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पाकिस्तान से अपलोड हुआ सिख विरोधी कैबिनेट मीटिंग का फर्जी वीडियो, साइबर सेल ने खोली पोल - Fake video of cabinet meeting goes viral

PIB और दिल्ली पुलिस (PIB and Delhi Police) की साइबर सेल ने कैबिनेट मीटिंग में सिखों को आर्मी से निकालने (Expelling sikhs from army in cabinet meeting) की कथित साजिश वाली वायरल वीडियो को फर्जी करार (viral video fake) दिया है. PIB के मुताबिक यह वीडियो फर्जी तरीके से तैयार करके पाकिस्तान से संचालित ट्विटर अकाउंट से शेयर किया गया है.

Fake photo
पाकिस्तान फेक वीडियो
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Published : Jan 8, 2022, 10:23 PM IST

नई दिल्ली : प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (Press Information Bureau) ने कैबिनेट बैठक के उस वायरल वीडियो को फेक करार दिया है. जिसमें कैबिनेट मीटिंग में चर्चा के दौरान भारतीय सेना से सिखों को निकालने की बात कही जा रही है.

PIB ने इस वायरल वीडियो की जांच के बाद इसे फेक करार दिया है. जांच में पता चला है कि यह वीडियो बनाकर पाकिस्तान से एक सिख महिला के ट्विटर अकाउंट से शेयर किया गया है. सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मृत्यु के बाद आयोजित कैबिनेट बैठक के वीडियो से छेड़छाड़ करके उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने का काम पाकिस्तान से किया गया. यह खुलासा साइबर सेल की प्राथमिक जांच में हुआ है.

ऐसे 40 से ज्यादा ट्विटर एकाउंट भी चिन्हित किए गए हैं जो बीते अक्टूबर से दिसंबर के बीच बनाए गए थे. इनका इस्तेमाल इन फर्जी वीडियो को वायरल करने में किया गया. इसमें यह दिखाने की कोशिश की गई है कि यह बैठक सिख समुदाय के खिलाफ आयोजित की गई थी. इस तरह का वीडियो वायरल होने पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने IPC की धारा 153 A के तहत मामला दर्ज किया है.

DCP केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक साइबर सेल सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग कर रही थी. इस दौरान उन्होंने देखा कि एक फर्जी वीडियो ट्विटर पर कुछ ट्विटर हैंडल से शेयर की गई है. वास्तव में यह वीडियो बीते 9 दिसंबर को आयोजित हुई कैबिनेट मीटिंग का है. जो सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मृत्यु के बाद आयोजित की गई थी.

PIB व साइबर सेल ने खोली साजिश
PIB व साइबर सेल ने खोली साजिश

यह वीडियो कई न्यूज़ पोर्टल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद है. कुछ लोगों ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने के मकसद से इस वीडियो को मॉर्फ्ड किया और वॉइस ओवर करके उसे ट्वीट कर दिया. ट्वीट किए गए इस वीडियो में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि यह बैठक सिख समुदाय के खिलाफ आयोजित की गई थी.

लोगों के बीच दुश्मनी फैलाने के मकसद से यह वीडियो वॉइस ओवर के साथ तैयार किया गया था. इस वीडियो से धार्मिक भावनाएं आहत करने एवं लोगों के बीच दुश्मनी फैलने का खतरा है. प्राथमिक जांच में साइबर सेल को पता चला है कि इस वीडियो को शुरुआत में @simrankaur0507 और @eshelkaur1 नामक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके आगे बढ़ाया गया.

आगे जांच के बाद ऐसे 40 से ज्यादा ट्विटर अकाउंट चिन्हित किए गए, जिनसे इसे वायरल किया गया. इन सभी ट्विटर हैंडल से एक ही वीडियो, एक ही जैसा कंटेंट, एक ही जैसे हैशटैग के साथ ट्वीट किया गया है. ये सभी ट्वीटर अकाउंट अक्टूबर 2021 से दिसंबर 2021 के बीच बनाए गए थे.

PIB व साइबर सेल ने खोली साजिश
PIB व साइबर सेल ने खोली साजिश

ये तमाम अकाउंट एक सिंगल ब्राउजर multilogin.com से चल रहे थे. टेक्निकल जांच में यह भी पता चला है कि पाकिस्तान से यह अकाउंट इस्तेमाल किए जा रहे हैं. फिलहाल इन सभी अकाउंट्स को साइबर सेल ने ब्लॉक कर दिया है.

