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सरकार और किसानों के बीच 2 बजे होगी बैठक, क्या निकलेगा समाधान?

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Published : Dec 5, 2020, 6:58 AM IST

Updated : Dec 5, 2020, 2:18 PM IST

12:09 December 05

पीएम आवास पर बैठक समाप्त हो गई है...

पीएम आवास पर बैठक समाप्त हो गई है. नरेंद्र सिंह तोमर पीएम आवास से बाहर निकले हैं. वहीं गृह मंत्री अमित शाह पीएम मोदी के साथ उनके आवास पर मौजदू हैं. मंत्री तोमर ने कहा कि हम बातचीत के बाद आगे के बारे में जानकारी देंगे. उन्होंने विश्वास जताया कि किसान अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे. 

10:56 December 05

किसानों का प्रदर्शन

वीडियो

सोनीपतः कृषि कानून के विरोध में दिल्ली हरियाणा की सीमाओं पर चल रहा प्रदर्शन जारी है. बॉर्डर पर हो रहे प्रदर्शन की वजह से सीमा पर वाहनों की रफ्तार थमी हुई है. किसान आंदोलन का असर नेशनल हाईवे 44 और एक्सप्रेस वे पर लगे टोल प्लाजा पर भी दिख रहा है. जहां वाहनों की कम आवाजाही के चलते टोल वसूली भी लाखों रुपये कम हो गई है.

50 प्रतिशत वाहन कम

नेशनल हाईवे 44 का मुरथल टोल प्लाजा पर 50 प्रतिशत तक वाहन कम हो गए हैं. जिसके चलते वहां टोल वसूली भी एक तिहाई तक कम हो गई है. एक सप्ताह तक कंपनी को कम टोल वसूली की मार झेलनी पड़ी, लेकिन अब एक सप्ताह से ज्यादा समय होने पर कम टोल वसूली के कारण जितना भी नुकसान हो रहा है, वो एनएचएआई को झेलना होगा. वहीं केएमपी का नुकसान एचएसआईआईडीसी को झेलना होगा.

50-70 लाख होती थी वसूली

जानकारी के मुताबिक नेशनल हाईवे 44 के मुरथल टोल प्लाजा से रोजाना करीब 60 से 70 हजार वाहन गुजरते थे और उससे 50 से 70 लाख रुपये की टोल वसूली होती थी. वहीं अब मुरथल टोल पर वसूली 15 लाख रुपये तक रह गई है. दिल्ली के संपर्क मार्ग भी कम हो रहे हैं, जिसके कारण रोजाना एक-तीन हजार तक वाहन लगातार कम हो रहे हैं. साथ ही पानीपत से रुट भी डाइवर्ट किए गए हैं. इसके अलावा किसानों के ट्रैक्टर से कोई भी वसूली नहीं की जाती.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाले 6 बॉर्डर इलाकों पर आवाजाही बंद

लाखों रुपये का नुकसान

इस तरह ही केजीपी पर रोजाना करीब 50 हजार वाहन गुजरते थे, जो अब करीब 40 हजार तक हो गए हैं. इससे केजीपी पर 10 लाख रुपये तक कम टोल वसूली हो रही है. वहीं केएमपी पर 40 हजार की जगह केवल 30 हजार तक वाहन रह गए हैं और वहां भी 10 लाख रुपये तक की रोजाना टोल वसूली कम हो रही है.

सरकारी खजाने को नुकसान

एनएचएआई के टेक्निकल मैनेजर आनंद दहिया ने बताया कि सोनीपत के जिन तीन टोल प्लाजा पर किसान आंदोलन के कारण कम वसूली हो गई है. उनमें केजीपी से सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, क्योंकि वो बीओटी प्रोजेक्ट के तहत चल रहा है, जिसपर एक्सप्रेस वे बनाने वाली कंपनी को एक नियमित अवधि के लिए टोल वसूली की अनुमति है. लेकिन नेशनल हाईवे और केएमपी से सरकारी खजाने को नुकसान होना शुरू हो गया है.

