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Foreign Media: विदेशी मीडिया नहीं तय करेगा भारत की दिशा व दशा- अनुराग ठाकुर

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने विदेशी मीडिया की भारत मे दखलंदाजी पर बोलते हुए कहा कि भारत के बढ़ते कदमों को कुछ विदेशी ताक़तें पचा नहीं पा रही हैं और कोई विदेशी मीडिया भारत के कोर्ट से ऊपर नहीं है. इसके अलावा उन्होंने ने हिंदुत्व के दिवंगत विचारक वी. डी. सावरकर का अपमान करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा और दावा किया कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने एक बार जेल से छूटने के लिए 'माफी' मांगी थी.

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Published : Apr 2, 2023, 10:49 PM IST

नई दिल्ली/नागपुर: केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने नए भारत की बात करते हुए कहा, 'भारत आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. 76% ग्लोबल अप्रूवल रेटिंग के साथ पीएम मोदी को दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में मान्यता मिली है. भारत के ये बढ़ते कदम कुछ विदेशी ताकतों को रास नहीं आ रहा है.'

अनुराग ठाकुर ने कहा कि 'कुछ विदेशी मीडिया ऐजेंडा-प्रोपगंडा के तहत भारत को बदनाम करने में शामिल हैं, लेकिन विदेशी मीडिया भारत की दिशा-दशा तय नहीं करेगा. आज भारत में न नॉलेज गैप है, न डिजिटल डिवाइड है, ना टेक्नोलॉजी डिवाइड है. आज भारत के पास वह सब कुछ है जो एक विकसित देश के पास है. सबसे बड़ी बात भारत के पास आज एक राष्ट्रवादी विचारधारा वाली, समाज को जोड़ने वाली सरकार है जो भारत को विश्व गुरु बनाने का दम रखती है.'

भारत में विदेशी मीडिया के दखल पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'आज भी भारत में कई ऐसे विदेशी मीडिया संस्थान हैं जो भारत विरोधी सोच के साथ काम कर रहे हैं. इन्होंने ऐसा नेक्सस बना रखा है कि अपने गलत कामों पर सरकार द्वारा पूछताछ पर भी ऐसे चिल्लाते हैं और पूरे विश्व में यह बताते हैं की भारत में मीडिया फ्रीडम पर खतरा है.

ये अपने गलत कामों पर मीडिया नाम की चादर डालना चाहते हैं. इसी गलत भावना के साथ यह कुछ मनगढ़ंत रिपोर्ट निकालते हैं, जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता. देश का मीडिया किसी विदेशी मीडिया को हमारे देश का नैरेटिव सेट करने का मौका ना दे.”

विदेशी मीडिया को उपनिवेशवाद की सोच से ग्रस्त बताते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, "विदेशी मीडिया जिस तरह से सिलेक्टिव होकर भारतीय खबरों को गलत तरीके से गलत एंगल देकर सनसनीखेज बनाता है, क्या हमारा मीडिया उनकी खबरों को तनिक भी स्पेस देता है? उदाहरण के लिए देखें तो अमेरिका में gun violence आज चरम पर है. पर क्या इसकी चर्चा आपने भारत में या वैश्विक स्तर पर देखी?"

आगे वेस्टर्न हेजेमनी और वर्ल्ड इनफॉर्मेशन आर्डर पर बात रखते हुए ठाकुर ने कहा, "आप सभी को Pfizer vaccine याद होगा. इसको भारत मे लाने के लिए क्या क्या हथकंडे अपनाए गए. भारतीय स्वदेशी टीकों के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाया गया. ये सब इसीलिए संभव था क्योंकि सूचना के प्रवाह पर पश्चिमी आधिपत्य है. हमें यानी आप सभी को इसे तोड़ना है. हमारा भारत तब तक विश्व गुरु नहीं बन सकता जब तक हम अपना इंफॉर्मेशन फ्लो अपने हाथ में नहीं लेंगे."

आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा “अधिकतर विदेशी मीडिया कंपनियों, खास कर जिनका भारत के प्रति घृणा का इतिहास है, वहां जो पत्रकार भारत के बारे में गलत खबरें लिखते हैं, वो ज्यादातर भारतीय या भारतीय मूल के ही होते हैं. इनकी प्रोफाइल आप खंगालेंगे तो पता चलेगा की ये भारत और भारतीयों, खास कर हिंदुओं के प्रति घृणा से भरे होते हैं और केवल एकतरफा खबरें लिखते हैं. हमें ये मानना होगा कि कुछ विदेशी मीडिया संस्थान और कुछ देशी न्यूज़ पोर्टल्स भारतीय सोच व समाज के खिलाफ प्रोपेगंडा के तहत कार्य कर रहे हैं. इसे साफ साफ बोलने में किसी को कोई संकोच नहीं होना चाहिए.“

अनुराग ठाकुर ने राहुल पर कसा तंज- केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने हिंदुत्व के दिवंगत विचारक वी. डी. सावरकर का अपमान करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा और दावा किया कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने एक बार जेल से छूटने के लिए 'माफी' मांगी थी. मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी कभी भी सावरकर नहीं बन सकते, क्योंकि इसके लिए जेल में अपार बलिदान और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

ठाकुर ने कहा, 'यदि आप किसी का सम्मान नहीं कर सकते हैं, तो कम से कम उनका अपमान न करें. गांधी का दावा है कि वह माफी नहीं मांगते हैं, लेकिन (23 मार्च के सूरत की अदालत के आदेश के खिलाफ) अपील में जा रहे हैं.'

राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए, ठाकुर ने दावा किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री और राहुल के परदादा पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पंजाब में जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद एक आंदोलन के लिए गिरफ्तार होने के बाद जेल से बाहर निकलने के लिए बॉण्ड जमा किया था.

ठाकुर ने दावा किया कि नाभा जेल में हुई परेशानियों के चलते नेहरू को एक 'माफीनामा' लिखना पड़ा था, जिसमें कहा गया था कि वह किसी भी आंदोलन में भाग लेने के लिए इस क्षेत्र में वापस नहीं आएंगे. नाभा जेल में एक पट्टिका के अनुसार, नेहरू, के. संतनम और ए.टी. गिडवानी को 22 सितंबर, 1923 को नाभा रियासत में प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. ठाकुर ने गांधी को उनकी 'कभी माफी नहीं मांगने' वाली टिप्पणी पर भी तंज कसा और याद दिलया कि कांग्रेस नेता ने 2018 में ('चौकीदार चोर है' वाली टिप्पणी के लिए) शीर्ष अदालत से माफी मांगी थी.

(पीटीआई-भाषा)

यह भी पढ़ें: सुधांशु त्रिवेदी का हमला, कहा- सीएम गहलोत का बयान सिक्ख धर्म और भारतीय संस्कृति का अपमान

नई दिल्ली/नागपुर: केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने नए भारत की बात करते हुए कहा, 'भारत आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. 76% ग्लोबल अप्रूवल रेटिंग के साथ पीएम मोदी को दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में मान्यता मिली है. भारत के ये बढ़ते कदम कुछ विदेशी ताकतों को रास नहीं आ रहा है.'

अनुराग ठाकुर ने कहा कि 'कुछ विदेशी मीडिया ऐजेंडा-प्रोपगंडा के तहत भारत को बदनाम करने में शामिल हैं, लेकिन विदेशी मीडिया भारत की दिशा-दशा तय नहीं करेगा. आज भारत में न नॉलेज गैप है, न डिजिटल डिवाइड है, ना टेक्नोलॉजी डिवाइड है. आज भारत के पास वह सब कुछ है जो एक विकसित देश के पास है. सबसे बड़ी बात भारत के पास आज एक राष्ट्रवादी विचारधारा वाली, समाज को जोड़ने वाली सरकार है जो भारत को विश्व गुरु बनाने का दम रखती है.'

भारत में विदेशी मीडिया के दखल पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'आज भी भारत में कई ऐसे विदेशी मीडिया संस्थान हैं जो भारत विरोधी सोच के साथ काम कर रहे हैं. इन्होंने ऐसा नेक्सस बना रखा है कि अपने गलत कामों पर सरकार द्वारा पूछताछ पर भी ऐसे चिल्लाते हैं और पूरे विश्व में यह बताते हैं की भारत में मीडिया फ्रीडम पर खतरा है.

