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अजमेर दरगाह की जियारत के बाद बोले फारूक अब्दुल्ला, भाजपा के साथ न कभी थे न रहेंगे

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Published : Dec 19, 2021, 5:44 PM IST

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला रविवार को अजमेर (Farooq Abdullah Ajmer dargah Visit) पहुंचे. इसके बाद उन्होंने सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह की जियारत की. यहां मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह न कभी भाजपा के साथ थे और न कभी रहेंगे. उनका अपना अलग एजेंडा है.

Farooq Abdullah Ajmer dargah Visit
फारूक अब्दुल्ला अजमेर दरगाह की जियारत

जयपुर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को अजमेर (Farooq Abdullah Ajmer dargah Visit) में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाने के साथ जियारत की. यहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने भाजपा पर निशाना भी साधा.

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम भाजपा के साथ न तो कभी थे और न रहेंगे. जम्मू-कश्मीर में आगामी चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने का अधिकार सबको है. मैं अजमेर दरगाह आया हूं तो पहले मैं अपने परिवार के लिए दुआ करूंगा, फिर दोस्तों एवं वतन के लिए दुआ करूंगा. मैं दुआ करूंगा कि वतन की तरक्की हो और लोगों को कोरोना महामारी से निजात मिले और सभी भाईचारे से रहें.

फारूक अब्दुल्ला का बयान

कश्मीर के हालात पर किए गए सवाल को पूर्व सीएम टाल गए और कहा कि खुद आकर वहां के हालात आप देख लें. उन्होंने कहा कि वह कल होने वाली परिसीमन आयोग की बैठक में भाग लेंगे. आगामी चुनाव में बीजेपी के खिलाफ सभी क्षेत्रीय पार्टियां एकजुट होंगी. उन्होंने कहा कि हम बीजेपी के साथ न थे और न रहेंगे. हमारा खुद का अपना एजेंडा है. जब चुनाव में मुकाबला होगा तब देखा जाएगा.

फारूक अब्दुल्ला का है दरगाह से नाता

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला का अजमेर दरगाह से गहरा नाता है. वह वर्ष में एक बार ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में आते रहे हैं लेकिन कोरोना महामारी की वजह से वह लंबे अरसे से अजमेर दरगाह नहीं आ पा रहे थे. रविवार को वह कड़ी सुरक्षा के बीच अजमेर सर्किट हाउस पहुंचे, यहां कुछ देर विश्राम करने के बाद वह ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पहुंचे, जहां उन्होंने मखमली चादर और अकीदत के फूल पेश किए.

यह भी पढ़ें- 40 हजार सालों से भारत के लोगों का DNA एक जैसा: मोहन भागवत

जयपुर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को अजमेर (Farooq Abdullah Ajmer dargah Visit) में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाने के साथ जियारत की. यहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने भाजपा पर निशाना भी साधा.

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम भाजपा के साथ न तो कभी थे और न रहेंगे. जम्मू-कश्मीर में आगामी चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने का अधिकार सबको है. मैं अजमेर दरगाह आया हूं तो पहले मैं अपने परिवार के लिए दुआ करूंगा, फिर दोस्तों एवं वतन के लिए दुआ करूंगा. मैं दुआ करूंगा कि वतन की तरक्की हो और लोगों को कोरोना महामारी से निजात मिले और सभी भाईचारे से रहें.

फारूक अब्दुल्ला का बयान

कश्मीर के हालात पर किए गए सवाल को पूर्व सीएम टाल गए और कहा कि खुद आकर वहां के हालात आप देख लें. उन्होंने कहा कि वह कल होने वाली परिसीमन आयोग की बैठक में भाग लेंगे. आगामी चुनाव में बीजेपी के खिलाफ सभी क्षेत्रीय पार्टियां एकजुट होंगी. उन्होंने कहा कि हम बीजेपी के साथ न थे और न रहेंगे. हमारा खुद का अपना एजेंडा है. जब चुनाव में मुकाबला होगा तब देखा जाएगा.

फारूक अब्दुल्ला का है दरगाह से नाता

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला का अजमेर दरगाह से गहरा नाता है. वह वर्ष में एक बार ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में आते रहे हैं लेकिन कोरोना महामारी की वजह से वह लंबे अरसे से अजमेर दरगाह नहीं आ पा रहे थे. रविवार को वह कड़ी सुरक्षा के बीच अजमेर सर्किट हाउस पहुंचे, यहां कुछ देर विश्राम करने के बाद वह ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पहुंचे, जहां उन्होंने मखमली चादर और अकीदत के फूल पेश किए.

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