10:09 December 05

किसानों के साथ बैठक से पहले पीएम मोदी के आवास पर बड़ी बैठक

किसानों के साथ बैठक को लेकर तोमर ने क्या कहा, देखें वीडियो

किसानों के साथ बातचीत से पहले, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर पहुंचे है. खबरों के मुताबिक पीएम से मुलाकात के दौरान किसानों के साथ होने वाली बैठक पर चर्चा होगी. बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह भी पहुंचे हैं.  कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने  बताया कि आज दोपहर 2 बजे किसानों के साथ बैठक निर्धारित की गई है. तोमर को उम्मीद है कि किसान अपनी सोच को सकारात्मक रखते हुए आंदोलन को समाप्त करेंगे. 

जानकारी के मुताबिक बैठक में पीयूष गोयल भी मौजूद है. बता दें कि आज किसानों के साथ बैठक का 5वां दौर है. इसके मद्देनजर केंद्र सरकार मंत्री पीएम मोदी के आवास पर बैठक कर रहे हैं. 

बता दें कृषि कानून के विरोध में आंदोलनरत किसान संगठन और सरकार के बीच पांचवे चरण की वार्ता आज दोपहर 2 बजे से दिल्ली के विज्ञान भवन में शुरू होगी. पिछली बैठक में सरकार ने नर्म रुख अपनाते हुए किसानों की आशंकाओं को सुना था और कुछ संशोधन का प्रस्ताव किसानों के समक्ष रखा था लेकिन किसान संगठन अब भी कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं.  

किसानों की स्पष्ट मांग है कि पहले संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों कानून रद्द किये जाएं और फिर किसान आयोग का गठन हो. किसान आयोग में शामिल किसान नेता नये बिल का मसौदा तैयार करेंगे. किसान संगठनों ने सरकार को चेताया है कि यदि जल्द कोई निष्कर्ष नहीं निकाला गया तो वह आंदोलन में और तेजी लाएंगे.  

किसान संगठनों की तरफ से 8 दिसंबर को भारत बंद का आवाह्न भी किया गया है.  

सरकार के तरफ से पिछली बैठक में किसानों को आश्वस्त किया गया था कि फसलों पर एमएसपी की व्यवस्था यथावत बनी रहेगी. कानून में जरूरी बदलाव के लिये भी सरकार तैयार है.  

कृषि कानून में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के क्लॉज़ में कहा गया है कि प्राइवेट कंपनी और किसान के बीच किसी भी विवाद की स्थिति में एसडीएम और डीएम कोर्ट में विवाद का निपटारा किया जाएगा जबकी किसानों की मांग है कि उन्हें न्यायालय तक जाने का अधिकार मिले. इस मांग पर सरकार कानून में संशोधन करने को तैयार है.

कॉन्ट्रैक्ट में कहीं भी किसानों की जमीन का समझौता न हो किसान इस बात को भी ले कर आशंकित थे.  

सरकार ने किसानों की जमीन को पूर्ण सुरक्षा देने की बात भी कही है और स्पष्ट किया है कि किसी भी परिस्थिति में जमीन का समझौता नहीं होगा. पुरानी मंडी व्यवस्था को बनाये रखने के लिये एपीएमसी मंडी और प्राइवेट मंडियों में समान टैक्स की बात पर भी सरकार मान गई है.

इस तरह से सरकार किसानों की मांग पर कानून में संशोधन के लिये तैयार है लेकिन इसके बावजूद किसान नहीं मान रहे.  

आज आंदोलन का दसवां दिन है और अब तक लगभग एक लाख किसान दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाज़ीपुर बॉर्डर पर इकट्ठा हो चुके हैं. आंदोलन को और तेज करने के लिये अन्य राज्यों से भी किसान दिल्ली कूच कर चुके हैं. ऐसे में सरकार पर आंदोलन को शांत करने का दबाव है.

