नई दिल्ली : विमानन नियामक डीजीसीए ने गत 27 फरवरी को दुबई से दिल्ली आ रही एयर इंडिया (Air India) की एक उड़ान में सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरतने के मामले में एयरलाइन पर शुक्रवार को 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. शिकायत के मुताबिक, एयर इंडिया की इस उड़ान के पायलट ने अपनी महिला मित्र को कॉकपिट में घुसने की मंजूरी दे दी थी. नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस मामले की जांच के बाद जारी एक बयान में एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाने की घोषणा की. इसके साथ ही उड़ान के पायलट का लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है.
बता दें कि इससे पहले एयर इंडिया ने अपने पायलटों को संशोधित मुआवजा ढांचा स्वीकार करने के लिए और समय दिया था. हालांकि, इस ढांचे का दो पायलट यूनियनों ने विरोध किया. जिन पायलटों ने अभी तक नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, उन्हें अधिक वक्त देने का फैसला किया गया है. ऐसा एयर इंडिया द्वारा कई पायलटों के साथ उनकी चिंताओं पर चर्चा करने के बाद किया गया. सूत्र ने कहा कि एयरलाइन ने नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने के लिए इस सप्ताह के अंत तक का समय दिया है. समय सीमा बढ़ाने पर एयर इंडिया की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई. इससे पहले नए अनुबंधों को स्वीकार करने की समय सीमा 30 अप्रैल को खत्म हो गई थी.
समय सीमा बढ़ाने का फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है, जब संकटग्रस्त गो फर्स्ट ने उड़ान बंद कर दी है और इसका भविष्य अनिश्चित बना हुआ है. ऐसे में इसके पायलट कहीं और नौकरी के अवसर तलाश रहे हैं. सूत्र ने कहा कि लगभग 800 पायलट, जिन्होंने नए ढांचे को स्वीकार नहीं किया था, वे चार मई को टाउन हॉल में शामिल हुए. इसे एयर इंडिया के परिचालन प्रमुख कैप्टन राजविंदर सिंह संधू ने संबोधित किया. इस बैठक में शामिल एक पायलट ने कहा कि संधू ने भरोसा दिया था कि सभी मुद्दों को सुलझाया जा सकता है और संशोधित अनुबंधों के किसी भी खंड का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा.
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(पीटीआई-भाषा)