अहमदाबाद : गुजरात के सूरत निवासी वास्तुकार आशीष पटेल (architect Ashish Pate) द्वारा डिजाइन की गई इमारत की एलवेशन (elevation) ने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है. यह एलवेशन ईंटों से बनी है. इसे देखकर ऐसा लगता है कि ईंटें हवा में तैर रही हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. इस परियोजना को इंग्लैंड की ब्रिक डेवलपमेंट एसोसिएशन (Brick Development Association) ने अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नामांकित किया है.
इस अद्भुत कारीगरी के कारण भवन के बाहर बनी एलवेशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चुना गया है. लोग जब पहली बार इस इमारत को देखते हैं, तो हैरान रह जाते हैं कि कैसे इन ईंटों को हवा में तैराया जा रहा है. यह एक बोरी की तरह दिखता है, जो एक ड्रॉस्ट्रिंग के साथ संलग्न है.
आम तौर पर जब भवन का निर्माण किया जाता है, तो दो ईंटों को जोड़ने के लिए सीमेंट भर दिया जाता है, जिससे दीवार मजबूती से खड़ी रहती है, लेकिन सूरत के कोसाड क्षेत्र की एक इमारत दो ईंटों के बीच में लगभग दो से तीन इंच का अंतर दिखाई देता है.
इन मनोरम नजारों को देखकर लोगों को लगता है कि हवा में ईंटें तैर रही हैं. सभी ईंटें एक ही पंक्ति में नहीं हैं, लेकिन ईंटें समुद्र की लहरों की तरह ऊपर-नीचे होती दिख रही हैं. इसलिए इसे तैरती ईंटें कहते हैं. लोगों को देखकर लगता है कि अब ईंटें गिरेंगी, लेकिन ईंटों मजबूती से जुड़ी हुई हैं.
पुरस्कार क्या है?
इस अद्भुत काम को सूरत के एक आर्किटेक्ट आशीष पटेल ने किया है, जिन पर पूरी दुनिया के लोगों की नजर है. उन्होंने इस एलवेशन को सूरत के कोसाड इलाके (Kosad area of Surat) में डिजाइन किया है.
इंग्लैंड में ब्रिक मैनेजमेंट एसोसिएशन (Brick Management Association) द्वारा निर्माण व्यवसाय में उपयोग की जाने वाली ईंटों का प्रयोग दुनिया भर के विभिन्न वास्तुकारों द्वारा किया जा रहा है.
इस प्रतियोगिता के मानदंड (criteria of this competition) के अनुसार आवासीय, वाणिज्यिक निर्माण, छोटे पैमाने के निर्माण के साथ-साथ औद्योगिक निर्माण में नवीन ईंट कार्य करने वालों को ब्रिक्स पुरस्कार दिए जाते हैं.
भारत से सूरत का चयन
भारत के सूरत स्थित वास्तुकार आशीष पटेल द्वारा बनाई गई तैरती ईंटों को पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है.
सूरत में अमरोली कोसाद के पास निर्माण कार्य आशीष पटेल ने प्रोजेक्ट के तौर पर भेजा था, जिसका चयन कर लिया गया है. इस श्रेणी में भारत सहित बेल्जियम से 3 परियोजनाओं और स्विट्जरलैंड के साथ-साथ ईरान की परियोजनाओं का चयन किया गया है.
10 नवंबर को लंदन में पुरस्कार समारोह में सर्वश्रेष्ठ भवन का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. लाल ईंट का उपयोग करके एलवेशन की गई थी.
लाल ईंट से बनी है एलिवेशन
आशीष पटेल ने कहा, 'हम लगभग 18 वर्षों से सूरत में इस क्षेत्र में शामिल हैं.' इस एलिवेशन को हमने एक बनी हुई बिल्डिंग पर बनाया है, पूरी एलिवेशन को लाल ईंट से तैयार किया गया है. हमने इसे ब्रिक मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में विश्वव्यापी श्रेणी में भेजा है.
हमारी परियोजना को इस श्रेणी में नामांकित किया गया है, जिसमें ब्रिक्स इनोवेटिव (bricks innovative) परियोजनाएं दुनिया में किसी भी रूप में भेजी जाती हैं. कुल 8 परियोजनाओं का चयन किया गया है, जिनमें से एक भारत से है.
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हवा में दिखती हैं ईंटें
उन्होंने कहा, 'हमने जो परियोजना तैयार की है वह एलिवेशन है, हमने समुद्र की लहर की तरह ईंटों को डिजाइन किया है.' यह एक बोरी की तरह दिखता है, जो एक ड्रॉस्ट्रिंग से घिरा होता है, जिसमें ईंटों को शामिल किया गया है.
इस प्रकार जाली दिखाई नहीं देती है, लेकिन ऊंचाई को देखकर ऐसा लगता है कि सभी ईंटें हवा में तैर रही हैं.
जो घर का मालिक है वह हमारा ठेकेदार है और ईंट के कारोबार में शामिल है. हर्षद परमार (Harshad Parmar ) कुछ नया करना चाहते थे, जिससे यह कांसेप्ट दिमाग में आए.