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कैब व टैक्सी कंपनियों से धोखाधड़ी का भंडाफोड़, फर्जी सवारी दिखाकर वसूलते थे पैसे, तीन गिरफ्तार

कर्नाटक पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो कैब और टैक्सी सेवा कंपनियों के साथ धोखाधड़ी करता था. पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास कई सिम-कार्ड और अन्य चीजें बरामद की हैं.

Fraud with cab companies
कैब कंपनियों के साथ धोखाधड़ी
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Published : Jun 6, 2023, 10:49 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक पुलिस ने प्री-एक्टिवेटिड सिम कार्ड का इस्तेमाल कर ऐप आधारित कैब और टैक्सी सेवा कंपनियों से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. बेंगलुरु की सीसीबी पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान मनोज कुमार, सचिन और शंकर के तौर पर हुई है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मनोज कुमार ने उबर और रैपिडो कंपनियों को ड्राइवर मुहैया कराने के लिए वेंडरशिप हासिल की थी.

इसके अलावा सचिन जहां फाइनेंस कंपनियों से कर्ज दिलाने का काम कर रहा था, वहीं शंकर कंपनी के लिए सिम कार्ड बांटने का काम कर रहा था. ठगी के लिए सभी जरूरी सुविधाएं होने के बाद तीनों मिलकर फर्जी दस्तावेज जारी कर अलग-अलग नाम से चालकों की प्रोफाइल बनाते थे. इसके बाद में ये तीनों आरोपी प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड का इस्तेमाल कर फर्जी राइड बुक करते थे.

बाद में, सॉफ्टवेयर का उपयोग करके ये तीनों आरोपी नकली सवारी दिखाकर उबर और रैपिडो कंपनियों के साथ धोखाधड़ी करते थे और वाहन, चालक और कोई सवारी न होने के बावजूद कंपनियों से नकद भुगतान प्राप्त करते थे. स्वाभाविक रूप से, अभियुक्तों को प्रति दिन निश्चित संख्या में सवारी करने पर प्रोत्साहन मिलता था.

पढ़ें: बेंगलुरु में युवती की मौत के मामले में हत्या का संदेह, नई दिल्ली के रहने वाले प्रेमी की तलाश शुरू

इस हरकत के लिए आरोपियों ने सिम कार्ड खरीदने और कर्ज लेने के लिए जनता द्वारा दिए गए दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया था. आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस ने उनके पास से 1,055 प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड, 15 मोबाइल फोन, 4 लैपटॉप और कंप्यूटर जब्त किए हैं.

बेंगलुरु: कर्नाटक पुलिस ने प्री-एक्टिवेटिड सिम कार्ड का इस्तेमाल कर ऐप आधारित कैब और टैक्सी सेवा कंपनियों से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. बेंगलुरु की सीसीबी पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान मनोज कुमार, सचिन और शंकर के तौर पर हुई है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मनोज कुमार ने उबर और रैपिडो कंपनियों को ड्राइवर मुहैया कराने के लिए वेंडरशिप हासिल की थी.

इसके अलावा सचिन जहां फाइनेंस कंपनियों से कर्ज दिलाने का काम कर रहा था, वहीं शंकर कंपनी के लिए सिम कार्ड बांटने का काम कर रहा था. ठगी के लिए सभी जरूरी सुविधाएं होने के बाद तीनों मिलकर फर्जी दस्तावेज जारी कर अलग-अलग नाम से चालकों की प्रोफाइल बनाते थे. इसके बाद में ये तीनों आरोपी प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड का इस्तेमाल कर फर्जी राइड बुक करते थे.

बाद में, सॉफ्टवेयर का उपयोग करके ये तीनों आरोपी नकली सवारी दिखाकर उबर और रैपिडो कंपनियों के साथ धोखाधड़ी करते थे और वाहन, चालक और कोई सवारी न होने के बावजूद कंपनियों से नकद भुगतान प्राप्त करते थे. स्वाभाविक रूप से, अभियुक्तों को प्रति दिन निश्चित संख्या में सवारी करने पर प्रोत्साहन मिलता था.

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इस हरकत के लिए आरोपियों ने सिम कार्ड खरीदने और कर्ज लेने के लिए जनता द्वारा दिए गए दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया था. आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस ने उनके पास से 1,055 प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड, 15 मोबाइल फोन, 4 लैपटॉप और कंप्यूटर जब्त किए हैं.

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