ETV Bharat / bharat

ASSAM CHILD MARRIAGE: हिमंत बोले- बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर गरीबों को भड़काना सामंती मानसिकता है - हिमंत बिस्वा सरमा विधानसभा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाल विहाह के खिलाफ अभियान को लेकर गरीबों को भड़काए जाने पर कड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि यह सामंती मानसिकता को दर्शाता है.

Himanta said - provoking the poor to take action against child marriage shows feudal mentality
हिमंत बोले- बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर गरीबों को भड़काना सामंती मानसिकता दर्शाता है
author img

By

Published : Mar 20, 2023, 2:12 PM IST

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि असम में बाल विवाह उन्मूलन के लिए काम कर रही भाजपा सरकार के खिलाफ गरीब लोगों को भड़काने की कोशिश एक सामंती मानसिकता कर रही है. विधानसभा में बोलते हुए सरमा ने कहा कि उनकी सरकार बाल विवाह 2026 तक उन्मूलन के लिए काम कर रही है और हर दो-तीन महीने में विशेष अभियान चलाए जाएंगे.

कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'विपक्ष का कहना है कि वे बाल विवाह के खिलाफ हैं. सरमा ने कहा कि बाल विवाह से लड़ने के लिए अगले साल के बजट में 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे और इसका एक हिस्सा अधिवक्ताओं को भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा ताकि सजा सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, एक समर्पित हेल्पलाइन, जागरूकता अभियान और पीड़ितों के पुनर्वास सहित अन्य कदम भी उठाए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा,'अगर मैं किसी 22 वर्षीय लड़की को गुवाहाटी में पोस्ट-ग्रेजुएशन के लिए प्रवेश लेते हुए देखता हूं, वहीं, मैं चेंगा या बागबोर (बड़ी मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों) जैसे स्थानों पर जाता हूं, तो मुझे उसी उम्र की महिला दो बच्चों के साथ के साथ दिखाई देती है.'

उन्होंने कहा,'विधायकों, डॉक्टरों और इंजीनियरों के इतने बच्चे नहीं हैं. लेकिन, जब सरकार इन युवा लड़कियों को बचाने के लिए गरीबों के लिए कुछ करने की कोशिश करती है, तो वे लोगों को भड़काते हैं कि भाजपा उनके जीवन में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही है. सरमा ने कहा, यह सामंती मानसिकता है जो अपने लिए जीवन का एक तरीका और गरीब लोगों के लिए दूसरा रास्ता तलाशती है.

ये भी पढ़ें- Paper Leak in Assam : सोशल मीडिया पर भूगोल के प्रश्न हुए वायरल, सरकार ने पेपर लीक की खबरें खारिज की

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ अभियान कानून के तहत चलाया जा रहा है और इसलिए अदालत आरोपी को जमानत नहीं दे रही है. पुरकायस्थ के इस सवाल पर कि पुलिस यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो) के तहत मामलों को कैसे साबित करेगी, क्योंकि पीड़िता अपने पति या माता-पिता के खिलाफ गवाही देने को तैयार नहीं हो सकती हैं.

(पीटीआई)

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि असम में बाल विवाह उन्मूलन के लिए काम कर रही भाजपा सरकार के खिलाफ गरीब लोगों को भड़काने की कोशिश एक सामंती मानसिकता कर रही है. विधानसभा में बोलते हुए सरमा ने कहा कि उनकी सरकार बाल विवाह 2026 तक उन्मूलन के लिए काम कर रही है और हर दो-तीन महीने में विशेष अभियान चलाए जाएंगे.

कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'विपक्ष का कहना है कि वे बाल विवाह के खिलाफ हैं. सरमा ने कहा कि बाल विवाह से लड़ने के लिए अगले साल के बजट में 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे और इसका एक हिस्सा अधिवक्ताओं को भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा ताकि सजा सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, एक समर्पित हेल्पलाइन, जागरूकता अभियान और पीड़ितों के पुनर्वास सहित अन्य कदम भी उठाए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा,'अगर मैं किसी 22 वर्षीय लड़की को गुवाहाटी में पोस्ट-ग्रेजुएशन के लिए प्रवेश लेते हुए देखता हूं, वहीं, मैं चेंगा या बागबोर (बड़ी मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों) जैसे स्थानों पर जाता हूं, तो मुझे उसी उम्र की महिला दो बच्चों के साथ के साथ दिखाई देती है.'

उन्होंने कहा,'विधायकों, डॉक्टरों और इंजीनियरों के इतने बच्चे नहीं हैं. लेकिन, जब सरकार इन युवा लड़कियों को बचाने के लिए गरीबों के लिए कुछ करने की कोशिश करती है, तो वे लोगों को भड़काते हैं कि भाजपा उनके जीवन में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही है. सरमा ने कहा, यह सामंती मानसिकता है जो अपने लिए जीवन का एक तरीका और गरीब लोगों के लिए दूसरा रास्ता तलाशती है.

ये भी पढ़ें- Paper Leak in Assam : सोशल मीडिया पर भूगोल के प्रश्न हुए वायरल, सरकार ने पेपर लीक की खबरें खारिज की

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ अभियान कानून के तहत चलाया जा रहा है और इसलिए अदालत आरोपी को जमानत नहीं दे रही है. पुरकायस्थ के इस सवाल पर कि पुलिस यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो) के तहत मामलों को कैसे साबित करेगी, क्योंकि पीड़िता अपने पति या माता-पिता के खिलाफ गवाही देने को तैयार नहीं हो सकती हैं.

(पीटीआई)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.