मुंबई : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि अडाणी समूह के 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ वापस लेने से देश की वृहत आर्थिक बुनियाद और अर्थव्यवस्था की छवि प्रभावित नहीं हुई है. वित्त मंत्री ने बजट के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले दो दिनों में ही आठ अरब अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा आई है. सीतारमण ने कहा, '...हमारा व्यापक आर्थिक बुनियादी आधार या हमारी अर्थव्यवस्था की छवि, इनमें से कोई भी प्रभावित नहीं हुई है. हां, एफपीओ (अनुवर्ती-सार्वजनिक पेशकश) आते रहे हैं और एफआईआई बाहर निकलते रहते हैं.'
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#WATCH |"...FPOs come&get out. Fluctuations are in every market. Fact that we've had 8 Billion come(Foreign Exchange Reserve)in last few days proves that perception about India&its strength is intact," FM on India's position in global financial market in wake of(Adani)FPO pullout pic.twitter.com/MaEFE6DBX7
— ANI (@ANI) February 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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उन्होंने कहा कि अडाणी मामले में नियामक अपना काम करेंगे. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास बाजारों की स्थिरता सुनिश्चित करने के साधन हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश आम बजट में मुख्य ध्यान आर्थिक वृद्धि पर केंद्रित किया गया है. सीतारमण ने एक फरवरी को बजट पेश करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि बजट में जो प्रस्ताव किये गये हैं, उससे राजकोषीय मजबूती और वृद्धि, विशेष रूप से समावेशी वृद्धि को गति मिलेगी. बजट पेश करने के बाद मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ यहां पहुंचीं वित्त मंत्री ने कहा, 'वृद्धि पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया गया है. हम पुनरुद्धार के साथ आर्थिक वृद्धि की बनाये रखना चाहते हैं.'
उन्होंने वृद्धि सुनिश्चित करने का श्रेय देश की जनता को दिया, जिसने देश को दूसरी सबसे तेज वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बनाने के लिए महामारी के बीच सरकार द्वारा लाए गए राहत और नीतिगत कदमों को तत्परता से स्वीकार किया. वित्त मंत्री ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा थी कि उच्च सार्वजनिक पूंजीगत व्यय को जारी रखा जाए. इसी कारण उन्होंने 10 लाख करोड़ रुपये के उच्च परिव्यय का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा, 'मुंबई को बजट प्रस्ताव पसंद आने चाहिए.'
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