नई दिल्ली : गर्मी में गाड़ियों में आग लगने की घटनाएं अचानक बढ़ जाती हैं. ऐसा भी देखने को मिलता है कि कई जगह गाड़ियों में आग लग जाती है और लोग इसमें अपनी जान गंवा बैठते हैं. आईएफटीआरटी के सीनियर फेलो एसपी सिंह की मानें, तो गाड़ी में आग लगने का मौसम से कोई संबंध नहीं है.
अधिकांश मामलों में मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट के चलते ही गाड़ी में आग लगती है. वहीं दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग का कहना है कि लोग अगर कुछ सावधानियां बरतें, तो ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है. इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के सीनियर फेलो एसपी सिंह ने बताया कि गाड़ी में आग लगने का कारण कभी भी गर्मी नहीं होता है. देश के 70 फीसदी से अधिक हिस्से में गर्मी रहती है. दक्षिण भारत तो सबसे अधिक गर्म रहता है.
उन्होंने बताया कि गाड़ी में आग लगने का सबसे प्रमुख कारण मैनुफैक्चरिंग डिफेक्ट होता है. कोई भी गाड़ी सभी मौसम को ध्यान में रखते हुए बनाई जाती है. किसी कार कंपनी की तरफ से यह नहीं कहा जाता कि उनकी गाड़ी में गर्मी के चलते आग लग सकती है. सड़क दुर्घटना या किसी अन्य कारण से अगर अचानक गाड़ी में आग लगती है, तो ऐसे 80 फीसदी मामलों में कंपनी का दोष होता है. गाड़ी में बुनियादी कमी के चलते ही आग लगती है.
नहीं होती ऐसे मामलों की जांच
एसपी सिंह ने बताया कि भारत में ऐसी घटनाओं को लेकर गाड़ी कंपनी की जगह उसके मालिक या चालक पर ही लापरवाही का आरोप लगता है. जबकि अधिकांश मामलों में गाड़ी बनाते समय बुनियादी कमी होने की वजह से गाड़ी में आग लगती है. खास बात यह है कि गाड़ी में आग लगने के मामले की जांच वह पुलिसकर्मी करता है जिसका काम अपराधियों को पकड़ना है. गाड़ी की फॉरेंसिक जांच कर आग का सही कारण पता लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके पास कई ऐसे मामले भी आए जब कंपनी के सर्विस सेंटर से सर्विसिंग कराने के बावजूद गाड़ी में आग लगी है.
गर्मी में तापमान अधिक होता है
दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि गर्मी के मौसम में तापमान अधिक होता है. किसी भी सामान को जलने के लिए जो तापमान चाहिए वह उपलब्ध रहता है. ऐसे में गाड़ी के अंदर अगर कहीं ऑयल लीक कर रहा है, तो एक चिंगारी आग लगाने के लिए काफी है. इसी तरह अगर वायरिंग में कोई डिफेक्ट है, तो इसकी वजह से भी सर्दी के मुकाबले गर्मी में जल्दी आग लगती है. कई बार ऐसी घटनाओं में लोग गाड़ी के अंदर फंस जाते हैं एवं उनकी जान भी चली जाती है.
गाड़ियों में नहीं करनी चाहिए छेड़छाड़
दमकल निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि कंपनी से खरीदी गई गाड़ी में लोगों को बाहर से छेड़छाड़ नहीं करवानी चाहिए. ऐसा करने से आपकी गाड़ी स्टाइलिश तो बन जाएगी लेकिन उसकी वारंटी खत्म हो जाती है. उन्होंने बताया कि कंपनी के बाहर से लगवाए गए सेंटर लॉक सिस्टम असुरक्षित होते हैं. आग लगने पर यह फेल हो जाते हैं और अंदर फंसा शख्स बाहर नहीं निकल पाता. इसी तरह कुछ लोग सीएनजी किट भी आम दुकान से लगवा लेते हैं जो खतरनाक है. उन्होंने कहा कि हमेशा कंपनी के सर्विस सेंटर से ही यह काम करवाने चाहिए.
यह सावधानियां बरतनी जरूरी
हमेशा समय पर गाड़ी की सर्विस कंपनी के सेंटर पर करवाएं. गाड़ी में किसी भी प्रकार का मोडिफिकेशन न करवाएं. सीएनजी किट या सेंटर लॉक सिस्टम हमेशा कंपनी से लगवाएं. गाड़ी में हमेशा हथौड़ा अवश्य रखें, ताकि आग लगने पर आप शीशा तोड़कर बाहर निकल सकें. गाड़ी की सर्विस बुक को अवश्य पढ़ लें. गाड़ी में अगर आपको हीट महसूस हो तो तुरंत कंपनी में दिखाएं. समय-समय पर बैट्री की जांच करवाएं. गाड़ी की वायरिंग में छेड़छाड़ न करवाएं. गाड़ी में आग बुझाने का उपकरण अवश्य रखें.
यह भी पढ़ें-जम्मू-कश्मीर : सीआरपीएफ की नाका पार्टी पर ग्रेनेड हमला, दो जवान शहीद
गाड़ी में आग लगने की घटनाएं
11 जनवरी 2021- जयपुर के करनी इलाके में गाड़ी खंबे से टकराने के बाद जली, चालक मोहित पंवार की मौत
1 जनवरी 2021- महिपालपुर इलाके में ट्रक से टकराने के बाद गाड़ी में लगी आग, चालक सोनू की मौत
23 दिसंबर 2020- यमुना एक्सप्रेस वे पर ट्रक से टकराने पर कार में लगी आग, तीन महिलाओं सहित पांच की जलकर मौत
29 नवंबर 2020- दिल्ली बॉर्डर के पास कार में आग लगने से चालक जनक राज की मौत
19 नवंबर 2020- प्रयागराज में पेड़ से टकराने के बाद कार में लगी आग, तीन लोगों की मौत
17 नवंबर 2020- पंजाब के संगरूर में ट्रक से टकराने के बाद कार जली, पांच लोगों की मौत
15 नवंबर 2020- पंजाब के फगवाड़ा में सड़क हादसे के बाद कार में लगी आग, दो लोगों की मौत
22 मई 2020- मंगोल पुरी फ्लाईओवर पर चलती हुई कार में लगी आग, चालक राम किशन की मौत
11 मार्च 2019- अक्षरधाम फ्लाईओवर के पास कार में आग लगने से महिला एवं उसकी दो बेटियों की मौत