हल्द्वानीः उत्तराखंड विधानसभा 2022 का चुनाव कई मायनों में इतिहास बन गया है. भाजपा ने चुनाव में बहुमत का आंकड़ा पारकर सरकार रिपीट न होने वाला मिथक तोड़ दिया है. तो कई ऐसे प्रत्याशी विधायक बने हैं, जो पहली बार विधानसभा की चौखट को पार करेंगे. दूसरी तरफ विधायक बनने के बाद उनके परिवार में खुशियों के साथ-साथ उनके नाते रिश्तेदार भी खुद को विधायक से कम नहीं समझ रहे हैं. लेकिन पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट सीट से भाजपा के चुनाव चिन्ह पर पहली बार विधायक बने फकीर राम टम्टा अपनी सादे जीवन के लिए जाने जाते हैं.
पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट सीट से भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक फकीर राम टम्टा एक समय में घर चलाने के लिए कारपेंटर का काम किया करते थे. लेकिन राजनीति ने उनकी किस्मत बदल दी और आज विधायक बनकर जनता की सेवा करने जा रहे हैं. लेकिन उनके विधायक बनने का रसूख उनके दोनों बेटों पर बिल्कुल भी नहीं है.
बड़ा बेटा जोड़ता है पंचरः फकीर राम टम्टा के दो बेटे हैं. बड़ा बेटा जगदीश टम्टा हल्द्वानी के दमुआदूंगा (चौपाल) पर रोड किनारे पिछले पंचर जोड़ने का काम करते हैं. वह हल्द्वानी में पिछले 12 साल से रहते हैं. जबकि छोटा बेटा वीरेंद्र राम टम्टा कारपेंटर का काम करता है. लेकिन दोनों बेटों को अपने इस काम से कोई शर्मिंदगी नहीं है. बड़े बेटे जगदीश अपने पिता के विधायक बनने पर काफी खुश हैं. लेकिन उनका कहना है कि अपना काम करने में किसी भी तरह की कोई शर्मिंदगी महसूस नहीं होती है. काम करेंगे तभी घर चल पाएगा.
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छोटा बेटा है कारपेंटरः फकीर राम टम्टा के छोटे बेटे वीरेंद्र राम टम्टा का कहना है कि अपने पिता के नक्शे कदम पर चल कर वह फर्नीचर का कारोबार कर रहे हैं. फर्नीचर का काम कर अपने परिवार को पाल रहे हैं. क्योंकि उनके पिता भी फर्नीचर का काम करते थे लेकिन आज विधायक हैं. उनको गर्व है कि वह विधायक के पुत्र हैं. लेकिन अपने कारपेंटर का काम करने पर किसी तरह की कोई शर्मिंदगी नहीं है.