यह भी पढ़ें- पीएम की सुरक्षा में चूक के लिए पंजाब पुलिस और राजनीतिक नेतृत्व जिम्मेदार : प्रकाश सिंह

दिल्ली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह इस तरह के फर्जी वीडियो पर भरोसा ना करें. इस तरह के वीडियो को बिना जांचे आगे भी न बढ़ाएं. पीआईबी ने भी इस वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल से फेक बताया है. पुलिस इस पूरे मामले को लेकर फिलहाल तफ्तीश जारी है.

नई दिल्ली : प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (Press Information Bureau) ने कैबिनेट बैठक के उस वायरल वीडियो को फेक करार दिया है. जिसमें कैबिनेट मीटिंग में चर्चा के दौरान भारतीय सेना से सिखों को निकालने की बात कही जा रही है.

PIB ने इस वायरल वीडियो की जांच के बाद इसे फेक करार दिया है. जांच में पता चला है कि यह वीडियो बनाकर पाकिस्तान से एक सिख महिला के ट्विटर अकाउंट से शेयर किया गया है. सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मृत्यु के बाद आयोजित कैबिनेट बैठक के वीडियो से छेड़छाड़ करके उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने का काम पाकिस्तान से किया गया. यह खुलासा साइबर सेल की प्राथमिक जांच में हुआ है.

ऐसे 40 से ज्यादा ट्विटर एकाउंट भी चिन्हित किए गए हैं जो बीते अक्टूबर से दिसंबर के बीच बनाए गए थे. इनका इस्तेमाल इन फर्जी वीडियो को वायरल करने में किया गया. इसमें यह दिखाने की कोशिश की गई है कि यह बैठक सिख समुदाय के खिलाफ आयोजित की गई थी. इस तरह का वीडियो वायरल होने पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने IPC की धारा 153 A के तहत मामला दर्ज किया है.

DCP केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक साइबर सेल सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग कर रही थी. इस दौरान उन्होंने देखा कि एक फर्जी वीडियो ट्विटर पर कुछ ट्विटर हैंडल से शेयर की गई है. वास्तव में यह वीडियो बीते 9 दिसंबर को आयोजित हुई कैबिनेट मीटिंग का है. जो सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मृत्यु के बाद आयोजित की गई थी.

PIB व साइबर सेल ने खोली साजिश
PIB व साइबर सेल ने खोली साजिश

यह वीडियो कई न्यूज़ पोर्टल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद है. कुछ लोगों ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने के मकसद से इस वीडियो को मॉर्फ्ड किया और वॉइस ओवर करके उसे ट्वीट कर दिया. ट्वीट किए गए इस वीडियो में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि यह बैठक सिख समुदाय के खिलाफ आयोजित की गई थी.

लोगों के बीच दुश्मनी फैलाने के मकसद से यह वीडियो वॉइस ओवर के साथ तैयार किया गया था. इस वीडियो से धार्मिक भावनाएं आहत करने एवं लोगों के बीच दुश्मनी फैलने का खतरा है. प्राथमिक जांच में साइबर सेल को पता चला है कि इस वीडियो को शुरुआत में @simrankaur0507 और @eshelkaur1 नामक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके आगे बढ़ाया गया.

आगे जांच के बाद ऐसे 40 से ज्यादा ट्विटर अकाउंट चिन्हित किए गए, जिनसे इसे वायरल किया गया. इन सभी ट्विटर हैंडल से एक ही वीडियो, एक ही जैसा कंटेंट, एक ही जैसे हैशटैग के साथ ट्वीट किया गया है. ये सभी ट्वीटर अकाउंट अक्टूबर 2021 से दिसंबर 2021 के बीच बनाए गए थे.

PIB व साइबर सेल ने खोली साजिश
PIB व साइबर सेल ने खोली साजिश

ये तमाम अकाउंट एक सिंगल ब्राउजर multilogin.com से चल रहे थे. टेक्निकल जांच में यह भी पता चला है कि पाकिस्तान से यह अकाउंट इस्तेमाल किए जा रहे हैं. फिलहाल इन सभी अकाउंट्स को साइबर सेल ने ब्लॉक कर दिया है.

यह भी पढ़ें- पीएम की सुरक्षा में चूक के लिए पंजाब पुलिस और राजनीतिक नेतृत्व जिम्मेदार : प्रकाश सिंह

दिल्ली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह इस तरह के फर्जी वीडियो पर भरोसा ना करें. इस तरह के वीडियो को बिना जांचे आगे भी न बढ़ाएं. पीआईबी ने भी इस वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल से फेक बताया है. पुलिस इस पूरे मामले को लेकर फिलहाल तफ्तीश जारी है.

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