08:19 December 05

कृषि कानूनों के विरोध में अन्नदाता सड़कों पर डटे हुए हैं

वीडियो

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानूनों के विरोध में अन्नदाता सड़कों पर डटे हुए हैं. सड़कों पर बैठकर ही अन्नदाता विरोध कर रहे हैं. साथ ही रात भी खुले आसमान में सड़कों पर गुजार रहे हैं. किसान इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं, क्योंकि किसान अपने साथ कई महीनों का राशन लेकर आए हैं. 

गुरुवार सुबह किसानों ने गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले नेशनल हाईवे-9 को जाम कर दिया था. किसानों ने एक रात कड़ाके की ठंड में नेशनल हाईवे पर ही बिताई. लेकिन शाम होने के बाद किसानों ने नेशनल हाईवे पर ही टेंट लगा दिया है. किसानों ने केंद्र सरकार को भी संकेत देने की कोशिश की है कि अगर कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है, तो नेशनल हाइवे इसी तरह जाम रहेगा. हालांकि अब देखने वाली बात ये होगी कि किसानों के जरिए नेशनल हाईवे पर लगाए गए टेंट के बाद प्रशासन क्या कुछ रुख इख्तियार करता है.

08:15 December 05

कुछ बॉर्डर पूरी तरह सील, तो कुछ पर हल्के वाहनों को अनुमति

वीडियो

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सभी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने वाहन चालकों की सुविधा के लिए जानकारी साझा की गई है कि दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाले 6 बॉर्डर को बंद किया गया है और 12 बॉर्डर उनकी आवाजाही के लिए खुले हुए हैं.

कुछ बॉर्डर पूरी तरह सील, तो कुछ पर हल्के वाहनों को अनुमति
ट्रैफिक पुलिस के जरिए बंद किए गए 6 बॉर्डर में टिकरी, झडोदा, सिंधु, शाफियाबाद, सबोली, औचंडी और प्याऊ मनियारी बॉर्डर शामिल है. जहां से सभी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके अलावा झटिकरा बॉर्डर को दो पहिया वाहनों और बदूसराय बॉर्डर को दोपहिया वाहनों के साथ चार पहिया वाहनों के लिए भी खोला गया है.

कुछ बॉर्डर का इस्तेमाल कर सकते हैं सभी वाहन चालक
वहीं तीसरी और ढांसा, दौराला, कापसहेड़ा, राजोकरी, बिजवासन, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर पर किसी भी तरह के वाहन की आवाजाही पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. इन बॉर्डर से सभी वाहन चालक आना-जाना कर सकते हैं. इसके साथ ही एनएच 44 का इस्तेमाल करने वाले वाहन चालको को NH8 और लामपुर होते हुए निकलने के निर्देश दिए गए हैं.

06:37 December 05

किसान आंदोलन लाइव अपडेट-

नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 10वां दिन है. वहीं इस मसले को सुलझाने के लिए आज फिर से सरकार और किसान नेताओं के बीच बैठक होगी. जानकारी के मुताबिक दिन के दो बजे विज्ञान भवन में बातचीत होगी. 

केंद्र सरकार के साथ आज होने वाली पांचवें दौर की बातचीत से पहले किसानों ने अपना रूख और सख्त कर लिया है. बता दें कि केन्द्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने आठ दिसम्बर को 'भारत बंद' का शुक्रवार को एलान किया.  

आज होने वाली अगले दौर की वार्ता में सरकारी पक्ष का नेतृत्व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर करेंगे और उनके साथ खाद्य मंत्री पीयूष गोयल एवं वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश भी होंगे.

किसानों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे राष्ट्रीय राजधानी की तरफ जाने वाली और सड़कों को बंद कर देंगे.

सूत्रों ने अनुसार सरकार ने गतिरोध खत्म करने के लिए उन प्रावधानों का संभावित हल तैयार कर लिया है जिन पर किसानों को ऐतराज है.

मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन तेज होगा

किसानों ने भावी कदम तय करने के लिए दिन के समय बैठक की. बैठक के बाद किसान नेताओं में एक गुरनाम सिंह चडोनी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि केंद्र सरकार शनिवार की वार्ता के दौरान उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करेंगे.

