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हरिद्वार महाकुंभ में महामंडलेश्वर की कोरोना से मौत

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Published : Apr 15, 2021, 4:22 PM IST

Updated : Apr 16, 2021, 1:22 PM IST

उत्तराखंड के हरिद्वार में महाकुंभ में आए एक संत की कोरोना से मौत हो गई. महाकुंभ में संत की पहली मौत से शासन-प्रशासन समेत स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा गया है. बता दें कि 13 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी. वहीं, दूसरी ओर कोरोना पॉजिटिव अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का इलाज चल रहा है.

महामंडलेश्वर की कोरोना से मौत
महामंडलेश्वर की कोरोना से मौत

हरिद्वार : कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन इस दौरान बार-बार आगाह करने के बावजूद श्रद्धालुओं और साधु-संतों की ओर से कोरोना गाइडलाइंस का पालन ठीक तरह से नहीं हो सका, नतीजा हरिद्वार कुंभ में शामिल हुए निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव पहले कोरोना संक्रमित हुए और बाद निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का एम्स ऋषिकेश में इलाज चल रहा है. बीते दिनों ही नरेंद्र गिरी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद वो आश्रम में ही आइसोलेट थे. तबीयत में सुधार न होने के कारण डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया था. फिलहाल महंत नरेंद्र गिरी की हालत स्थिर है.

पढ़ें- कोविड-19 : देशभर में 24 घंटे में दो लाख से अधिक नए केस, 1,038 मौतें

बता दें कि मध्य प्रदेश के चित्रकूट से हरिद्वार महाकुंभ में आए निर्वाणी अखाड़ा के 65 वर्षीय महामंडलेश्वर कपिल देव पहले कोरोना संक्रमित पाए गए थे, जिसके बाद उन्हें कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें किडनी फेल और बुखार की समस्या थी. इस बीच 13 अप्रैल को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. कैलाश अस्पताल के डायरेक्टर पवन शर्मा ने इस बात की पुष्टि की है.

बताया जा रहा है कि हरिद्वार महाकुंभ में आए महामंडलेश्वर कपिल देव पहले संत थे, जिनका कोरोना से निधन हुआ है.

महंत नरेंद्र गिरी भी अस्पताल में भर्ती
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का एम्स ऋषिकेश में इलाज चल रहा है. बीते दिनों ही नरेंद्र गिरी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद वो आश्रम में ही आइसोलेट थे. तबीयत में सुधार न होने के कारण डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया था. फिलहाल महंत नरेंद्र गिरी की हालत स्थिर है. बता दें कि बीते 11 अप्रैल को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. उससे पहले स्वास्थ्य बिगड़ने के चलते नरेंद्र गिरि महाराज को हरिद्वार के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज किया गया. उस समय जब उनका कोरोना टेस्ट किया गया तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. कुछ ही दिनों पहले उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी. मोहन भागवत भी कोरोना पॉजिटिव हैं.

पढ़ें- बेटे की भावुक अपील, मेरे पिता को बेड दो या जहर का इंजेक्शन

उत्तराखंड में तेज हो रहा कोरोना का कहर
गौर हो कि उत्तराखंड में कोरोना बड़ी तेजी से पैर पसार रहा है. कोरोना के नए मामले उत्तराखंड में रोज रिकॉर्ड बना रहे हैं. गुरुवार को उत्तराखंड में कोरोना के 2220 नए केस सामने आए हैं. वहीं कोरोना संक्रमित नौ मरीजों की मौत हुई हैं. प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या 12,484 तक पहुंच गई है. प्रदेश में कोरोना का कुल आंकड़ा 1,16,244 है. वहीं कोरोना के प्रदेश में अभी तक 1,802 लोगों की मौत हो चुकी है.

वहीं, हरिद्वार महाकुंभ में पिछले छह दिनों (10 से 15 अप्रैल) में 2780 कोरोना संक्रमित पाये गए हैं. उत्तराखंड स्टेट कंट्रोल रूम के अनुसार,

  • 10 अप्रैल को कोरोना के 254 मामले
  • 11 अप्रैल को कोरोना के 386 मामले
  • 12 अप्रैल को कोरोना के 408 मामले
  • 13 अप्रैल को कोरोना के 594 मामले
  • 14 अप्रैल को कोरोना के 525 मामले
  • 15 अप्रैल को कोरोना के 613 मामले सामने आए हैं.

इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना मामलों के बढ़ते मामलों के बीच बयान दिया था कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले की तुलना निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम से नहीं की जानी चाहिए, जो बंद जगह में हुआ था और उसमें देश के बाहर के लोगों ने भी शिरकत की थी. हरिद्वार कुंभ और निजामुद्दीन मरकज के बीच अन्य अंतर बताते हुए रावत ने यह भी कहा था कि कुंभ में आ रहे श्रद्धालु बाहर के नहीं बल्कि अपने ही हैं. इसके अलावा, उन्होंने कहा था कि जब मरकज में हुआ था तब कोरोना के बारे में कोई जागरुकता नहीं थी और ना हीं कोई दिशा-निर्देश थे.

हरिद्वार : कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन इस दौरान बार-बार आगाह करने के बावजूद श्रद्धालुओं और साधु-संतों की ओर से कोरोना गाइडलाइंस का पालन ठीक तरह से नहीं हो सका, नतीजा हरिद्वार कुंभ में शामिल हुए निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव पहले कोरोना संक्रमित हुए और बाद निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का एम्स ऋषिकेश में इलाज चल रहा है. बीते दिनों ही नरेंद्र गिरी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद वो आश्रम में ही आइसोलेट थे. तबीयत में सुधार न होने के कारण डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया था. फिलहाल महंत नरेंद्र गिरी की हालत स्थिर है.

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बता दें कि मध्य प्रदेश के चित्रकूट से हरिद्वार महाकुंभ में आए निर्वाणी अखाड़ा के 65 वर्षीय महामंडलेश्वर कपिल देव पहले कोरोना संक्रमित पाए गए थे, जिसके बाद उन्हें कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें किडनी फेल और बुखार की समस्या थी. इस बीच 13 अप्रैल को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. कैलाश अस्पताल के डायरेक्टर पवन शर्मा ने इस बात की पुष्टि की है.

बताया जा रहा है कि हरिद्वार महाकुंभ में आए महामंडलेश्वर कपिल देव पहले संत थे, जिनका कोरोना से निधन हुआ है.

महंत नरेंद्र गिरी भी अस्पताल में भर्ती
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का एम्स ऋषिकेश में इलाज चल रहा है. बीते दिनों ही नरेंद्र गिरी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद वो आश्रम में ही आइसोलेट थे. तबीयत में सुधार न होने के कारण डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया था. फिलहाल महंत नरेंद्र गिरी की हालत स्थिर है. बता दें कि बीते 11 अप्रैल को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. उससे पहले स्वास्थ्य बिगड़ने के चलते नरेंद्र गिरि महाराज को हरिद्वार के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज किया गया. उस समय जब उनका कोरोना टेस्ट किया गया तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. कुछ ही दिनों पहले उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी. मोहन भागवत भी कोरोना पॉजिटिव हैं.

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उत्तराखंड में तेज हो रहा कोरोना का कहर
गौर हो कि उत्तराखंड में कोरोना बड़ी तेजी से पैर पसार रहा है. कोरोना के नए मामले उत्तराखंड में रोज रिकॉर्ड बना रहे हैं. गुरुवार को उत्तराखंड में कोरोना के 2220 नए केस सामने आए हैं. वहीं कोरोना संक्रमित नौ मरीजों की मौत हुई हैं. प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या 12,484 तक पहुंच गई है. प्रदेश में कोरोना का कुल आंकड़ा 1,16,244 है. वहीं कोरोना के प्रदेश में अभी तक 1,802 लोगों की मौत हो चुकी है.

वहीं, हरिद्वार महाकुंभ में पिछले छह दिनों (10 से 15 अप्रैल) में 2780 कोरोना संक्रमित पाये गए हैं. उत्तराखंड स्टेट कंट्रोल रूम के अनुसार,

  • 10 अप्रैल को कोरोना के 254 मामले
  • 11 अप्रैल को कोरोना के 386 मामले
  • 12 अप्रैल को कोरोना के 408 मामले
  • 13 अप्रैल को कोरोना के 594 मामले
  • 14 अप्रैल को कोरोना के 525 मामले
  • 15 अप्रैल को कोरोना के 613 मामले सामने आए हैं.

इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना मामलों के बढ़ते मामलों के बीच बयान दिया था कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले की तुलना निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम से नहीं की जानी चाहिए, जो बंद जगह में हुआ था और उसमें देश के बाहर के लोगों ने भी शिरकत की थी. हरिद्वार कुंभ और निजामुद्दीन मरकज के बीच अन्य अंतर बताते हुए रावत ने यह भी कहा था कि कुंभ में आ रहे श्रद्धालु बाहर के नहीं बल्कि अपने ही हैं. इसके अलावा, उन्होंने कहा था कि जब मरकज में हुआ था तब कोरोना के बारे में कोई जागरुकता नहीं थी और ना हीं कोई दिशा-निर्देश थे.

Last Updated : Apr 16, 2021, 1:22 PM IST
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