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पूर्व अफगान राष्ट्रपति बोले, मैं अपने वित्त के यूएन ऑडिट के लिए तैयार

अफगानिस्तान पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक बार फिर खजाने से लाखों की चोरी से इनकार किया है. गनी ने कहा कि काबुल छोड़ना मेरी जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला था, लेकिन मेरा मानना था कि बंदूकों को चुप रखने और काबुल और उसके 60 लाख नागरिकों को बचाने का यही एकमात्र तरीका था.

अशरफ गनी
अशरफ गनी
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Published : Sep 9, 2021, 12:38 AM IST

नई दिल्ली : अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो जाने के बाद युद्धग्रस्त देश को छोड़कर भागे पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक बार फिर खजाने से लाखों की चोरी से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि वह लेखा परीक्षा या वित्तीय जांच के लिए तैयार हैं.

अल अरबिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गनी ने कहा, 'मेरी पत्नी और मैं अपने व्यक्तिगत वित्त में ईमानदार रहे हैं. मैंने सार्वजनिक रूप से अपनी सारी संपत्ति घोषित कर दी है. मेरी पत्नी की पारिवारिक विरासत का भी खुलासा किया गया है और अपने गृह देश लेबनान में सूचीबद्ध है.'

गनी ने कहा कि मेरे बयानों की सत्यता को साबित करने के लिए मैं संयुक्त राष्ट्र के तहत या किसी अन्य उपयुक्त स्वतंत्र निकाय के तत्वावधान में लेखा परीक्षा या वित्तीय जांच का स्वागत करता हूं.

रिपोर्ट में कहा गया है, बुधवार को जारी अपने बयान में गनी ने कहा कि वह महल की सुरक्षा के लिए सड़क पर खूनी लड़ाई के जोखिम से बचने के लिए देश से चले गए.

एक बयान के अनुसार, गनी ने माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें 'यह कैसे समाप्त हुआ' के लिए खेद है.

यह भी पढ़ें- तालिबान को 'सच्चे शरिया' का पालन करना चाहिए जो सबको अधिकार की गारंटी देता है : महबूबा

गनी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक लंबे बयान में कहा कि काबुल छोड़ना मेरी जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला था, लेकिन मेरा मानना था कि बंदूकों को चुप रखने और काबुल और उसके 60 लाख नागरिकों को बचाने का यही एकमात्र तरीका था.

गनी ने लिखा कि मैंने अपने जीवन के 20 साल अफगान लोगों को निर्माण की दिशा में काम करने में मदद करने के लिए समर्पित किए हैं. एक लोकतांत्रिक, समृद्ध और संप्रभु राज्य - उस दृष्टि के लोगों को छोड़ने का मेरा इरादा कभी नहीं था.

बता दें कि पिछले महीने एक वीडियो संदेश में गनी ने कहा था कि उन्होंने रक्तपात से बचने के लिए देश छोड़ दिया है.

(एजेंसी)

नई दिल्ली : अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो जाने के बाद युद्धग्रस्त देश को छोड़कर भागे पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक बार फिर खजाने से लाखों की चोरी से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि वह लेखा परीक्षा या वित्तीय जांच के लिए तैयार हैं.

अल अरबिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गनी ने कहा, 'मेरी पत्नी और मैं अपने व्यक्तिगत वित्त में ईमानदार रहे हैं. मैंने सार्वजनिक रूप से अपनी सारी संपत्ति घोषित कर दी है. मेरी पत्नी की पारिवारिक विरासत का भी खुलासा किया गया है और अपने गृह देश लेबनान में सूचीबद्ध है.'

गनी ने कहा कि मेरे बयानों की सत्यता को साबित करने के लिए मैं संयुक्त राष्ट्र के तहत या किसी अन्य उपयुक्त स्वतंत्र निकाय के तत्वावधान में लेखा परीक्षा या वित्तीय जांच का स्वागत करता हूं.

रिपोर्ट में कहा गया है, बुधवार को जारी अपने बयान में गनी ने कहा कि वह महल की सुरक्षा के लिए सड़क पर खूनी लड़ाई के जोखिम से बचने के लिए देश से चले गए.

एक बयान के अनुसार, गनी ने माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें 'यह कैसे समाप्त हुआ' के लिए खेद है.

यह भी पढ़ें- तालिबान को 'सच्चे शरिया' का पालन करना चाहिए जो सबको अधिकार की गारंटी देता है : महबूबा

गनी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक लंबे बयान में कहा कि काबुल छोड़ना मेरी जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला था, लेकिन मेरा मानना था कि बंदूकों को चुप रखने और काबुल और उसके 60 लाख नागरिकों को बचाने का यही एकमात्र तरीका था.

गनी ने लिखा कि मैंने अपने जीवन के 20 साल अफगान लोगों को निर्माण की दिशा में काम करने में मदद करने के लिए समर्पित किए हैं. एक लोकतांत्रिक, समृद्ध और संप्रभु राज्य - उस दृष्टि के लोगों को छोड़ने का मेरा इरादा कभी नहीं था.

बता दें कि पिछले महीने एक वीडियो संदेश में गनी ने कहा था कि उन्होंने रक्तपात से बचने के लिए देश छोड़ दिया है.

(एजेंसी)

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