तिरुवनंतपुरम : केरल पुलिस ने 'ग्रेट बॉम्बे सर्कस' के मालिकों के खिलाफ पक्षियों को उड़ने से रोकने के लिए उनके पंखों को काटने के साथ-साथ अपंजीकृत जानवरों का उपयोग करने के लिए एफआईआर दर्ज की है. यह कार्रवाई पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया की शिकायत के बाद की गई है.
एडब्ल्यूबीआई जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम (पीसीए) अधिनियम, 1960 के तहत निर्धारित प्राधिकरण है, जो देश में प्रदर्शन के लिए जानवरों के उपयोग को नियंत्रित करता है. भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 429 और 289 के तहत संज्ञेय अपराधों के लिए त्रिशूर पूर्व पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके अलावा, एफआईआर पीसीए अधिनियम, 1960 की धारा 3 और 11(1)(ए), 11(1) (एल) और धारा 26 और 38 के उल्लंघन को भी दर्ज करती है.
पेटा इंडिया क्रुएल्टी रिस्पांस कोऑर्डिनेटर सलोनी सकारिया कहती हैं, पक्षियों को उड़ने से रोकने के लिए बार-बार सर्कस कर्मचारी पक्षियों के पंखों को काटकर पिंजरों में डाल देते हैं. 2022 से, ग्रेट बॉम्बे सर्कस के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट, मलावडी के न्यायालय के समक्ष लंबित है. यह पेटा इंडिया द्वारा पक्षियों के प्रति क्रूरता और उनके प्रदर्शन करने वाले जानवरों के पंजीकरण प्रमाणपत्र के उल्लंघन से संबंधित समान अपराधों के लिए एक शिकायत के बाद मैसूर पुलिस द्वारा सर्कस के खिलाफ दर्ज एक एफआईआर पर आधारित है.
ग्रेट बॉम्बे सर्कस की स्थापना 1920 में की गई थी. शुरुआती दिनों में यह पंजाब और सिंध के इलाकों में लोकप्रिय था. बाद में देश के दूसरे हिस्सों में भी इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई.
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(आईएएनएस)