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उत्तराखंड के पूर्व DGP आलोक बी लाल ने वनंत्रा रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाने को बताया गलत, दिए ये तर्क - bulldozer at Vanantra Resort

उत्तराखंड के अंकिता भंडारी हत्याकांड में यमकेश्वर ब्लॉक के गंगा भोगपुर तल्ला में स्थित बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के वनंत्रा रिजॉर्ट पर रात के समय बुलडोजर गरजा. बुलडोजर की कार्रवाई सवालों के घेरे में है. अब उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी आलोक बी लाल ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को गलत ठहराया है.

Vanantra Resort Rishikesh
वनंत्रा रिजॉर्ट पर रात के समय बुलडोजर
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Published : Sep 28, 2022, 2:30 PM IST

देहरादूनः अंकिता भंडारी मर्डर केस (Ankita Bhandari Murder Case) में बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के रिजॉर्ट वनंत्रा पर आधी रात को बुलडोजर चलाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं. उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी रहे आलोक बी लाल ने सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि जिस तरह से रिजॉर्ट को गिराने में जल्दबाजी दिखाई गई है, उससे कई तरह के सबूत वहां से नष्ट हो गए होंगे. इतनी जल्दबाजी किसी तरह से किसी भी मामले में सही नहीं है.

दरअसल, बीती 23 सितंबर को यमकेश्वर ब्लॉक के गंगा भोगपुर तल्ला में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट पर रात के समय बुलडोजर गरजा. जिसे लेकर कई सवाल भी खड़े हो गए थे. जब रिजॉर्ट पर बुलडोजर चला, उस समय तक अंकिता भंडारी का शव बरामद नहीं हुआ था. ऐसे में सवाल ये भी खड़ा हो रहा है कि आखिरकार आधी रात को ऐसा क्या हुआ जो बुलडोजर चलाना पड़ा? इस मामले में उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी आलोक बी लाल (Uttarakhand Former DGP Alok B Lal) का कहना है कि बुलडोजर चलने से रिजॉर्ट का काफी हिस्सा नीचे गिर गया है. जिससे कई सबूत मिट गए हैं.
ये भी पढ़ेंः वनंत्रा रिजॉर्ट में किसके कहने पर चला बुलडोजर, डीएम ने बताई वजह

उनका कहना है कि जिस कमरे में अंकिता भंडारी रहती थी, उस कमरे को भी तोड़ा गया है. उन्होंने कहा है कि ऐसे में फॉरेंसिक जांच को बाल से लेकर खाल, पसीना, लार जैसे सैंपल भी उठाने पड़ते हैं, लेकिन ध्वस्तीकरण के बाद ये सब नष्ट हो गया होगा. बाकी कसर वहां हुई तोड़फोड़ और आगजनी ने पूरी कर दी. ऐसे में कैसे इस पूरे मामले की फॉरेंसिक जांच हो पाएगी, यह भी बड़ा सवाल है.

आखिरकार इतनी जल्दबाजी यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट (Yamkeshwar MLA Renu Bisht) ने भी क्यों दिखाई? वो भी उस वक्त मौके पर मौजूद थीं. जब यह बुलडोजर रिजॉर्ट पर चल रहा था किस के आदेशों पर यह कार्य हुआ? यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है, लेकिन अब जाकर एक पौड़ी डीएम का कहना कि जो अवैध हिस्सा था, उसे गिराया गया है. सवाल तो ये खड़ा होता है कि पूरी फैक्ट्री और रिजॉर्ट पर्यटन विभाग से बिना एनओसी के चल रहे थे. जबकि जमीन फैक्ट्री के नाम पर ली गई थी.
ये भी पढ़ेंः अंकिता हत्याकांड से जुड़ा वनंत्रा रिजॉर्ट यूट्यूबर के लिए बना हॉटस्पॉट, वीडियो बनाने की होड़

क्या था मामलाः बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के डोभ श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगापुर भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. ये रिजॉर्ट बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित का था. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी, लेकिन बीती 18 सितंबर को अंकिता रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. वहीं, 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.

वहीं, जब पुलिस ने जांच की तो रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी. लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया और पूछताछ की, तब जाकर तीनों ने राज उगला. इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

देहरादूनः अंकिता भंडारी मर्डर केस (Ankita Bhandari Murder Case) में बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के रिजॉर्ट वनंत्रा पर आधी रात को बुलडोजर चलाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं. उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी रहे आलोक बी लाल ने सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि जिस तरह से रिजॉर्ट को गिराने में जल्दबाजी दिखाई गई है, उससे कई तरह के सबूत वहां से नष्ट हो गए होंगे. इतनी जल्दबाजी किसी तरह से किसी भी मामले में सही नहीं है.

दरअसल, बीती 23 सितंबर को यमकेश्वर ब्लॉक के गंगा भोगपुर तल्ला में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट पर रात के समय बुलडोजर गरजा. जिसे लेकर कई सवाल भी खड़े हो गए थे. जब रिजॉर्ट पर बुलडोजर चला, उस समय तक अंकिता भंडारी का शव बरामद नहीं हुआ था. ऐसे में सवाल ये भी खड़ा हो रहा है कि आखिरकार आधी रात को ऐसा क्या हुआ जो बुलडोजर चलाना पड़ा? इस मामले में उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी आलोक बी लाल (Uttarakhand Former DGP Alok B Lal) का कहना है कि बुलडोजर चलने से रिजॉर्ट का काफी हिस्सा नीचे गिर गया है. जिससे कई सबूत मिट गए हैं.
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उनका कहना है कि जिस कमरे में अंकिता भंडारी रहती थी, उस कमरे को भी तोड़ा गया है. उन्होंने कहा है कि ऐसे में फॉरेंसिक जांच को बाल से लेकर खाल, पसीना, लार जैसे सैंपल भी उठाने पड़ते हैं, लेकिन ध्वस्तीकरण के बाद ये सब नष्ट हो गया होगा. बाकी कसर वहां हुई तोड़फोड़ और आगजनी ने पूरी कर दी. ऐसे में कैसे इस पूरे मामले की फॉरेंसिक जांच हो पाएगी, यह भी बड़ा सवाल है.

आखिरकार इतनी जल्दबाजी यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट (Yamkeshwar MLA Renu Bisht) ने भी क्यों दिखाई? वो भी उस वक्त मौके पर मौजूद थीं. जब यह बुलडोजर रिजॉर्ट पर चल रहा था किस के आदेशों पर यह कार्य हुआ? यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है, लेकिन अब जाकर एक पौड़ी डीएम का कहना कि जो अवैध हिस्सा था, उसे गिराया गया है. सवाल तो ये खड़ा होता है कि पूरी फैक्ट्री और रिजॉर्ट पर्यटन विभाग से बिना एनओसी के चल रहे थे. जबकि जमीन फैक्ट्री के नाम पर ली गई थी.
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वहीं, जब पुलिस ने जांच की तो रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी. लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया और पूछताछ की, तब जाकर तीनों ने राज उगला. इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

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