ये अपने गलत कामों पर मीडिया नाम की चादर डालना चाहते हैं. इसी गलत भावना के साथ यह कुछ मनगढ़ंत रिपोर्ट निकालते हैं, जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता. देश का मीडिया किसी विदेशी मीडिया को हमारे देश का नैरेटिव सेट करने का मौका ना दे.”

विदेशी मीडिया को उपनिवेशवाद की सोच से ग्रस्त बताते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, "विदेशी मीडिया जिस तरह से सिलेक्टिव होकर भारतीय खबरों को गलत तरीके से गलत एंगल देकर सनसनीखेज बनाता है, क्या हमारा मीडिया उनकी खबरों को तनिक भी स्पेस देता है? उदाहरण के लिए देखें तो अमेरिका में gun violence आज चरम पर है. पर क्या इसकी चर्चा आपने भारत में या वैश्विक स्तर पर देखी?"

आगे वेस्टर्न हेजेमनी और वर्ल्ड इनफॉर्मेशन आर्डर पर बात रखते हुए ठाकुर ने कहा, "आप सभी को Pfizer vaccine याद होगा. इसको भारत मे लाने के लिए क्या क्या हथकंडे अपनाए गए. भारतीय स्वदेशी टीकों के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाया गया. ये सब इसीलिए संभव था क्योंकि सूचना के प्रवाह पर पश्चिमी आधिपत्य है. हमें यानी आप सभी को इसे तोड़ना है. हमारा भारत तब तक विश्व गुरु नहीं बन सकता जब तक हम अपना इंफॉर्मेशन फ्लो अपने हाथ में नहीं लेंगे."

आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा “अधिकतर विदेशी मीडिया कंपनियों, खास कर जिनका भारत के प्रति घृणा का इतिहास है, वहां जो पत्रकार भारत के बारे में गलत खबरें लिखते हैं, वो ज्यादातर भारतीय या भारतीय मूल के ही होते हैं. इनकी प्रोफाइल आप खंगालेंगे तो पता चलेगा की ये भारत और भारतीयों, खास कर हिंदुओं के प्रति घृणा से भरे होते हैं और केवल एकतरफा खबरें लिखते हैं. हमें ये मानना होगा कि कुछ विदेशी मीडिया संस्थान और कुछ देशी न्यूज़ पोर्टल्स भारतीय सोच व समाज के खिलाफ प्रोपेगंडा के तहत कार्य कर रहे हैं. इसे साफ साफ बोलने में किसी को कोई संकोच नहीं होना चाहिए.“

अनुराग ठाकुर ने राहुल पर कसा तंज- केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने हिंदुत्व के दिवंगत विचारक वी. डी. सावरकर का अपमान करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा और दावा किया कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने एक बार जेल से छूटने के लिए 'माफी' मांगी थी. मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी कभी भी सावरकर नहीं बन सकते, क्योंकि इसके लिए जेल में अपार बलिदान और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

ठाकुर ने कहा, 'यदि आप किसी का सम्मान नहीं कर सकते हैं, तो कम से कम उनका अपमान न करें. गांधी का दावा है कि वह माफी नहीं मांगते हैं, लेकिन (23 मार्च के सूरत की अदालत के आदेश के खिलाफ) अपील में जा रहे हैं.'

राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए, ठाकुर ने दावा किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री और राहुल के परदादा पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पंजाब में जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद एक आंदोलन के लिए गिरफ्तार होने के बाद जेल से बाहर निकलने के लिए बॉण्ड जमा किया था.

ठाकुर ने दावा किया कि नाभा जेल में हुई परेशानियों के चलते नेहरू को एक 'माफीनामा' लिखना पड़ा था, जिसमें कहा गया था कि वह किसी भी आंदोलन में भाग लेने के लिए इस क्षेत्र में वापस नहीं आएंगे. नाभा जेल में एक पट्टिका के अनुसार, नेहरू, के. संतनम और ए.टी. गिडवानी को 22 सितंबर, 1923 को नाभा रियासत में प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. ठाकुर ने गांधी को उनकी 'कभी माफी नहीं मांगने' वाली टिप्पणी पर भी तंज कसा और याद दिलया कि कांग्रेस नेता ने 2018 में ('चौकीदार चोर है' वाली टिप्पणी के लिए) शीर्ष अदालत से माफी मांगी थी.

(पीटीआई-भाषा)

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