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UP NEWS: आयुष घोटाले में पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी अब जाएंगे जेल, STF ने कसा शिकंजा

धर्म सिंह सैनी पहले भाजपा में थे. पहली योगी सरकार (Yogi Government) में वह आयुष मंत्री भी रहे लेकिन, 2022 के विधानसभा चुनाव (UP assembly Election) से पहले वह समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में चले गए थे. आयुष घोटाले (Ayush Scam) में फंसने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए सैनी ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था.

पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी
पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी
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Published : Feb 16, 2023, 3:45 PM IST

लखनऊ: आयुष कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर हुए घोटाले में पूर्व आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी पर एसटीएफ ने शिकंजा कस दिया है. सैनी पर आरोप है कि उन्होंने आयुष कालेजों की मान्यता करवाने के नाम पर घूस ली थी. ये खुलासा धर्म सिंह सैनी के पूर्व निजी सचिव राज कुमार दिवाकर के बयानों के बाद हुआ है. एसटीएफ के नोटिस भेजने के बाद गिरफ्तारी की आशंका पर सैनी ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

धर्म सिंह सैनी योगी सरकार के पहले टर्म में आयुष मंत्री थे. साल 2022 के चुनाव से पहले वो सपा में चले गए थे. एसटीएफ द्वारा आयुष कॉलेजों में बिना नीट के हुए एडमिशन के मामले में दाखिल की गई चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि यूजी और पीजी कॉलेजों की मान्यता के लिए एक करोड़ 60 लाख रुपये की घूस आई थी. इसका एक बड़ा हिस्सा धर्म सिंह सैनी को दिया गया था.

चार्जशीट के अनुसार पूर्व निदेशक आयुष एसएन सिंह और डॉ. उमाकांत यादव ने एसटीएफ को बयान दिया है कि साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक आदेश के चलते डॉ. अकरम और डॉ. अनवर सईद आयुष निदेशालय में डॉ. उमाकांत से मिले थे. अनवर और अकरम ने उमाकांत से कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जल्द से जल्द अनुपालन करवा दें तो यूजी की मान्यता के लिए एक करोड़ 10 लाख रुपये और पीजी के लिए 50 लाख रुपये दे देंगे.

इसके बाद उमाकांत ने एसएन सिंह से बात करने के बाद उन्हें आश्वस्त किया कि काम हो जाएगा मंत्री जी से मुलाकात करवा देते हैं. दोनों ने तत्कालीन आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी के निजी सचिव राजकुमार दिवाकर से बात कर मुलाकात का समय ले लिया. दिवाकर ने सईद और अकरम की धर्म सिंह सैनी से मुलाकात करवाई. मुलाकात के दौरान मंत्री से हरी झंडी मिलने के बाद अनवर और अकरम ने यूजी के लिए एक करोड़ 10 लाख रुपये एसएन सिंह व उमाकांत को दिए. उसके बाद पीजी की फाइल के लिए 50 लाख रुपये दिए, जिसे मंत्री समेत सभी ने आपस में बांट लिया था.

एसटीएफ ने तत्कालीन आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी के निजी सचिव रहे राजकुमार दिवाकर का मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया, जिसे राजकुमार ने बयान में दोहराया भी है. उसने अपने बयान में पूर्व मंत्री द्वारा रिश्वत लिए जाने की पुष्टि की है. एसटीएफ ने सियानी को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन बीमारी की बात कहकर वो पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे थे. अब राजकुमार के बयान से ही तत्कालीन मंत्री धर्म सिंह सैनी की मुश्किलें बढ़ रही हैं.

ये भी पढ़ेंः प्रदेश के कई शहरों में ईडी की छापेमारी, जानिए वजह

लखनऊ: आयुष कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर हुए घोटाले में पूर्व आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी पर एसटीएफ ने शिकंजा कस दिया है. सैनी पर आरोप है कि उन्होंने आयुष कालेजों की मान्यता करवाने के नाम पर घूस ली थी. ये खुलासा धर्म सिंह सैनी के पूर्व निजी सचिव राज कुमार दिवाकर के बयानों के बाद हुआ है. एसटीएफ के नोटिस भेजने के बाद गिरफ्तारी की आशंका पर सैनी ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

धर्म सिंह सैनी योगी सरकार के पहले टर्म में आयुष मंत्री थे. साल 2022 के चुनाव से पहले वो सपा में चले गए थे. एसटीएफ द्वारा आयुष कॉलेजों में बिना नीट के हुए एडमिशन के मामले में दाखिल की गई चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि यूजी और पीजी कॉलेजों की मान्यता के लिए एक करोड़ 60 लाख रुपये की घूस आई थी. इसका एक बड़ा हिस्सा धर्म सिंह सैनी को दिया गया था.

चार्जशीट के अनुसार पूर्व निदेशक आयुष एसएन सिंह और डॉ. उमाकांत यादव ने एसटीएफ को बयान दिया है कि साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक आदेश के चलते डॉ. अकरम और डॉ. अनवर सईद आयुष निदेशालय में डॉ. उमाकांत से मिले थे. अनवर और अकरम ने उमाकांत से कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जल्द से जल्द अनुपालन करवा दें तो यूजी की मान्यता के लिए एक करोड़ 10 लाख रुपये और पीजी के लिए 50 लाख रुपये दे देंगे.

इसके बाद उमाकांत ने एसएन सिंह से बात करने के बाद उन्हें आश्वस्त किया कि काम हो जाएगा मंत्री जी से मुलाकात करवा देते हैं. दोनों ने तत्कालीन आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी के निजी सचिव राजकुमार दिवाकर से बात कर मुलाकात का समय ले लिया. दिवाकर ने सईद और अकरम की धर्म सिंह सैनी से मुलाकात करवाई. मुलाकात के दौरान मंत्री से हरी झंडी मिलने के बाद अनवर और अकरम ने यूजी के लिए एक करोड़ 10 लाख रुपये एसएन सिंह व उमाकांत को दिए. उसके बाद पीजी की फाइल के लिए 50 लाख रुपये दिए, जिसे मंत्री समेत सभी ने आपस में बांट लिया था.

एसटीएफ ने तत्कालीन आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी के निजी सचिव रहे राजकुमार दिवाकर का मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया, जिसे राजकुमार ने बयान में दोहराया भी है. उसने अपने बयान में पूर्व मंत्री द्वारा रिश्वत लिए जाने की पुष्टि की है. एसटीएफ ने सियानी को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन बीमारी की बात कहकर वो पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे थे. अब राजकुमार के बयान से ही तत्कालीन मंत्री धर्म सिंह सैनी की मुश्किलें बढ़ रही हैं.

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