क्या कहा हरिंदर सिंह लखवाल ने

भारतीय किसान यूनियन के महासचिव हरिंदर सिंह लखवाल ने कहा, आज की हमारी बैठक में हमने आठ दिसम्बर को 'भारत बंद' का आह्वान करने का फैसला किया और इस दौरान हम सभी टोल प्लाजा पर कब्जा भी कर लेंगे.

उन्होंने कहा, यदि इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो हमने आने वाले दिनों में दिल्ली की शेष सड़कों को अवरूद्ध करने की योजना बनाई है.

पदक लौटाएंगे

उन्होंने कहा कि किसान शनिवार को केन्द्र सरकार और कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और उनके पुतले फूकेंगे. उन्होंने कहा कि सात दिसम्बर को खिलाड़ी किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए अपने पदक लौटाएंगे.

मांग पर अड़े किसान

किसान नेता अपनी इस मांग पर अड़ गये हैं कि इन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केन्द्र संसद का विशेष सत्र बुलाये. उनका कहना है कि वे नये कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं बल्कि वे चाहते हैं कि इन कानूनों को निरस्त किया जाये.

चिंताओं को दूर करने का प्रयास

बृहस्पतिवार को तोमर ने विभिन्न किसान संगठनों के 40 किसान नेताओं के समूह को आश्वासन दिया था कि सरकार किसान संगठनों की चिंताओं को दूर करने के प्रयास के तहत मंडियों को मजबूत बनाने, प्रस्तावित निजी बाजारों के साथ समान परिवेश सृजित करने और विवाद समाधान के लिये किसानों को ऊंची अदालतों में जाने की आजादी दिये जाने जैसे मुद्दों पर विचार करने को तैयार है.

उन्होंने यह भी कहा था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद व्यवस्था जारी रहेगी.

लेकिन दूसरे पक्ष ने कानूनों में कई खामियों और विसंगतियों को गिनाते हुये कहा कि इन कानूनों को सितंबर में जल्दबाजी में पारित किया गया.

राकेश टिकैत ने क्या कहा जानें

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार पांचवें दौर की वार्ता में उनकी मांगें मान लेगी.

टिकैत ने कहा, सरकार और किसान बृहस्पतिवार को बैठक में किसी निर्णय पर नहीं पहुंचे. सरकार तीनों कानूनों में संशोधन करना चाहती है लेकिन हम चाहते हैं कि ये कानून पूरी तरह वापस लिये जाएं.

इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को हड़बड़ी में नहीं लाया गया, इन्हें हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा और काफी विचार विमर्श के बाद लाया गया तथा इनसे किसानों को फायदा होगा.

दिल्ली के बॉर्डर बिंदुओं पर पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसानों का प्रदर्शन लगातार नौ दिनों से जारी है. राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर यातायात बहुत सुस्त रहा है. पुलिस ने दिल्ली को हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाली अहम मार्गों को बंद रखा.

ममता का समर्थन

इस बीच किसान संगठन विभिन्न पक्षों का समर्थन जुटाने में लगे हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस उनके साथ खड़ी है.

इनेलो नेता अभय चौटाला का बयान

इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा, सरकार को मामले को नहीं खींचना चाहिए. उसे इन कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग पर राजी होकर इस मामले का तत्काल हल करना चाहिए. सरकार को एमएसपी पर लिखित आश्वासन भी देना चाहिए.

आरजेडी प्रदर्शन करेगा

उधर बिहार में विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल ने कहा कि वह कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को पटना में प्रदर्शन करेगा. राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि गांधी मैदान में धरना दिया जाएगा.

इस बीच भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल को तलब कर उनसे कहा कि किसानों के आंदोलन के संबंध में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और वहां के कुछ अन्य नेताओं की टिप्पणी देश के आंतरिक मामलों में एक अस्वीकार्य हस्तक्षेप के समान है.

पढ़ें : कृषि कानूनों के खिलाफ 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान

किसान समुदाय को आशंका है कि केन्द्र सरकार के कृषि संबंधी कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जायेगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों की अनुकंपा पर छोड़ दिया जायेगा.

