चंदौली : सैयदराजा विधायक सुशील सिंह और पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू (Former MLA Manoj Singh) के बीच की अदावत रविवार को एक बार फिर सामने आ गई. बरहन निवासी ठेकेदार बृजेश सिंह की मौत के बाद चंदौली पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे दोनों नेताओं के समर्थक आपस में भिड़ गए. जिससे मौके पर अफरातफरी का माहौल बन गया. हालांकि, बाद में लोगों के समझाने पर मामला शांत हुआ. फिलहाल, मौके पर कई थानों की पुलिस पहुंच गई.
बताया जा रहा है कि बीजेपी विधायक के समर्थक ने पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू के समर्थक को पीट दिया. जिससे नाराज पूर्व विधायक ने भी विधायक समर्थक को तमाचा जड़ दिया. पूर्व विधायक के तमाचे के बाद विवाद और बढ़ गया. दोनों पक्षों के लोग आमने-सामने आ गए. हालांकि, किसी तरह पुलिस ने मामले को शांत कराया. इसके बाद पूर्व विधायक मनोज सिंह अपने समर्थकों के साथ वापस लौट गए. पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक सुशील सिंह ने अपने समर्थकों को उकसा कर गाली-गलौज और मारपीट करवाई है.
पोस्टमार्टम हाउस पर क्षेत्रीय लोगों का जमावड़ा
बता दें कि बरहन के बृजेश सिंह की मौत के बाद पोस्टमार्टम हाउस पर क्षेत्रीय लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया. क्षेत्रीय विधायक सुशील सिंह और पूर्व विधायक व सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह भी पहुंच गए. उन्होंने ठेकेदार की मौत को हत्या बताते हुए मामले की जांच कराने की बात कही. जिसपर विधायक समर्थकों ने पूर्व विधायक से कहा कि यहां पर राजनीतिक रोटी न सेकें. इसी बात को लेकर दोनों नेताओं के समर्थक भिड़ गए.
इस बाबत सीओ सदर अनिल राय ने बताया कि धीना क्षेत्र निवासी बृजेश कुमार सिंह की मौत के बाद पोस्टमार्टम हाउस पर विधायक सुशील सिंह और पूर्व विधायक मनोज सिंह अपने समर्थकों संग पहुंचे थे. कहासुनी के दौरान दोनों के समर्थक आपस में भिड़ गए. फिलहाल मौके पर शांति व्यवस्था कायम है, तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.
पहले भी हो चुका है विवाद
सैयदराजा विधायक सुशील सिंह और पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू के बीच विवाद का यह पहला मामला नहीं हैं. इससे पहले भी दोनों के बीच कई बार बवाल हो चुका है. इससे पहले सितंबर 2020 में सूबेदार कुलदीप मौर्य के पार्थिव शरीर को सेना की गाड़ी के बजाय साधारण तरीके से एम्बुलेंस से भेजने पर बवाल हुआ था. सूबेदार कुलदीप मौर्य के पार्थिव शरीर को साधारण तरीके से एम्बुलेंस से भेजने पर परिजन और ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया. सपाइयों के धरने में शामिल होने के बाद परिदृश्य ही बदल गया और विवाद की स्थिति बन गई थी. तब दोनों नेताओं में हुई कहासुनी में बात एक दूसरे को देख लेने और औकात तक आ पहुंची थी.
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