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दिल्ली के बाद राजस्थान पुलिस ने भी पंजाब पुलिस के डीएसपी समेत 14 के खिलाफ कोटा में दर्ज किया अपहरण का केस - राजस्थान हिंदी न्यूज़

दिल्ली के बाद अब राजस्थान पुलिस ने भी कोटा में पंजाब पुलिस के डीएसपी समेत 14 के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया है. पंजाब पुलिस के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने 21 वर्षीय पीड़ित को अगवा (FIR against cops of punjab police in Kota) कर उसे NDPS केस में फंसा दिया.कोटा एसीजेएम कोर्ट फर्स्ट के निर्देश पर यह एफआईआर दर्ज की गई है. ये मुकदमा भी बूंदी निवासी व्यक्ति ने दर्ज करवाया है.

Case of kidnapping against Punjab Policemen, FIR Against Punjab police In Kota
पंजाब पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज.
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Published : May 10, 2022, 4:24 PM IST

Updated : May 10, 2022, 5:21 PM IST

कोटा. भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा मामले में सुर्खियों बटोरने के बाद पंजाब पुलिस का नाम कोटा के एक मामले में भी सामने आया है. यहां पंजाब पुलिस के खिलाफ अपहरण के मामले में नामजद एफआईआर दर्ज (FIR against cops of punjab police in Kota) की गई है. कोटा एसीजेएम कोर्ट फर्स्ट के निर्देश पर ये एफआईआर लॉज हुई है. बूंदी के एक शख्स ने रिपोर्ट में अपने बेटे को जबरन उठाने और NDPS केस में फंसाने का आरोप पंजाब पुलिस के DSP, SHO, पुलिसकर्मियों समेत 14 पर लगाया है.

क्या है मामला?: मामले के अनुसार बूंदी निवासी निर्मल सिंह ने एसीजेएम फर्स्ट कोर्ट में इस्तगासा पेश किया था और बताया था कि उसका बेटा हरनूर सिंह 7 मार्च को कोटा एक शादी में आया था, जो घर नहीं लौटा. इसके बाद उन्होंने तालेड़ा थाने में हरनूर की गुमशुदगी की रिपोर्ट (Case of kidnapping against Punjab Policemen) दर्ज करवाई. जिसके बाद 8 तारीख को उनके मोबाइल पर एक ऐप के जरिए फोन आया. जिससे हरनूर ने अपने पिता निर्मल सिंह से कहा कि कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर लिया है और फिरौती की मांग रहे हैं. उसके बाद फोन बंद कर दिया. जिसके बाद निर्मल सिंह अपने परिजनों के साथ कोटा कुन्हाड़ी स्थित होटल में पहुंचे, जहां से उन्हें फोन किया था. तब तक पंजाब पुलिस के अधिकारी उसे वहां से लेकर रवाना हो चुके थे. वहीं होटल के सीसीटीवी में अपहरण की पूरी कहानी कैद हो गई.

पढ़ें-बूंदी: कांग्रेस नेता पर रंगदारी का आरोप, मुकदमे का डर दिखा रखी थी लाखों की डिमांड

नॉरकोटिक्स मामले में गिरफ्तारी: 9 मार्च को निर्मल सिंह के मोबाइल पर पंजाब से फोन आया कि उनके बेटे हरनूर को पंजाब पुलिस ने एनडीपीएस के मामले में गिरफ्तार कर लिया है. जिसके पास से 10 किलो अफीम बरामद हुई है. इसके बाद पंजाब कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया है. पीड़ित निर्मल सिंह ने कोटा से और पंजाब तक के सभी सीसीटीवी टोल नाको के सीसीटीवी फुटेज निकाले जिससे पता चला कि पंजाब पुलिस (FIR Against Punjab police In Kota) के नंबर की एक इनोवा गाड़ी के जरिए कुछ लोग हरनूर को पंजाब लेकर गए हैं.