सरकार लगातार कह रही है कि नए कानून किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे और इनसे कृषि में नई तकनीकों की शुरूआत होगी.

12:09 December 05

पीएम आवास पर बैठक समाप्त हो गई है...

पीएम आवास पर बैठक समाप्त हो गई है. नरेंद्र सिंह तोमर पीएम आवास से बाहर निकले हैं. वहीं गृह मंत्री अमित शाह पीएम मोदी के साथ उनके आवास पर मौजदू हैं. मंत्री तोमर ने कहा कि हम बातचीत के बाद आगे के बारे में जानकारी देंगे. उन्होंने विश्वास जताया कि किसान अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे. 

10:56 December 05

किसानों का प्रदर्शन

वीडियो

सोनीपतः कृषि कानून के विरोध में दिल्ली हरियाणा की सीमाओं पर चल रहा प्रदर्शन जारी है. बॉर्डर पर हो रहे प्रदर्शन की वजह से सीमा पर वाहनों की रफ्तार थमी हुई है. किसान आंदोलन का असर नेशनल हाईवे 44 और एक्सप्रेस वे पर लगे टोल प्लाजा पर भी दिख रहा है. जहां वाहनों की कम आवाजाही के चलते टोल वसूली भी लाखों रुपये कम हो गई है.

50 प्रतिशत वाहन कम

नेशनल हाईवे 44 का मुरथल टोल प्लाजा पर 50 प्रतिशत तक वाहन कम हो गए हैं. जिसके चलते वहां टोल वसूली भी एक तिहाई तक कम हो गई है. एक सप्ताह तक कंपनी को कम टोल वसूली की मार झेलनी पड़ी, लेकिन अब एक सप्ताह से ज्यादा समय होने पर कम टोल वसूली के कारण जितना भी नुकसान हो रहा है, वो एनएचएआई को झेलना होगा. वहीं केएमपी का नुकसान एचएसआईआईडीसी को झेलना होगा.

50-70 लाख होती थी वसूली

जानकारी के मुताबिक नेशनल हाईवे 44 के मुरथल टोल प्लाजा से रोजाना करीब 60 से 70 हजार वाहन गुजरते थे और उससे 50 से 70 लाख रुपये की टोल वसूली होती थी. वहीं अब मुरथल टोल पर वसूली 15 लाख रुपये तक रह गई है. दिल्ली के संपर्क मार्ग भी कम हो रहे हैं, जिसके कारण रोजाना एक-तीन हजार तक वाहन लगातार कम हो रहे हैं. साथ ही पानीपत से रुट भी डाइवर्ट किए गए हैं. इसके अलावा किसानों के ट्रैक्टर से कोई भी वसूली नहीं की जाती.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाले 6 बॉर्डर इलाकों पर आवाजाही बंद

लाखों रुपये का नुकसान

इस तरह ही केजीपी पर रोजाना करीब 50 हजार वाहन गुजरते थे, जो अब करीब 40 हजार तक हो गए हैं. इससे केजीपी पर 10 लाख रुपये तक कम टोल वसूली हो रही है. वहीं केएमपी पर 40 हजार की जगह केवल 30 हजार तक वाहन रह गए हैं और वहां भी 10 लाख रुपये तक की रोजाना टोल वसूली कम हो रही है.

सरकारी खजाने को नुकसान

एनएचएआई के टेक्निकल मैनेजर आनंद दहिया ने बताया कि सोनीपत के जिन तीन टोल प्लाजा पर किसान आंदोलन के कारण कम वसूली हो गई है. उनमें केजीपी से सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, क्योंकि वो बीओटी प्रोजेक्ट के तहत चल रहा है, जिसपर एक्सप्रेस वे बनाने वाली कंपनी को एक नियमित अवधि के लिए टोल वसूली की अनुमति है. लेकिन नेशनल हाईवे और केएमपी से सरकारी खजाने को नुकसान होना शुरू हो गया है.

