ETV Bharat / bharat

फोरेंसिक विशेषज्ञ ने लंबे समय तक शवों को सुरक्षित रखने की तकनीक का किया प्रदर्शन - शवों को सुरक्षित रखने की तकनीक का किया प्रदर्शन

फोरेंसिक साइंस स्पेशलिस्ट डॉ. दिनेश राव (Dr. Dinesh Rao) ने चार शवों पर प्रयोग की गई प्रायोगिक तकनीक के बारे में जानकारी दी. इसमें केमिकल की मदद से शवों को सौ साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है.

Demonstration of techniques to keep dead bodies safe
शवों को सुरक्षित रखने की तकनीक का किया प्रदर्शन
author img

By

Published : May 8, 2022, 3:30 PM IST

अनेकल (बेंगलुरु) : आम तौर पर माना जाता है कि किसी व्यक्ति की मौत के बाद कुछ ही दिनों में उसका शरीर खराब हो जाता है. लेकिन एक शोध में यह बात सामने आई है कि केमिकल से शवों को सौ साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है. इस बारे में ऑक्सफोर्ड मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरु के फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. दिनेश राव (Dr. Dinesh Rao) ने चार शवों पर प्रयोग की गई प्रायोगिक तकनीक को कॉलेज में मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों के सामने पेश किया.

उन्होंने कहा, प्रयोगात्मक तकनीक ने संतोषजनक परिणाम दिए, इससे लाशें सड़ती नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यह दुनिया की पहली ऐसी खोज है जिसमें लाश सड़ती नहीं हैं और ना ही बदबू आती है.

डॉ. दिनेश राव ने अनेकल तालुक के ऑक्सफ़ोर्ड मेडिकल कॉलेज में एक शिशु और तीन अन्य व्यक्तियों की लाशों को प्रदर्शित करके चिकित्सा जगत में एक उपलब्धि हासिल की है. डॉ. राव ने कहा कि मैंने इन लाशों को सालों से सामान्य तापमान में रखा लेकिन इनको कुछ नहीं हुआ और न ही किसी प्रकार की कोई गंध आई. उन्होंने बताया कि शवों के लिए जिस तरह मैंने केमिकल का प्रयोग किया उसकी वजह से गंध नहीं आई. डॉ.राव ने रसायन विज्ञान ने इतना सफलतापूर्वक काम किया है कि मैं भी दंग रह गया.

ये भी पढ़ें - हिमाचल में एक ऐसी ममी जिसके बढ़ रहे हैं नाखून और बाल, रहस्य बरकरार

अनेकल (बेंगलुरु) : आम तौर पर माना जाता है कि किसी व्यक्ति की मौत के बाद कुछ ही दिनों में उसका शरीर खराब हो जाता है. लेकिन एक शोध में यह बात सामने आई है कि केमिकल से शवों को सौ साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है. इस बारे में ऑक्सफोर्ड मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरु के फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. दिनेश राव (Dr. Dinesh Rao) ने चार शवों पर प्रयोग की गई प्रायोगिक तकनीक को कॉलेज में मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों के सामने पेश किया.

उन्होंने कहा, प्रयोगात्मक तकनीक ने संतोषजनक परिणाम दिए, इससे लाशें सड़ती नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यह दुनिया की पहली ऐसी खोज है जिसमें लाश सड़ती नहीं हैं और ना ही बदबू आती है.

डॉ. दिनेश राव ने अनेकल तालुक के ऑक्सफ़ोर्ड मेडिकल कॉलेज में एक शिशु और तीन अन्य व्यक्तियों की लाशों को प्रदर्शित करके चिकित्सा जगत में एक उपलब्धि हासिल की है. डॉ. राव ने कहा कि मैंने इन लाशों को सालों से सामान्य तापमान में रखा लेकिन इनको कुछ नहीं हुआ और न ही किसी प्रकार की कोई गंध आई. उन्होंने बताया कि शवों के लिए जिस तरह मैंने केमिकल का प्रयोग किया उसकी वजह से गंध नहीं आई. डॉ.राव ने रसायन विज्ञान ने इतना सफलतापूर्वक काम किया है कि मैं भी दंग रह गया.

ये भी पढ़ें - हिमाचल में एक ऐसी ममी जिसके बढ़ रहे हैं नाखून और बाल, रहस्य बरकरार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.