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Fake PMO Officer Case: महाठग किरण पटेल के दो और साथी गिरफ्तार, एक सीएमओ अधिकारी का बेटा - Amit Pandya and Jai Sitapara arrested

महाठग किरण पटेल मामले की जांच में एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है. किरण पटेल के साथ दो अन्य गुजरातियों ने भी आतिथ्य का आनंद लिया, उनकी पहचान कर ली गई है और दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. किरण पटेल की रिमांड के बाद दोनों को पूछताछ के लिए कश्मीर बुलाया गया और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया.

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Published : Mar 22, 2023, 10:49 PM IST

अहमदाबाद: प्रधानमंत्री कार्यालय पीएमओ में अतिरिक्त निदेशक के तौर पर अपनी पहचान बताने वाले महाठग किरण पटेल के कारनामों के मामले में एक और अपडेट सामने आया है. जम्मू कश्मीर के जेड प्लस सिक्योरिटी, फाइव स्टार होटलों में ठहरने समेत मौज-मस्ती करने वाले महाठग किरण पटेल की तहकीकात में एक के बाद एक नए खुलासे सामने आ रहे हैं. किरण पटेल के साथ कश्मीर में दो गुजराती युवक भी थे, जिनकी पहचान कश्मीर पुलिस ने अहमदाबाद के रहने वाले अमित पंड्या और जय सीतापारा के रूप में की है. गिरफ्तार आरोपी अमित पांड्या एक सीसीटीवी नेटवर्किंग कंपनी चलाता है और एक राजनीतिक दल का मीडिया प्रभारी भी बताया जा रहा है.

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार अहमदाबाद से गिरफ्तार आरोपी गुजरात सरकार के उच्च पद पर कार्यरत व्यक्ति का बेटा है. किरण पटेल का घोटाला सामने आने के बाद ये दोनों युवक गुजरात लौट गए. हालांकि किरण पटेल को रिमांड पर लिए जाने के बाद दोनों को कश्मीर बुलाकर पूछताछ की गई और आखिरकार उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इस पूरे मामले में खुलासा हुआ है कि राजकोट के जय सीतापारा जम्मू-कश्मीर में पीएमओ का नाम दिखाकर किरण पटेल के साथ उनकी टीम में था. गौरतलब है कि श्रीनगर की अदालत में जमानत पाने के लिए किरण पटेल की अर्जी पर श्रीनगर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजा मोहम्मद तस्लीम की अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी है, जिसमें कोर्ट ने 23 मार्च को फैसला सुनाने का ऐलान किया है.

गौरतलब है कि किरण पटेल की जांच में कुछ अहम जानकारियां सामने आई हैं, जिसमें कश्मीर में धारा 370 खत्म होने के बाद किरण पटेल वहां निवेशकों के लिए जमीन और सेब के बगीचे तलाशने का काम कर रहा था. निवेशकों में कुछ उच्च अधिकारी और कुछ प्रभावशाली व्यक्ति भी शामिल हैं, जो किरण की हर तरह की मदद कर रहा था. उस वक्त इनके नामों को लेकर जांच एजेंसियां ​​जांच भी कर चुकी हैं. किरण पटेल 27 अक्टूबर 2022 को पहली बार श्रीनगर पहुंचा था. यह भी अफवाह है कि, बारामूला और पुलवामा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में जाने के दौरान उन्हें दिल्ली के एक केंद्र से टेलीफोनिक संदेश के माध्यम से जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त हुई थी. पता चला है कि उसने पीएमओ का लेटरपैड भी जाली बनाया था. संवेदनशील इलाके में जाने के लिए विशेष सुरक्षा अनुमति लेने की फाइल उस राज्य के मुख्य सचिव के पास पहुंचना जरूरी है. लेकिन किरण पटेल के मामले में जांच में यह भी सामने आया है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने पिछले दो वर्षों में जम्मु और कश्मीर में सभी भूमि सौदों की रिपोर्ट मांगी है. साथ ही जमीन सौदे या प्रक्रिया में शामिल लोगों की पृष्ठभूमि की जांच की जाएगी. जम्मू-कश्मीर सरकार को अगले 15 दिन में रिपोर्ट पीएम ऑफिस भेजने का आदेश दिया गया है. महाठग किरण पटेल की रिमांड के दौरान श्रीनगर पुलिस को कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं, जिसमें किरण पटेल ने यह भी कहा है कि कश्मीर घाटी के अपने दौरे के दौरान आईएएस आईपीएस अधिकारियों को बदनाम करने के लिए उन्होंने खुद दो महीने पहले आईएएस आईपीएस अधिकारियों के तबादलों की व्यवस्था की थी. साथ ही, उन्होंने उच्च अधिकारियों से कहा कि यदि वे किसी महत्वपूर्ण पद पर पोस्टिंग चाहते हैं, तो उनसे संपर्क करें और कई अधिकारियों को स्थानांतरित करने के लिए प्रलोभन देकर एक बड़ा सौदा किया. अहम जानकारी यह भी मिली है कि इस मामले में एनआईए ने भी जांच शुरू कर दी है. किरण पटेल बार-बार कश्मीर क्यों जाता था और दूसरे राज्यों में उसके संपर्कों की भी जांच की जाएगी. वह किससे मिलता था और किसके साथ वित्तीय लेनदेन में शामिल था, इसकी भी एनआईए जांच करेगी. इसके अलावा उसके गुजरात संपर्कों की जांच भी एनआईए के रडार पर है.