10:09 December 05

किसानों के साथ बैठक से पहले पीएम मोदी के आवास पर बड़ी बैठक

किसानों के साथ बैठक को लेकर तोमर ने क्या कहा, देखें वीडियो

किसानों के साथ बातचीत से पहले, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर पहुंचे है. खबरों के मुताबिक पीएम से मुलाकात के दौरान किसानों के साथ होने वाली बैठक पर चर्चा होगी. बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह भी पहुंचे हैं.  कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने  बताया कि आज दोपहर 2 बजे किसानों के साथ बैठक निर्धारित की गई है. तोमर को उम्मीद है कि किसान अपनी सोच को सकारात्मक रखते हुए आंदोलन को समाप्त करेंगे. 

जानकारी के मुताबिक बैठक में पीयूष गोयल भी मौजूद है. बता दें कि आज किसानों के साथ बैठक का 5वां दौर है. इसके मद्देनजर केंद्र सरकार मंत्री पीएम मोदी के आवास पर बैठक कर रहे हैं. 

बता दें कृषि कानून के विरोध में आंदोलनरत किसान संगठन और सरकार के बीच पांचवे चरण की वार्ता आज दोपहर 2 बजे से दिल्ली के विज्ञान भवन में शुरू होगी. पिछली बैठक में सरकार ने नर्म रुख अपनाते हुए किसानों की आशंकाओं को सुना था और कुछ संशोधन का प्रस्ताव किसानों के समक्ष रखा था लेकिन किसान संगठन अब भी कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं.  

किसानों की स्पष्ट मांग है कि पहले संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों कानून रद्द किये जाएं और फिर किसान आयोग का गठन हो. किसान आयोग में शामिल किसान नेता नये बिल का मसौदा तैयार करेंगे. किसान संगठनों ने सरकार को चेताया है कि यदि जल्द कोई निष्कर्ष नहीं निकाला गया तो वह आंदोलन में और तेजी लाएंगे.  

किसान संगठनों की तरफ से 8 दिसंबर को भारत बंद का आवाह्न भी किया गया है.  

सरकार के तरफ से पिछली बैठक में किसानों को आश्वस्त किया गया था कि फसलों पर एमएसपी की व्यवस्था यथावत बनी रहेगी. कानून में जरूरी बदलाव के लिये भी सरकार तैयार है.  

कृषि कानून में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के क्लॉज़ में कहा गया है कि प्राइवेट कंपनी और किसान के बीच किसी भी विवाद की स्थिति में एसडीएम और डीएम कोर्ट में विवाद का निपटारा किया जाएगा जबकी किसानों की मांग है कि उन्हें न्यायालय तक जाने का अधिकार मिले. इस मांग पर सरकार कानून में संशोधन करने को तैयार है.

कॉन्ट्रैक्ट में कहीं भी किसानों की जमीन का समझौता न हो किसान इस बात को भी ले कर आशंकित थे.  

सरकार ने किसानों की जमीन को पूर्ण सुरक्षा देने की बात भी कही है और स्पष्ट किया है कि किसी भी परिस्थिति में जमीन का समझौता नहीं होगा. पुरानी मंडी व्यवस्था को बनाये रखने के लिये एपीएमसी मंडी और प्राइवेट मंडियों में समान टैक्स की बात पर भी सरकार मान गई है.

इस तरह से सरकार किसानों की मांग पर कानून में संशोधन के लिये तैयार है लेकिन इसके बावजूद किसान नहीं मान रहे.  

आज आंदोलन का दसवां दिन है और अब तक लगभग एक लाख किसान दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाज़ीपुर बॉर्डर पर इकट्ठा हो चुके हैं. आंदोलन को और तेज करने के लिये अन्य राज्यों से भी किसान दिल्ली कूच कर चुके हैं. ऐसे में सरकार पर आंदोलन को शांत करने का दबाव है.

08:19 December 05

कृषि कानूनों के विरोध में अन्नदाता सड़कों पर डटे हुए हैं

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नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानूनों के विरोध में अन्नदाता सड़कों पर डटे हुए हैं. सड़कों पर बैठकर ही अन्नदाता विरोध कर रहे हैं. साथ ही रात भी खुले आसमान में सड़कों पर गुजार रहे हैं. किसान इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं, क्योंकि किसान अपने साथ कई महीनों का राशन लेकर आए हैं. 

