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उमा भारती का विवादित बयान- ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है, चप्पल उठाने वाली

मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने हाल ही में एमपी में शराबबंदी के लिए अभियान चलाने का एलान किया था, अब ब्यूरोक्रेसी पर विवादित टिप्पणी कर फिर सुर्खियों में है.

Uma Bharti
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Published : Sep 20, 2021, 4:18 PM IST

Updated : Sep 20, 2021, 4:49 PM IST

भोपाल : मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने हाल ही में एमपी में शराबबंदी के लिए अभियान चलाने का एलान किया था, अब ब्यूरोक्रेसी पर विवादित टिप्पणी कर फिर सुर्खियों में हैं, उमा भारती ने ब्यूरोक्रेसी को मानने से ही इनकार करते हुए कहा कि ब्यूरोक्रेसी कुछ नहीं होती है, ये तो नेताओं की चप्पल उठाने के लिए होती है. वहीं ब्यूरोक्रेसी द्वारा नेताओं को घुमाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये फालतू बात है ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है, ब्यूरोक्रेसी नेता को घुमाती नहीं, अकेले में बात हो जाती है फिर ब्यूरोक्रेसी फाइल बनाकर लाती है.

वहीं प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिये जाने को लेकर चल रही खींचतान पर उन्होंने दो टूक कहा कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण लेकर भी क्या करोगे, जब सरकारी में कुछ बच ही नहीं रहा है, सबकुछ प्राइवेट किया जा रहा है तो ऐसे में आप सबको निजी क्षेत्रों में आरक्षण की मांग करनी चाहिए, तभी कुछ भला होगा. साथ ही एक ही देवता और एक ही पूजा पद्धति के अलावा बेटी-रोटी से ही आपकी ताकत बढ़ेगी.

ब्यूरोक्रेसी पर उमा भारती की विवादित टिप्पणी.

पढ़ेंः उमा भारती ने शिवराज सिंह को दी चेतावनी, जानिए क्यों कहा चलाएंगी लट्ठ

उमा भारती हाल ही में शराबबंदी के मुद्दे पर शिवराज सरकार को चेतावनी दे चुकी हैं, जिस वक्त जबलपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों को रिझाने की कोशिश कर रहे थे, उसी वक्त भोपाल में उमा भारती शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर रही थीं, उन्होंने साफ कर दिया है कि वे 15 जनवरी के बाद सड़क पर उतरेंगी क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जनजागरुकता के लिए 6 महीने का समय दिया है. इसके बाद शराबबंदी में सुधार नहीं हुआ तो वे डंडा लेकर सड़कों पर उतर जाएंगी.

भोपाल : मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने हाल ही में एमपी में शराबबंदी के लिए अभियान चलाने का एलान किया था, अब ब्यूरोक्रेसी पर विवादित टिप्पणी कर फिर सुर्खियों में हैं, उमा भारती ने ब्यूरोक्रेसी को मानने से ही इनकार करते हुए कहा कि ब्यूरोक्रेसी कुछ नहीं होती है, ये तो नेताओं की चप्पल उठाने के लिए होती है. वहीं ब्यूरोक्रेसी द्वारा नेताओं को घुमाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये फालतू बात है ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है, ब्यूरोक्रेसी नेता को घुमाती नहीं, अकेले में बात हो जाती है फिर ब्यूरोक्रेसी फाइल बनाकर लाती है.

वहीं प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिये जाने को लेकर चल रही खींचतान पर उन्होंने दो टूक कहा कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण लेकर भी क्या करोगे, जब सरकारी में कुछ बच ही नहीं रहा है, सबकुछ प्राइवेट किया जा रहा है तो ऐसे में आप सबको निजी क्षेत्रों में आरक्षण की मांग करनी चाहिए, तभी कुछ भला होगा. साथ ही एक ही देवता और एक ही पूजा पद्धति के अलावा बेटी-रोटी से ही आपकी ताकत बढ़ेगी.

ब्यूरोक्रेसी पर उमा भारती की विवादित टिप्पणी.

पढ़ेंः उमा भारती ने शिवराज सिंह को दी चेतावनी, जानिए क्यों कहा चलाएंगी लट्ठ

उमा भारती हाल ही में शराबबंदी के मुद्दे पर शिवराज सरकार को चेतावनी दे चुकी हैं, जिस वक्त जबलपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों को रिझाने की कोशिश कर रहे थे, उसी वक्त भोपाल में उमा भारती शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर रही थीं, उन्होंने साफ कर दिया है कि वे 15 जनवरी के बाद सड़क पर उतरेंगी क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जनजागरुकता के लिए 6 महीने का समय दिया है. इसके बाद शराबबंदी में सुधार नहीं हुआ तो वे डंडा लेकर सड़कों पर उतर जाएंगी.

Last Updated : Sep 20, 2021, 4:49 PM IST
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