पड़ताल के बाद पिता ने ली कोर्ट की शरण: निर्मल सिंह ने एसीजेएम कोटा कोर्ट में इस्तगासा पेश किया था कि उनके बेटे को पंजाब पुलिस के अधिकारी अवैध रूप से अपहरण कर एनडीपीएस के झूठे केस में गिरफ्तार कर ले गए हैं.जबकि हरनूर सिंह अभी पढ़ाई करता है. उसका इन सबसे कोई लेना देना नही है. हरनूर के पिता निर्मल सिंह और उसके परिजन पंजाब पुलिस की इस कार्रवाई के बाद से परेशान हैं. उनका दावा है कि हरनूर सिंह को पंजाब पुलिस जबरन झूठे केस में फंसा रही है क्योंकि उन्होंने उन लोगों की पैसों की डिमांड पूरी नहीं की थी. कुन्हाड़ी थाना अधिकारी गंगा सहाय शर्मा ने बताया कि इस मामले में कोर्ट के इस्तगासे के बाद मुकदमा दर्ज कर लिया है और उसकी जांच भी शुरू की गई है.

FIR में दर्ज नाम: जिन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है उनके नाम हैं- होशियारपुर के सदर थाना इंचार्ज लखबीर सिंह, पुलिसकर्मी गुरु नाम सिंह, महेश शंकर, बूटा सिंह, सुखदेव सिंह, सुमित, ग्रुरुप्रीत सिंह, त्रिलोक सिंह, रमन कुमार, जसप्रीत सिंह और पंजाब पुलिस सर्विस के उप कप्तान होशियारपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. इसके अलावा इस मामले में आरती, गुलाब सिंह और लाल सिंह के साथ अन्य को भी आरोपी बनाया गया है. दूसरी तरफ, इस मामले में जिस तरह पंजाब पुलिस कोटा पुलिस को बिना इनपुट के हरनूर को कोटा से लेकर गई वो भी संदेह के घेरे में है.

इन धाराओं में मामला दर्ज: भारतीय दंड संहिता की धारा 365 ( किसी व्यक्ति का गुप्त और अनुचित रूप से कैद में रखना), 343 (3 या 3 से ज्यादा दिनों तक गलत तरीके से किसी को रोकना), 115, 167 (सरकारी कर्मचारी का किसी शख्स को गलत दस्तावेजों में फंसाना), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) और NDPS एक्ट की धारा 59 के तहत केस दर्ज किया है.

कोटा. भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा मामले में सुर्खियों बटोरने के बाद पंजाब पुलिस का नाम कोटा के एक मामले में भी सामने आया है. यहां पंजाब पुलिस के खिलाफ अपहरण के मामले में नामजद एफआईआर दर्ज (FIR against cops of punjab police in Kota) की गई है. कोटा एसीजेएम कोर्ट फर्स्ट के निर्देश पर ये एफआईआर लॉज हुई है. बूंदी के एक शख्स ने रिपोर्ट में अपने बेटे को जबरन उठाने और NDPS केस में फंसाने का आरोप पंजाब पुलिस के DSP, SHO, पुलिसकर्मियों समेत 14 पर लगाया है.

क्या है मामला?: मामले के अनुसार बूंदी निवासी निर्मल सिंह ने एसीजेएम फर्स्ट कोर्ट में इस्तगासा पेश किया था और बताया था कि उसका बेटा हरनूर सिंह 7 मार्च को कोटा एक शादी में आया था, जो घर नहीं लौटा. इसके बाद उन्होंने तालेड़ा थाने में हरनूर की गुमशुदगी की रिपोर्ट (Case of kidnapping against Punjab Policemen) दर्ज करवाई. जिसके बाद 8 तारीख को उनके मोबाइल पर एक ऐप के जरिए फोन आया. जिससे हरनूर ने अपने पिता निर्मल सिंह से कहा कि कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर लिया है और फिरौती की मांग रहे हैं. उसके बाद फोन बंद कर दिया. जिसके बाद निर्मल सिंह अपने परिजनों के साथ कोटा कुन्हाड़ी स्थित होटल में पहुंचे, जहां से उन्हें फोन किया था. तब तक पंजाब पुलिस के अधिकारी उसे वहां से लेकर रवाना हो चुके थे. वहीं होटल के सीसीटीवी में अपहरण की पूरी कहानी कैद हो गई.

