नई दिल्ली: देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच फिक्की के अध्यक्ष उदय शंकर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री समेत सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें देशभर में व्यापार के बदलते स्वरूप और व्यापारियों की समस्याओं को प्रकाश में लाया गया है. फिक्की ने राज्यों से दोबारा लॉक डाउन नहीं लगाने की अपील की है. इसके अलावा चिट्ठी में कोरोना से निपटने की रणनीति और इसकी प्रबंधन को लेकर भी बात की गई है.
लॉकडाउन से उत्पन्न स्थितियों का दिया हवाला
फिक्की के अध्यक्ष ने देशभर के मुख्यमंत्रियों से चिट्ठी लिखकर अपील की है कि पहले लॉकडाउन के दौरान व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ. व्यापारिक गतिविधियां काफी लंबे समय तक बंद रहने की वजह से इसका दूरगामी प्रभाव पड़ा है. देश की अर्थव्यवस्था को भी काफी नुकसान हुआ है. इसीलिए वह नहीं चाहते हैं कि देश में कहीं भी दोबारा लॉकडाउन लगाने की स्थिति पैदा हो. अगर लॉकडाउन लगाया जाएगा तो पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था नेगेटिव में चली जाएगी. लोगों का व्यापार चौपट होगा. उद्योग धंधे बंद होने के कगार पर पहुंच जाएंगे.
कोरोना से प्रभावी तरीके से निपटने का दिया सुझाव
इस चिट्ठी में फिक्की ने कोरोना से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए कोरोना टेस्टिंग, जागरूकता अभियान, कोविड अनुरूप व्यवहार, सैनिटाइजिंग, मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बना कर रखना और व्यक्तिगत साफ-सफाई को लेकर भी चर्चा की गई है. इसके लिए स्कूल कॉलेज और NGO के कार्यकर्ता की भी मदद लेने का सुझाव दिया गया है. सरकारी गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर सजा का जो प्रावधान किया गया है, उसे प्रभावी तरीके से लागू करने की बात की गई है.
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टीका की उम्र सीमा घटाना और निजी क्षेत्रों को शामिल करने की मांग
फिक्की के अध्यक्ष ने एक बात जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार से वह चाहते हैं कि 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगाना अनिवार्य किया जाए. प्राइवेट सेक्टर को भी शामिल करना चाहिए. सरकार का बोझ थोड़ा कम होगा. इसके लिए राज्य सरकारों को भी अहम भूमिका निभानी होगी. लोगों को टीका लगवाने के लिए यह अभियान चलाना होगा. छोटी-छोटी कॉलोनी में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की मदद से वैक्सीनेशन कैंप लगाकर लोगों को टीका लगाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है.