ETV Bharat / bharat

वेस्ट प्रोसेसिंग में पांच राज्यों ने बटोरी वाहवाही, जानें कौन-कौन से हैं राज्य

शहरी विकास पर एक संसदीय स्टैंडिंग कमेटी ने असम (35 प्रतिशत), बिहार (27 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश (20 प्रतिशत) जैसे राज्यों में वेस्ट प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निराशाजनक परिदृश्य पाया है. भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति ने बताया कि वेस्ट प्रोसेसिंग के क्षेत्र में देश के कुछ ही राज्य अच्छा कर रहे हैं, जिनमें तेलंगाना समेत पांच राज्य शामिल हैं.

कचरा प्रसंस्करण
कचरा प्रसंस्करण
author img

By

Published : Mar 25, 2021, 7:03 PM IST

नई दिल्ली : शहरी विकास पर सांसदीय स्टैंडिंग कमेटी ने पांच राज्यों में कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए शाबाशी दी. उन राज्यों में तेलंगाना समेत छत्तीसगढ़, सिक्किम, मध्य प्रदेश और मेघालय शामिल हैं.

कमेटी ने पाया है कि छत्तीसगढ़ (84 प्रतिशत), सिक्किम (66 प्रतिशत), तेलंगाना (65 प्रतिशत), मध्य प्रदेश और मेघालय (58 प्रतिशत) जैसे राज्य कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में अच्छा कर रहे हैं. इसके साथ ही कमेटी ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, उर्वरक विभाग, कृषि सहयोग और उर्वरक मंत्रालय जैसे अन्य कई मंत्रालयों की आलोचना की.

उन्होंने कहा कि उपरोक्त मंत्रालयों की ढील की वजह से देश में ठोस कचरों का प्रबंधन नहीं हो पा रहा है. इसलिए उन्हें राज्य सरकारों, यूएलबी तथा उद्योगों व गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ देश में आवश्यक स्तर पर कचरा प्रबंधन को बढ़ावा देने के प्रति कदम उठाना चाहिए.

देशभर में ठोस कचरे के शत प्रतिशत वैज्ञानिक तरीकों से प्रबंधन के लिए स्वच्छ भारत मिशन ने ठोस कचरा प्रबंधन योजना शुरू की है.

उल्लेखनीय है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 65 मिलियन टन कचरा सालभर में निकलता है. उसमें से 62 मिलियन टन म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट (एमएसडब्ल्यू) होता है. इन कचरों में जैविक कचरा, पेपर, प्लास्टिक होते हैं, जिनमें से 45-50 प्रतिशत बायोडिग्रेडेबल होते हैं. वहीं, 20-25 प्रतिशत रिसाइकिल हो पाते हैं, जबकि 30-35 प्रतिशत मलबा होता है.

पढ़ेंः बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित : लोकसभा में 114, राज्यसभा में 90 प्रतिशत कामकाज

नई दिल्ली : शहरी विकास पर सांसदीय स्टैंडिंग कमेटी ने पांच राज्यों में कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए शाबाशी दी. उन राज्यों में तेलंगाना समेत छत्तीसगढ़, सिक्किम, मध्य प्रदेश और मेघालय शामिल हैं.

कमेटी ने पाया है कि छत्तीसगढ़ (84 प्रतिशत), सिक्किम (66 प्रतिशत), तेलंगाना (65 प्रतिशत), मध्य प्रदेश और मेघालय (58 प्रतिशत) जैसे राज्य कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में अच्छा कर रहे हैं. इसके साथ ही कमेटी ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, उर्वरक विभाग, कृषि सहयोग और उर्वरक मंत्रालय जैसे अन्य कई मंत्रालयों की आलोचना की.

उन्होंने कहा कि उपरोक्त मंत्रालयों की ढील की वजह से देश में ठोस कचरों का प्रबंधन नहीं हो पा रहा है. इसलिए उन्हें राज्य सरकारों, यूएलबी तथा उद्योगों व गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ देश में आवश्यक स्तर पर कचरा प्रबंधन को बढ़ावा देने के प्रति कदम उठाना चाहिए.

देशभर में ठोस कचरे के शत प्रतिशत वैज्ञानिक तरीकों से प्रबंधन के लिए स्वच्छ भारत मिशन ने ठोस कचरा प्रबंधन योजना शुरू की है.

उल्लेखनीय है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 65 मिलियन टन कचरा सालभर में निकलता है. उसमें से 62 मिलियन टन म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट (एमएसडब्ल्यू) होता है. इन कचरों में जैविक कचरा, पेपर, प्लास्टिक होते हैं, जिनमें से 45-50 प्रतिशत बायोडिग्रेडेबल होते हैं. वहीं, 20-25 प्रतिशत रिसाइकिल हो पाते हैं, जबकि 30-35 प्रतिशत मलबा होता है.

पढ़ेंः बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित : लोकसभा में 114, राज्यसभा में 90 प्रतिशत कामकाज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.