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पीएम मोदी के करीबी पूर्व IAS एके शर्मा बने यूपी भाजपा के उपाध्यक्ष

उत्तर प्रदेश में भाजपा में शनिवार को कई एलान किए गए. पूर्व आईएएस एके शर्मा (ak sharma) को पार्टी का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है. दो प्रदेश मंत्री बनाने के साथ जिलों में युवा मोर्चा के लिए नए नामों का एलान किया गया है.

पूर्व आईएएस शर्मा
पूर्व आईएएस शर्मा
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Published : Jun 19, 2021, 5:20 PM IST

Updated : Jun 19, 2021, 6:58 PM IST

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने शनिवार को एक प्रदेश उपाध्यक्ष व दो प्रदेश मंत्री घोषित किए हैं. इसमें पूर्व आईएएस और एमएलसी एके शर्मा को प्रदेश उपाध्यक्ष (vice president of up bjp), अर्चना मिश्रा (लखनऊ) और अमित वाल्मीकि (बुलन्दशहर) को प्रदेश मंत्री नियुक्त किया गया है.

इसके साथ ही पार्टी के विभिन्न मोर्चों के प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा भी की गई है. फर्रुखाबाद के प्रांशुदत्त द्विवेदी को युवा मोर्चा, राज्यसभा सांसद औरैया की गीताशाक्य को महिला मोर्चा, गोरखपुर के कामेश्वर सिंह को किसान मोर्चा की कमान सौंपी गई है.

पढ़ें- BJP में शामिल हुए पूर्व IAS अफसर एके शर्मा, मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

पूर्व सांसद नरेन्द्र कश्यप को पिछड़ा वर्ग मोर्चा, सांसद कौशल किशोर को अनुसूचित जाति मोर्चा, गोरखपुर के संजय गोण्ड को अनुसूचित जनजाति मोर्चा व कुंवर बासित अली को अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया है.

जनवरी में थामा था भाजपा का दामन

भाजपा 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है. इसी को लेकर बड़े बदलाव हो रहे हैं. 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अफसर ए.के. शर्मा का एमएसएमई सचिव (मझोले,लघु व सूक्ष्म मंत्रालय में सचिव) के पद से दो साल पहले वीआरएस लेना चर्चा का विषय बना हुआ था.

स्वतंत्र देव सिंह ने दिया था बड़ा बयान

एके शर्मा को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की पहले से ही अटकलें थीं. प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा था कि शर्मा करीब 20 सालों तक नरेंद्र मोदी के साथ काम किए हैं. विधान परिषद के सदस्य बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा था कि आज पार्टी का झंडा पकड़े हैं, जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे निभायेंगे.

1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस
ए.के. शर्मा 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. वो पॉलिटिकल साइंस में फर्स्ट क्लास से मास्टर डिग्री प्राप्त ब्यूरोक्रेट हैं. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के तत्कालीन आजमगढ़ के काझाखुर्द गांव में 11 अप्रैल 1962 को हुआ था. इनके नाम कई सफलतायें दर्ज हैं. जिनमें टाटा नैनों को गुजरात लाने, प्रदेश में निवेश और वाइब्रेंट गुजरात समिट के आयोजनों में इनकी भूमिका अहम रही है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी और यूएसए से स्ट्रक्चरिंग टैरीफ की ट्रेनिंग भी ली है.

20 सालों से पीएम मोदी के हैं भरोसेमंद
एके शर्मा पीएम मोदी के सबसे खास ब्यूरोक्रेट में से एक हैं. वे पिछले 20 सालों से नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद बने हुए हैं. जून 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही वे प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव के तौर पर नियुक्त किए गए थे.

पढ़ें- यूपी : चुनावी मोड में बीजेपी, नेताओं के ताबड़तोड़ दौरे जारी

2017 में पदोन्नति मिलने के साथ वे वर्तमान में प्रधानमंत्री कार्यालय में एडिशनल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं. शानदार गवर्नेंस, गंभीरता, व्यवहार कुशलता और दूरदर्शिता में उनको महारत हासिल है. उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसला लेने की क्षमता जैसे कई मुद्दों पर किए गए फेम इंडिया मैगजीन- एशिया पोस्ट के सालाना सर्वे असरदार ब्यूरोक्रेट्स 2019 में उनका प्रमुख स्थान रहा है.

