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खतरे के निशान के ऊपर बनारस में गंगा, हालात जानने पहुंची ईटीवी भारत की टीम

वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बलिया, प्रयागराज के बाद वाराणसी में भी गंगा खतरे के निशान के ऊपर जा चुकी है और वर्तमान में खतरे के निशान यानी 71.26 मीटर से लगभग 22 सेंटीमीटर ऊपर 71.48 मीटर बह रही है.

ईटीवी भारत
खतरे के निशान के ऊपर बनारस में गंगा
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Published : Aug 27, 2022, 10:16 AM IST

वाराणसी: गंगा का जलस्तर उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में अब खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है. बलिया, प्रयागराज के बाद वाराणसी में भी गंगा खतरे के निशान के ऊपर जा चुकी है और वर्तमान में खतरे के निशान यानी 71.26 मीटर से लगभग 22 सेंटीमीटर ऊपर 71.48 मीटर बह रही है. जिसकी वजह से एक तरफ जहां गलियों सड़कों पर नाव चलने की स्थिति आ गई है, तो वहीं कॉलोनियों में पानी घुसने के बाद लोगों के सामने बड़ी परेशानी की स्थिति खड़ी होने लगी है.

जानकारी देते स्थानीय निवासी.

वाराणसी के लंका स्थित सामने घाट इलाके की दर्जन भर से ज्यादा कॉलोनियां पूरी तरह से पानी में डूब गई है, जिसके बाद यहां पर आने वाली लाखों की आबादी अब परेशान है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि कुछ ऐसे भी इलाके हैं. जहां अब तक मदद के नाम पर कोई भी नहीं पहुंचा, लेकिन इन इलाकों में ईटीवी भारत की टीम पहुंचकर जब लोगों से बातचीत की तो उन्होंने ईटीवी भारत की टीम का धन्यवाद किया और अपनी तकलीफों को बयां भी किया.

दरअसल, गंगा में पानी बढ़ने के बाद अब गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है, लेकिन उसके पहले ही वाराणसी के सामने घाट इलाके के मारुति नगर, गायत्री नगर, शिवपुरम कॉलोनी, मदररवा, सामनेघाट, समेत लगभग दर्जनभर कॉलोनी पूरी तरह से बाढ़ के पानी की चपेट में आ जाती हैं. गंगा के तटीय इलाकों के नजदीक होने की वजह से बाढ़ का पानी सीधे इन कॉलोनियों में प्रवेश करता है. जिसकी वजह से लाखों की आबादी प्रभावित होती है. इस वक्त भी इन कॉलोनियों में अकेले लगभग 10 लाख से ज्यादा लोगों के प्रभावित होने की वजह से इनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है.

प्रशासनिक स्तर पर दावे जरूर है कि लोगों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाने का प्रबंध है, लेकिन इन दावों की हकीकत इन्हीं कॉलोनी में आकर खुल रही है. जब ईटीवी भारत की टीम ने यहां पहुंचकर लोगों से बातचीत की तो उनका साफ तौर पर कहना था कि बीते 2 दिनों से पानी कॉलोनी में घुस चुका है, लेकिन अब तक किसी ने हमारी सुध नहीं ली है. हालात यह है कि लोगों के घरों के बाहर पानी है और लोग घर के बाहर निकल भी नहीं सकते. ऐसी स्थिति में लोगों ने घर की छतों पर डेरा डाल दिया है और रह रह कर हो रही बारिश की वजह से इनके लिए भी परेशानियां कम नहीं है. छत पर लगाकर लोगों की रहने की मजबूरी और प्रशासन की बेरुखी यहां के लोगों को परेशान कर रही है.

क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि लोगों के सामने दवा और खाने-पीने की चीज लेने जाने का संकट है. क्योंकि घरों के बाहर पानी आ जाने के कारण घरों में लोग कैद हो गए हैं धीरे-धीरे पानी और बढ़ता जा रहा है. वाराणसी में वर्तमान में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.48 मीटर पर बह रही है और गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद वरुणा नदी भी अब पूरी तरह से क्षेत्रीय इलाकों में जा चुकी है जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पलायन करना पड़ा है. वर्तमान में सभी बाढ़ राहत केंद्रों में लोगों की भीड़ भी बढ़ती जा रही है. क्योंकि धीरे-धीरे गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ वरुणा के ऊपर आने के कारण इसकी तटीय इलाकों में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन कर रहे हैं.