गुरुवार सुबह किसानों ने गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले नेशनल हाईवे-9 को जाम कर दिया था. किसानों ने एक रात कड़ाके की ठंड में नेशनल हाईवे पर ही बिताई. लेकिन शाम होने के बाद किसानों ने नेशनल हाईवे पर ही टेंट लगा दिया है. किसानों ने केंद्र सरकार को भी संकेत देने की कोशिश की है कि अगर कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है, तो नेशनल हाइवे इसी तरह जाम रहेगा. हालांकि अब देखने वाली बात ये होगी कि किसानों के जरिए नेशनल हाईवे पर लगाए गए टेंट के बाद प्रशासन क्या कुछ रुख इख्तियार करता है.

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कुछ बॉर्डर पूरी तरह सील, तो कुछ पर हल्के वाहनों को अनुमति

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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सभी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने वाहन चालकों की सुविधा के लिए जानकारी साझा की गई है कि दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाले 6 बॉर्डर को बंद किया गया है और 12 बॉर्डर उनकी आवाजाही के लिए खुले हुए हैं.

कुछ बॉर्डर पूरी तरह सील, तो कुछ पर हल्के वाहनों को अनुमति
ट्रैफिक पुलिस के जरिए बंद किए गए 6 बॉर्डर में टिकरी, झडोदा, सिंधु, शाफियाबाद, सबोली, औचंडी और प्याऊ मनियारी बॉर्डर शामिल है. जहां से सभी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके अलावा झटिकरा बॉर्डर को दो पहिया वाहनों और बदूसराय बॉर्डर को दोपहिया वाहनों के साथ चार पहिया वाहनों के लिए भी खोला गया है.

कुछ बॉर्डर का इस्तेमाल कर सकते हैं सभी वाहन चालक
वहीं तीसरी और ढांसा, दौराला, कापसहेड़ा, राजोकरी, बिजवासन, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर पर किसी भी तरह के वाहन की आवाजाही पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. इन बॉर्डर से सभी वाहन चालक आना-जाना कर सकते हैं. इसके साथ ही एनएच 44 का इस्तेमाल करने वाले वाहन चालको को NH8 और लामपुर होते हुए निकलने के निर्देश दिए गए हैं.

06:37 December 05

किसान आंदोलन लाइव अपडेट-

नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 10वां दिन है. वहीं इस मसले को सुलझाने के लिए आज फिर से सरकार और किसान नेताओं के बीच बैठक होगी. जानकारी के मुताबिक दिन के दो बजे विज्ञान भवन में बातचीत होगी. 

केंद्र सरकार के साथ आज होने वाली पांचवें दौर की बातचीत से पहले किसानों ने अपना रूख और सख्त कर लिया है. बता दें कि केन्द्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने आठ दिसम्बर को 'भारत बंद' का शुक्रवार को एलान किया.  

आज होने वाली अगले दौर की वार्ता में सरकारी पक्ष का नेतृत्व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर करेंगे और उनके साथ खाद्य मंत्री पीयूष गोयल एवं वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश भी होंगे.

किसानों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे राष्ट्रीय राजधानी की तरफ जाने वाली और सड़कों को बंद कर देंगे.

सूत्रों ने अनुसार सरकार ने गतिरोध खत्म करने के लिए उन प्रावधानों का संभावित हल तैयार कर लिया है जिन पर किसानों को ऐतराज है.

मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन तेज होगा

किसानों ने भावी कदम तय करने के लिए दिन के समय बैठक की. बैठक के बाद किसान नेताओं में एक गुरनाम सिंह चडोनी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि केंद्र सरकार शनिवार की वार्ता के दौरान उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करेंगे.

क्या कहा हरिंदर सिंह लखवाल ने

भारतीय किसान यूनियन के महासचिव हरिंदर सिंह लखवाल ने कहा, आज की हमारी बैठक में हमने आठ दिसम्बर को 'भारत बंद' का आह्वान करने का फैसला किया और इस दौरान हम सभी टोल प्लाजा पर कब्जा भी कर लेंगे.

