नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि सरकार को सेंट्रल विस्टा परियोजना समेत सभी फिजूल खर्चों को बंद कर कोरोना महामारी से निपटने पर ध्यान देना चाहिए. साथ ही विदेशी सहायता के वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि स्थिति बहुत भयावह है. कोरोना के आज 4.12 लाख से अधिक मामले आए हैं और करीब चार हजार लोगों की मौत हो गई है. लगता है कि स्थिति से बद से बदतर है. यह सरकार धृतराष्ट्र बन गई है. सरकार सबकुछ देखकर भी अनदेखा कर रही है.
उन्होंने कहा कि चौंकाने वाली बात है कि इस हालत में भी केंद्र सरकार की प्राथमिकता 13,450 करोड़ रुपये का सेंट्रल विस्टा और प्रधानमंत्री के लिए नया बंगला बनाना है. भला कोई सरकार इतनी निष्ठुर कैसे हो सकती है? जब हमारे प्रधानमंत्री की यह हालत है तो फिर उनके नीचे के अधिकारियों का वही रुख होगा.
सुप्रिया ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि विदेश के विदेश मंत्री एस जयशंकर की बर्खास्तगी की मांग करती हूं. लोगों को सुविधा मुहैया कराने की बजाय वह ट्रोल की तरह बर्ताव कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री ने एक साक्षात्कार में यह माना है कि भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है, लेकिन इसके लिए भी उन्होंने पहले की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है.
मेरा सवाल यह है कि आप कब तक अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते रहेंगे? सात साल से क्या आप लोग झुनझुना बजा रहे हैं? कांग्रेस प्रवक्ता के मुताबिक विदेश मंत्री कहते हैं कि चुनाव और कुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों का कोई असर नहीं हुआ है. यह समझ में नहीं आता है कि इस पर हंसा जाए या दुख जताया जाए.
आप विदेश मंत्री है और क्या आपको लगता है कि जो व्यवहार सोशल मीडिया पर करते हैं, वो उचित है? उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन कहां हैं, इसका किसी को पता नहीं हैं. अगर आपकी रुचि नहीं है तो आप पद पर क्यों बने हुए हैं?
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सुप्रिया ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि सरकार के सभी गैरजरूरी खर्चे बंद किया जाए. विदेशी सहायता को लेकर पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए. आप वैज्ञानिक समुदाय और शोधकर्ताओं से बात करिए तथा अपने नाकाम मंत्रियों एस जयशंकर और हर्षवर्धन को बर्खास्त करिए क्योंकि ये दोनों लोग जनता के दर्द का उपहास बना रहे हैं.'