पढ़ें-बूंदी: कांग्रेस नेता पर रंगदारी का आरोप, मुकदमे का डर दिखा रखी थी लाखों की डिमांड

नॉरकोटिक्स मामले में गिरफ्तारी: 9 मार्च को निर्मल सिंह के मोबाइल पर पंजाब से फोन आया कि उनके बेटे हरनूर को पंजाब पुलिस ने एनडीपीएस के मामले में गिरफ्तार कर लिया है. जिसके पास से 10 किलो अफीम बरामद हुई है. इसके बाद पंजाब कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया है. पीड़ित निर्मल सिंह ने कोटा से और पंजाब तक के सभी सीसीटीवी टोल नाको के सीसीटीवी फुटेज निकाले जिससे पता चला कि पंजाब पुलिस (FIR Against Punjab police In Kota) के नंबर की एक इनोवा गाड़ी के जरिए कुछ लोग हरनूर को पंजाब लेकर गए हैं.

पड़ताल के बाद पिता ने ली कोर्ट की शरण: निर्मल सिंह ने एसीजेएम कोटा कोर्ट में इस्तगासा पेश किया था कि उनके बेटे को पंजाब पुलिस के अधिकारी अवैध रूप से अपहरण कर एनडीपीएस के झूठे केस में गिरफ्तार कर ले गए हैं.जबकि हरनूर सिंह अभी पढ़ाई करता है. उसका इन सबसे कोई लेना देना नही है. हरनूर के पिता निर्मल सिंह और उसके परिजन पंजाब पुलिस की इस कार्रवाई के बाद से परेशान हैं. उनका दावा है कि हरनूर सिंह को पंजाब पुलिस जबरन झूठे केस में फंसा रही है क्योंकि उन्होंने उन लोगों की पैसों की डिमांड पूरी नहीं की थी. कुन्हाड़ी थाना अधिकारी गंगा सहाय शर्मा ने बताया कि इस मामले में कोर्ट के इस्तगासे के बाद मुकदमा दर्ज कर लिया है और उसकी जांच भी शुरू की गई है.

FIR में दर्ज नाम: जिन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है उनके नाम हैं- होशियारपुर के सदर थाना इंचार्ज लखबीर सिंह, पुलिसकर्मी गुरु नाम सिंह, महेश शंकर, बूटा सिंह, सुखदेव सिंह, सुमित, ग्रुरुप्रीत सिंह, त्रिलोक सिंह, रमन कुमार, जसप्रीत सिंह और पंजाब पुलिस सर्विस के उप कप्तान होशियारपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. इसके अलावा इस मामले में आरती, गुलाब सिंह और लाल सिंह के साथ अन्य को भी आरोपी बनाया गया है. दूसरी तरफ, इस मामले में जिस तरह पंजाब पुलिस कोटा पुलिस को बिना इनपुट के हरनूर को कोटा से लेकर गई वो भी संदेह के घेरे में है.

इन धाराओं में मामला दर्ज: भारतीय दंड संहिता की धारा 365 ( किसी व्यक्ति का गुप्त और अनुचित रूप से कैद में रखना), 343 (3 या 3 से ज्यादा दिनों तक गलत तरीके से किसी को रोकना), 115, 167 (सरकारी कर्मचारी का किसी शख्स को गलत दस्तावेजों में फंसाना), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) और NDPS एक्ट की धारा 59 के तहत केस दर्ज किया है.

Last Updated : May 10, 2022, 5:21 PM IST
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