सागर। खबर मध्यप्रदेश से है. जहां सागर जिले से बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. .यहां जिले के रेहली विकासखंड के कांसल पिपरिया गांव में एक परिवार के चार लोगों की आंखों की रोशनी चली गई. ये घटना एक नामी निजी कंपनी के शैम्पू प्रोडक्ट का उपयोग करने के बाद घटी है. सभी सदस्यों ने नहाते वक्त इस कंपनी का शैंपू का बाल धोने के लिए लगाया था. रविवार के दिन ये शैम्पू गांव की एक दुकान से खरीदकर लाए थे.
जानकारी के मुताबिक, शैम्पू लगाने के बाद पहले तो कुछ देर लोगों को आंखों में जलन हुई. इसके कुछ देर बाद दिखना कम हो गया. परिवार के लोगों को समझ नहीं आया और दूसरे परिजन भी शैंपू लगाते रहे और चारों लोग एक जैसी समस्या से घिर गए. पहले तो पीडितों ने सोचा कि कुछ देर में ठीक हो जाएगा, लेकिन दो दिन बाद भी जब आंखों से दिखना शुरू नहीं हुआ, तो रहली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद चारों को बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज सागर रैफर कर दिया.
क्या है मामला: पीड़ित परिवार और रहली सामुदायिक स्वास्थय केंद्र के डाॅक्टर से मिली जानकारी के अनुसार, विकासखंड के कांसल पिपरिया गांव में रविवार के दिन करीब 12 बजे 60 साल की वतीबाई लोधी और परिवार की एक और 82 साल की बुजुर्ग महिला नत्थीबाई लोधी ने घर पर नहाया, इनके अलावा आठ साल की लड़की उमा और छ साल के प्रताप लोधी ने घर के पास बने हैंडपंड पर नहाया.
नहाने के कुछ देर बाद सबकी आंखों में जलन होने लगी. तेजी से आंसू आने लगे. देर शाम तक आंखों में जलन के साथ आंखों की रोशनी भी धुंधली पड़ने लगी. तो गांव से ही आई ड्राप खरीदकर सभी लोग आंखों में डालकर सो गए. लेकिन सुबह समस्या जस की तस रही. परिवार के लोग मजदूरी करके भरण पोषण करते हैं, तो काम के कारण सोमवार को इलाज कराने के लिए रहली या सागर नहीं पहुंच सके और मंगलवार को रहली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद चारों को बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज रैफर कर दिया. फिलहाल नेत्र रोग विभाग में उनका इलाज चल रहा है.
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डॉक्टरों का क्या कहना है: रहली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ डाॅ गजेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि कांसल पिपरिया गांव से एक ही परिवार के चार लोग आए थे. उन्होंने बताया था कि उन्हें देखने में समस्या हो रही है. जिनका प्राथमिक उपचार कर नेत्र चिकित्सक से इलाज के लिए सागर रैफर किया गया है. इन लोगों के साथ ये घटना रविवार को हुई थी. लेकिन पीडित एकाध दिन में ठीक होने की बात सोचकर घर पर ही रहे. जब मंगलवार तक आंखो से दिखना शुरू नहीं हुआ, तो रहली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे.
डॉक्टर का कहना है कि शैंपू में कई तरह के केमीकल का उपयोग होता है. केमिकल की मात्रा कम ज्यादा हो जाने के कारण ऐसी समस्या आती है. इसी वजह से आंखों में रोशनी कम हो गई होगी. फिलहाल विशेषज्ञ इलाज के लिए उन्हें रैफर किया गया है.
क्या कहना है नेत्र चिकित्सक का: बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज के नेत्र रोग विभाग के प्रमुख डा प्रवीण खरे का कहना है कि इस तरह के केमिकल से आंखों में खुजली करने पर पुतली में सूजन आ जाती है. इसलिए आंखों की रोशनी कम हो जाती है. सभी का इलाज शुरू हो गया और उम्मीद है कि दो चार दिन में सबको दिखना शुरू हो जाएगा. फिलहाल, सभी पीड़ितों के लिए एक हफ्ते तक डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है.