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने शनिवार को एक प्रदेश उपाध्यक्ष व दो प्रदेश मंत्री घोषित किए हैं. इसमें पूर्व आईएएस और एमएलसी एके शर्मा को प्रदेश उपाध्यक्ष (vice president of up bjp), अर्चना मिश्रा (लखनऊ) और अमित वाल्मीकि (बुलन्दशहर) को प्रदेश मंत्री नियुक्त किया गया है.

इसके साथ ही पार्टी के विभिन्न मोर्चों के प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा भी की गई है. फर्रुखाबाद के प्रांशुदत्त द्विवेदी को युवा मोर्चा, राज्यसभा सांसद औरैया की गीताशाक्य को महिला मोर्चा, गोरखपुर के कामेश्वर सिंह को किसान मोर्चा की कमान सौंपी गई है.

पढ़ें- BJP में शामिल हुए पूर्व IAS अफसर एके शर्मा, मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

पूर्व सांसद नरेन्द्र कश्यप को पिछड़ा वर्ग मोर्चा, सांसद कौशल किशोर को अनुसूचित जाति मोर्चा, गोरखपुर के संजय गोण्ड को अनुसूचित जनजाति मोर्चा व कुंवर बासित अली को अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया है.

जनवरी में थामा था भाजपा का दामन

भाजपा 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है. इसी को लेकर बड़े बदलाव हो रहे हैं. 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अफसर ए.के. शर्मा का एमएसएमई सचिव (मझोले,लघु व सूक्ष्म मंत्रालय में सचिव) के पद से दो साल पहले वीआरएस लेना चर्चा का विषय बना हुआ था.

स्वतंत्र देव सिंह ने दिया था बड़ा बयान

एके शर्मा को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की पहले से ही अटकलें थीं. प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा था कि शर्मा करीब 20 सालों तक नरेंद्र मोदी के साथ काम किए हैं. विधान परिषद के सदस्य बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा था कि आज पार्टी का झंडा पकड़े हैं, जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे निभायेंगे.

1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस
ए.के. शर्मा 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. वो पॉलिटिकल साइंस में फर्स्ट क्लास से मास्टर डिग्री प्राप्त ब्यूरोक्रेट हैं. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के तत्कालीन आजमगढ़ के काझाखुर्द गांव में 11 अप्रैल 1962 को हुआ था. इनके नाम कई सफलतायें दर्ज हैं. जिनमें टाटा नैनों को गुजरात लाने, प्रदेश में निवेश और वाइब्रेंट गुजरात समिट के आयोजनों में इनकी भूमिका अहम रही है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी और यूएसए से स्ट्रक्चरिंग टैरीफ की ट्रेनिंग भी ली है.

20 सालों से पीएम मोदी के हैं भरोसेमंद
एके शर्मा पीएम मोदी के सबसे खास ब्यूरोक्रेट में से एक हैं. वे पिछले 20 सालों से नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद बने हुए हैं. जून 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही वे प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव के तौर पर नियुक्त किए गए थे.

पढ़ें- यूपी : चुनावी मोड में बीजेपी, नेताओं के ताबड़तोड़ दौरे जारी

2017 में पदोन्नति मिलने के साथ वे वर्तमान में प्रधानमंत्री कार्यालय में एडिशनल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं. शानदार गवर्नेंस, गंभीरता, व्यवहार कुशलता और दूरदर्शिता में उनको महारत हासिल है. उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसला लेने की क्षमता जैसे कई मुद्दों पर किए गए फेम इंडिया मैगजीन- एशिया पोस्ट के सालाना सर्वे असरदार ब्यूरोक्रेट्स 2019 में उनका प्रमुख स्थान रहा है.

Last Updated : Jun 19, 2021, 6:58 PM IST
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