गया: बिहार के गया के रहने वाले एक लड़के की रूस में मौत (A Boy from Gaya Died in Russia) हो गई. छात्र मेडिकल की वहां पढ़ाई कर रहा था. मिली जानकारी के अनुसार रूस में पढ़ने वाले गया के छात्र सोनू कुमार की मौत की खबर के बाद खिजरसराय के लोदीपुर में रहने वाले परिजनों के बीच मातम का माहौल है. पिछले 7 दिनों से यह परिवार अपने होनहार लाडले के शव को पाने लिए तड़प रहा है. लेकिन इतने दिनों में सोनू का शव गया नहीं पहुंचा है. और ना ही डेड बॉडी कब पहुंचेगी, इसकी स्पष्ट जानकारी दी जा रही है.
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रूस पढ़ने गए छात्र की मौत: 25 मई की रात परिजनों की सोनू से बात हुई थी, 26 की सुबह उसकी मौत की मनहूस खबर मिली. उसके बाद छात्र सोनू के घर में पिछले 7 दिनों से चूल्हे नहीं जले है. उसके डेड बॉडी के लिए परिवार रोज आसरा देख रहा और निराश भी हो रहा. मृत छात्र सोनू कुमार के भाई चंदन कुमार का कहना है कि वह सबसे छोटा भाई था.
'28 वर्षीय सोनू रूस के स्ट्रेब्रोपोल में स्ट्रीट यूनिवर्सिटी का छात्र था. वह मेडिकल का फाइनल ईयर कर रहा था. 2016 से वह रूस में था. उसका सेशन 2016 से 22 था और 5 जुलाई 22 को उसे डिग्री लेकर घर को लौटना था. इसी बीच 26 मई को 11 बजे मोबाइल से कॉल आता है कि सोनू छत से गिर गया है. फिर उसकी मौत की खबर आधे घंटे बाद आ जाती है.' - चंदन कुमार, मृतक सोनू कुमार का भाई
शव को लाने के लिए परिजन लगा रहे गुहार: चंदन कुमार बताते हैं कि उसकी मौत की खबर के बाद भारत सरकार के एंबेसी (Indian Government Embassy) को फोन किया गया, जितने भी संस्थान थे, उन्हें भी फोन लगाया गया. किंतु कोई सहायता नहीं मिली है. पीएमओ-सीएमओ और गया में जिला पदाधिकारी को भी फोन किया गया पर अभी तक शव कब आएगा, इसकी तिथि कोई बताने को तैयार नहीं है. 7 दिन बीतने को है ऐसे में परिजनों की क्या हालत होगी, यह समझा जा सकता है.
7 दिनों से घर में नहीं जला चूल्हा: परिजनों का कहना है कि एक बार कोई मेरे सोनू का शव भारत ला दे. उन्होंने बताया कि एक बार दिल्ली एंबेसी ने कहा है कि बॉडी मिलेगी, लेकिन कब मिलेगी, यह स्पष्ट नहीं कर रहे हैं. वही लगातार दिन बीतने से सारे परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. अनिश्चितता के कारण परिजनों का बुरा हाल हुआ है. परिवार के लोग जानना चाहते हैं कि आखिर सप्ताह भर बाद भी सोनू का शव गया के खिजरसराय थाना अंतर्गत लोदीपुर गांव में क्यों नहीं आया.
सोनू की डेड बॉडी लाने की सरकार से गुहार: परिजनों के मुताबिक जब तक डेड बॉडी नहीं आ जाती, तब तक अंतिम संस्कार कैसे संभव है. स्थिति यह है कि 7 दिनों से लगातार घर में चूल्हे नहीं जले हैं. खिजरसराय के लोदीपुर में रहे घर के आसपास के लोग भी चूल्हे नहीं जला पा रहे हैं और गांव में मातम का माहौल है. भाई चंदन कुमार और कुंदन कुमार मांग करते हैं कि किसी तरह उनके भाई सोनू का शव रूस से मंगवा दिया जाए, ताकि अंतिम संस्कार किया जा सके.
आठवीं मंजिल से गिरने से हुई मौत: जिस संस्थान से सोनू पढ़ाई कर रहा था. उस संस्थान का कहना है कि आठ मंजिले इमारत से गिरने के कारण सोनू की मौत हुई है. रसिया स्थित भारतीय दूतावास ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया है कि सोनू के शव को भारत ले जाने की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की है और बीमा कंपनी इसे अंतरराष्ट्रीय सरकार का मामला बता रही है. बहरहाल जो भी हो एक मां अपने कलेजे के टुकड़े की लाश के लिए तड़प रही है.
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