नई दिल्ली: राजधानी में खतरनाक वायु प्रदूषण के बीच गाजीपुर डंपिंग यार्ड में आग लग गई. देर रात लगी आग से सुबह भी धुएं का गुब्बार निकल रहा है. कई घंटे से लगी इस आग पर अब तक काबू नहीं पाया जा सका. लगातार धुआं दिल्ली की हवा को जहरीला बना रहा है.
पहले कोविड-19 का तेजी से फैलता प्रकोप और अब दिल्ली के प्रदूषण में पराली का धुआं शहर को जहरीला बना रहा है. पराली का धुआं अस्थायी कारक है, इसके चलते अक्टूबर और नवंबर में ही मुख्यतया हवा दूषित होती है.
यार्ड के बड़े हिस्से में लगी आग
स्थानीय लोगों ने बताया कि, शाम के वक्त, गाजीपुर डंपिंग यार्ड से धुआं निकलना शुरू हुआ और रात होते-होते आग गोले में तब्दील हो गई. यार्ड के बड़े हिस्से में आग लग गई. इसके साथ ही धुंए का गुब्बार फैल गया. धुएं से बुजुर्गों और बच्चों की हालत खराब हो रही है. धुंए के कारण लोगों की आंखों में जलन हो रही है. धुंए ने एनएच-नौ पर वाहनों की रफ्तार धीमी कर दी है. आग पर कब तक काबू पाया जाएगा, इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता.
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आग पर काबू पाने का प्रयास जारी
कूड़े के कारण आग बुझाने में दमकल को काफी समस्या हो रही है. दमकल के अधिकारियों को आशंका है कि, कूड़े में गैस का गुबार बनने से आग लगी होगी. फिलहाल आग बुझाने का काम जारी है. लोगों का कहना है कि, सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीम ने आग पर काबू पाने का शुरु कर दिया, लेकिन आग बुझने की नाम ही नहीं ले रही.
दो लोगों की मौत
यार्ड में जमा कूड़े का पहाड़ गिरने से दो लोगों की मौत हो गई, इसके बावजूद प्रसाशन ने इसका कोई समाधान नहीं निकाल पाया. इससे प्रदूषण की समस्या भी बढ़ रही है. वहीं, पराली का धुआं थमने के बावजूद दिल्ली की हवा में प्रदूषण बरकरार है तो इसके पीछे कई स्थानीय कारक जिम्मेदार हैं. सबसे बड़ा कारक जहां-तहां कूड़े में आग लगाना और ठोस कचरा प्रबंधन का इंतजाम नहीं होना है.