फिलहाल गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि अभी भी 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर ऊपर चल रहा है. जिसके कारण अभी दिक्कतें और बढ़ेंगी.

इसे भी पढे़ं- भदोही में गंगा का जलस्तर बढ़ने से खतरे के निशान के करीब, लोगों में दहशत

वाराणसी: गंगा का जलस्तर उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में अब खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है. बलिया, प्रयागराज के बाद वाराणसी में भी गंगा खतरे के निशान के ऊपर जा चुकी है और वर्तमान में खतरे के निशान यानी 71.26 मीटर से लगभग 22 सेंटीमीटर ऊपर 71.48 मीटर बह रही है. जिसकी वजह से एक तरफ जहां गलियों सड़कों पर नाव चलने की स्थिति आ गई है, तो वहीं कॉलोनियों में पानी घुसने के बाद लोगों के सामने बड़ी परेशानी की स्थिति खड़ी होने लगी है.

जानकारी देते स्थानीय निवासी.

वाराणसी के लंका स्थित सामने घाट इलाके की दर्जन भर से ज्यादा कॉलोनियां पूरी तरह से पानी में डूब गई है, जिसके बाद यहां पर आने वाली लाखों की आबादी अब परेशान है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि कुछ ऐसे भी इलाके हैं. जहां अब तक मदद के नाम पर कोई भी नहीं पहुंचा, लेकिन इन इलाकों में ईटीवी भारत की टीम पहुंचकर जब लोगों से बातचीत की तो उन्होंने ईटीवी भारत की टीम का धन्यवाद किया और अपनी तकलीफों को बयां भी किया.

दरअसल, गंगा में पानी बढ़ने के बाद अब गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है, लेकिन उसके पहले ही वाराणसी के सामने घाट इलाके के मारुति नगर, गायत्री नगर, शिवपुरम कॉलोनी, मदररवा, सामनेघाट, समेत लगभग दर्जनभर कॉलोनी पूरी तरह से बाढ़ के पानी की चपेट में आ जाती हैं. गंगा के तटीय इलाकों के नजदीक होने की वजह से बाढ़ का पानी सीधे इन कॉलोनियों में प्रवेश करता है. जिसकी वजह से लाखों की आबादी प्रभावित होती है. इस वक्त भी इन कॉलोनियों में अकेले लगभग 10 लाख से ज्यादा लोगों के प्रभावित होने की वजह से इनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है.

प्रशासनिक स्तर पर दावे जरूर है कि लोगों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाने का प्रबंध है, लेकिन इन दावों की हकीकत इन्हीं कॉलोनी में आकर खुल रही है. जब ईटीवी भारत की टीम ने यहां पहुंचकर लोगों से बातचीत की तो उनका साफ तौर पर कहना था कि बीते 2 दिनों से पानी कॉलोनी में घुस चुका है, लेकिन अब तक किसी ने हमारी सुध नहीं ली है. हालात यह है कि लोगों के घरों के बाहर पानी है और लोग घर के बाहर निकल भी नहीं सकते. ऐसी स्थिति में लोगों ने घर की छतों पर डेरा डाल दिया है और रह रह कर हो रही बारिश की वजह से इनके लिए भी परेशानियां कम नहीं है. छत पर लगाकर लोगों की रहने की मजबूरी और प्रशासन की बेरुखी यहां के लोगों को परेशान कर रही है.

क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि लोगों के सामने दवा और खाने-पीने की चीज लेने जाने का संकट है. क्योंकि घरों के बाहर पानी आ जाने के कारण घरों में लोग कैद हो गए हैं धीरे-धीरे पानी और बढ़ता जा रहा है. वाराणसी में वर्तमान में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.48 मीटर पर बह रही है और गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद वरुणा नदी भी अब पूरी तरह से क्षेत्रीय इलाकों में जा चुकी है जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पलायन करना पड़ा है. वर्तमान में सभी बाढ़ राहत केंद्रों में लोगों की भीड़ भी बढ़ती जा रही है. क्योंकि धीरे-धीरे गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ वरुणा के ऊपर आने के कारण इसकी तटीय इलाकों में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन कर रहे हैं.

फिलहाल गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि अभी भी 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर ऊपर चल रहा है. जिसके कारण अभी दिक्कतें और बढ़ेंगी.

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