उन्होंने कहा, यदि इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो हमने आने वाले दिनों में दिल्ली की शेष सड़कों को अवरूद्ध करने की योजना बनाई है.

पदक लौटाएंगे

उन्होंने कहा कि किसान शनिवार को केन्द्र सरकार और कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और उनके पुतले फूकेंगे. उन्होंने कहा कि सात दिसम्बर को खिलाड़ी किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए अपने पदक लौटाएंगे.

मांग पर अड़े किसान

किसान नेता अपनी इस मांग पर अड़ गये हैं कि इन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केन्द्र संसद का विशेष सत्र बुलाये. उनका कहना है कि वे नये कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं बल्कि वे चाहते हैं कि इन कानूनों को निरस्त किया जाये.

चिंताओं को दूर करने का प्रयास

बृहस्पतिवार को तोमर ने विभिन्न किसान संगठनों के 40 किसान नेताओं के समूह को आश्वासन दिया था कि सरकार किसान संगठनों की चिंताओं को दूर करने के प्रयास के तहत मंडियों को मजबूत बनाने, प्रस्तावित निजी बाजारों के साथ समान परिवेश सृजित करने और विवाद समाधान के लिये किसानों को ऊंची अदालतों में जाने की आजादी दिये जाने जैसे मुद्दों पर विचार करने को तैयार है.

उन्होंने यह भी कहा था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद व्यवस्था जारी रहेगी.

लेकिन दूसरे पक्ष ने कानूनों में कई खामियों और विसंगतियों को गिनाते हुये कहा कि इन कानूनों को सितंबर में जल्दबाजी में पारित किया गया.

राकेश टिकैत ने क्या कहा जानें

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार पांचवें दौर की वार्ता में उनकी मांगें मान लेगी.

टिकैत ने कहा, सरकार और किसान बृहस्पतिवार को बैठक में किसी निर्णय पर नहीं पहुंचे. सरकार तीनों कानूनों में संशोधन करना चाहती है लेकिन हम चाहते हैं कि ये कानून पूरी तरह वापस लिये जाएं.

इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को हड़बड़ी में नहीं लाया गया, इन्हें हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा और काफी विचार विमर्श के बाद लाया गया तथा इनसे किसानों को फायदा होगा.

दिल्ली के बॉर्डर बिंदुओं पर पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसानों का प्रदर्शन लगातार नौ दिनों से जारी है. राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर यातायात बहुत सुस्त रहा है. पुलिस ने दिल्ली को हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाली अहम मार्गों को बंद रखा.

ममता का समर्थन

इस बीच किसान संगठन विभिन्न पक्षों का समर्थन जुटाने में लगे हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस उनके साथ खड़ी है.

इनेलो नेता अभय चौटाला का बयान

इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा, सरकार को मामले को नहीं खींचना चाहिए. उसे इन कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग पर राजी होकर इस मामले का तत्काल हल करना चाहिए. सरकार को एमएसपी पर लिखित आश्वासन भी देना चाहिए.

आरजेडी प्रदर्शन करेगा

उधर बिहार में विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल ने कहा कि वह कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को पटना में प्रदर्शन करेगा. राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि गांधी मैदान में धरना दिया जाएगा.

इस बीच भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल को तलब कर उनसे कहा कि किसानों के आंदोलन के संबंध में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और वहां के कुछ अन्य नेताओं की टिप्पणी देश के आंतरिक मामलों में एक अस्वीकार्य हस्तक्षेप के समान है.

पढ़ें : कृषि कानूनों के खिलाफ 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान

किसान समुदाय को आशंका है कि केन्द्र सरकार के कृषि संबंधी कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जायेगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों की अनुकंपा पर छोड़ दिया जायेगा.

सरकार लगातार कह रही है कि नए कानून किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे और इनसे कृषि में नई तकनीकों की शुरूआत होगी.

Last Updated : Dec 5, 2020, 2:18 PM IST
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