहले विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों से इस संबंध में सुझाव लिए गए थे. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि रीट लेवल-2 के एग्जाम को निरस्त किया जाता है.
प्रदेश की सबसे बड़ी शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) 2021 को लेकर कल तक गहलोत सरकार वाहवाही लूट रही थी. अब उस परीक्षा में हुई धांधली सामने आने के बाद उसे रद्द करना पड़ा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में सीएमआर हुई कैबिनेट बैठक (Ashok Gehlot Cabinet Meeting) में इस पर फैसला लिया गया . कैबिनेट बैठक में बाद सीएम गहलोत ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इसकी घोषणा की.
दरअसल रीट परीक्षा पेपर लीक (REET Paper Leak Case) को लेकर आई शिकायतों के बाद गहलोत सरकार ने इस पूरे मामले की जांच एसओजी को सौप दी . एसओजी ने भी परीक्षा में हुई धांधली पर मुहर लगा दी है. एसओजी की ओर से जब यह साफ़ हो गया कि एक गिरोह के जरिये पेपर लीक कर बाजार में बेचा गया. उसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि परीक्षा को रद्द किया जा सकता हैं. परीक्षा रद्द होने के बाद अब रीट परीक्षा में योग्य घोषित हुए 11 लाख से अधिक अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में दिखने लगा है.
अब शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर होंगे दो एग्जामः सीएम अशोक गहलोत प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अब शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर दो एग्जाम होंगे. रीट केवल एलिजिबिलिटी टेस्ट रहेगा. उसके बाद शिक्षक भर्ती के लिए देना होगा टेस्ट. सरकार इसके लिए नियमों में संशोधन करेगी. रीट में 62,000 पदों पर भर्ती होगी. इसके लिए दो टेस्ट होंगे. कुल 62 हजार तृतीय श्रेणी अध्यापकों की भर्ती होगी.
जांच एसओजी ही करेगीः रीट पेपर लीक प्रकरण की जांच को लेकर भी सीएम अशोक गहलोत ने साफ कर दिया कि रीट मामले की जांच एसओजी ही करेगी. एसओजी को फ्री हैंड कर रखा है. आपको बता दें कि रीट पेपर लीक की जांच सीबीआई को देने की मांग भाजपा कर रही है. इस संबंध में भाजपा की ओर से विरोध-प्रदर्शन भी किया जा रहा है. लेकिन सोमवार को सीएम गहलोत ने साफ कर दिया कि रीट की जांच एसओजी ही करेगी.
बीजेपी कर रही सीबीआई की जांच की मांगः रीट परीक्षा में धांधली को लेकर बीजेपी इस बात के लगातार आरोप लगाती रही है कि इस पूरे मामले में सरकार के उच्चाधिकारियों के साथ मंत्री भी शामिल हैं. इस तरह से बड़े लोगों के शामिल होने की जांच स्थानीय पुलिस या जांच एजेंसी नहीं कर सकती. इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच सिर्फ सीबीआई से हो सकती है . सीबीआई की जांच की मांग को लेकर बीजेपी लगातार प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन कर रही है. बीजेपी के प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेता इस मामले को लेकर गहलोत सरकार पर हमलावर थे .
विधानसभा में भी सबसे ज्यादा सवाल रीट को लेकर लगेः जानकार सूत्रों की मानें तो 9 फरवरी से शुरू होने वाली विधानसभा में इस बार सबसे ज्यादा रीट परीक्षा को लेकर सवाल लगे हुए हैं. ऐसे में यह माना जा रहा था कि विपक्ष रीट परीक्षा को लेकर सरकार को सदन में जम कर घेरेगी. सदन में रीट परीक्षा को लेकर हंगामे के आसार थे. ऐसे में सरकार ने रीट परीक्षा को रद्द कर विपक्ष से इस मुद्दे को छीन लिया है.
विधायक दल की बैठक में रीट को लेकर चर्चाः कांग्रेस के चिंतन शिविर में भी रीट परीक्षा का मुद्दा उठा . बताया जा रहा है कि कैबिनेट से पहले सीएम गहलोत ने विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों से रीट परीक्षा को लेकर चर्चा की और सुझाव मांगे. विधायक दल की बैठक में भी ज्यादातर विधायक परीक्षा को लेकर उठे सवालों के बीच परीक्षा रद्द करने के पक्ष में थे.
मुख्यमंत्री ने कहा था हर गलती कीमत मांगती हैः प्रदेश में रीट पेपर लीक मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले ही कहा था कि हर गलती कीमत मांगती है और जिन लोगों ने गलती की है उन्हें उसकी सजा भुगतनी पड़ेगी . सीएम गहलोत ने कहा था कि आपराधिक लापरवाही बड़ा जुल्म होता है, हमने इस मामले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन को बर्खास्त किया है और सचिव को सस्पेंड किया है. कई और कार्मिकों को भी सस्पेंड किया गया है . जांच आगे बढ़ रही है और लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.