यह भी पढ़ें: Rahul Gandhi: राहुल के खिलाफ मानहानि मामले में गुरुवार को सूरत की अदालत सुनाएगी फैसला

अहमदाबाद: प्रधानमंत्री कार्यालय पीएमओ में अतिरिक्त निदेशक के तौर पर अपनी पहचान बताने वाले महाठग किरण पटेल के कारनामों के मामले में एक और अपडेट सामने आया है. जम्मू कश्मीर के जेड प्लस सिक्योरिटी, फाइव स्टार होटलों में ठहरने समेत मौज-मस्ती करने वाले महाठग किरण पटेल की तहकीकात में एक के बाद एक नए खुलासे सामने आ रहे हैं. किरण पटेल के साथ कश्मीर में दो गुजराती युवक भी थे, जिनकी पहचान कश्मीर पुलिस ने अहमदाबाद के रहने वाले अमित पंड्या और जय सीतापारा के रूप में की है. गिरफ्तार आरोपी अमित पांड्या एक सीसीटीवी नेटवर्किंग कंपनी चलाता है और एक राजनीतिक दल का मीडिया प्रभारी भी बताया जा रहा है.

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार अहमदाबाद से गिरफ्तार आरोपी गुजरात सरकार के उच्च पद पर कार्यरत व्यक्ति का बेटा है. किरण पटेल का घोटाला सामने आने के बाद ये दोनों युवक गुजरात लौट गए. हालांकि किरण पटेल को रिमांड पर लिए जाने के बाद दोनों को कश्मीर बुलाकर पूछताछ की गई और आखिरकार उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इस पूरे मामले में खुलासा हुआ है कि राजकोट के जय सीतापारा जम्मू-कश्मीर में पीएमओ का नाम दिखाकर किरण पटेल के साथ उनकी टीम में था. गौरतलब है कि श्रीनगर की अदालत में जमानत पाने के लिए किरण पटेल की अर्जी पर श्रीनगर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजा मोहम्मद तस्लीम की अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी है, जिसमें कोर्ट ने 23 मार्च को फैसला सुनाने का ऐलान किया है.

गौरतलब है कि किरण पटेल की जांच में कुछ अहम जानकारियां सामने आई हैं, जिसमें कश्मीर में धारा 370 खत्म होने के बाद किरण पटेल वहां निवेशकों के लिए जमीन और सेब के बगीचे तलाशने का काम कर रहा था. निवेशकों में कुछ उच्च अधिकारी और कुछ प्रभावशाली व्यक्ति भी शामिल हैं, जो किरण की हर तरह की मदद कर रहा था. उस वक्त इनके नामों को लेकर जांच एजेंसियां ​​जांच भी कर चुकी हैं. किरण पटेल 27 अक्टूबर 2022 को पहली बार श्रीनगर पहुंचा था. यह भी अफवाह है कि, बारामूला और पुलवामा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में जाने के दौरान उन्हें दिल्ली के एक केंद्र से टेलीफोनिक संदेश के माध्यम से जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त हुई थी. पता चला है कि उसने पीएमओ का लेटरपैड भी जाली बनाया था. संवेदनशील इलाके में जाने के लिए विशेष सुरक्षा अनुमति लेने की फाइल उस राज्य के मुख्य सचिव के पास पहुंचना जरूरी है. लेकिन किरण पटेल के मामले में जांच में यह भी सामने आया है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने पिछले दो वर्षों में जम्मु और कश्मीर में सभी भूमि सौदों की रिपोर्ट मांगी है. साथ ही जमीन सौदे या प्रक्रिया में शामिल लोगों की पृष्ठभूमि की जांच की जाएगी. जम्मू-कश्मीर सरकार को अगले 15 दिन में रिपोर्ट पीएम ऑफिस भेजने का आदेश दिया गया है. महाठग किरण पटेल की रिमांड के दौरान श्रीनगर पुलिस को कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं, जिसमें किरण पटेल ने यह भी कहा है कि कश्मीर घाटी के अपने दौरे के दौरान आईएएस आईपीएस अधिकारियों को बदनाम करने के लिए उन्होंने खुद दो महीने पहले आईएएस आईपीएस अधिकारियों के तबादलों की व्यवस्था की थी. साथ ही, उन्होंने उच्च अधिकारियों से कहा कि यदि वे किसी महत्वपूर्ण पद पर पोस्टिंग चाहते हैं, तो उनसे संपर्क करें और कई अधिकारियों को स्थानांतरित करने के लिए प्रलोभन देकर एक बड़ा सौदा किया. अहम जानकारी यह भी मिली है कि इस मामले में एनआईए ने भी जांच शुरू कर दी है. किरण पटेल बार-बार कश्मीर क्यों जाता था और दूसरे राज्यों में उसके संपर्कों की भी जांच की जाएगी. वह किससे मिलता था और किसके साथ वित्तीय लेनदेन में शामिल था, इसकी भी एनआईए जांच करेगी. इसके अलावा उसके गुजरात संपर्कों की जांच भी एनआईए के रडार पर है.

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