वडोदरा: गुजरात के वडोदरा में एक फर्जी आईएएस अधिकारी गिरफ्तार किया गया है, जो खुद को प्रधानमंत्री का सलाहकार बताता था. उसने एक फार्मा कंपनी में 16 लाख रुपये का जॉब पैकेज हासिल किया था. इसके साथ ही आरोपी ने अपनी फर्जी डिजिटल आईडी भी बना ली. अब साइबर क्राइम के अधिकारियों ने उसे दबोच लिया है. यह आरोपी का नाम सुधाकर पांडे है. पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.
साइबर क्राइम ब्रांच कि गिरफ्त में आया फर्जी अधिकारी
फर्जी आईएएस अधिकारी सुधाकर पांडेय नौकरी पाने के लिए खुद को आईएएस बता रहा था. आरोपी सुधाकर पांडेय ने अपने मोबाइल फोन में ट्रू कॉलर में अपना नाम अविनाश पांडेय लिख कर एक आईएएस अधिकारी की प्रोफाइल बना ली थी. उसको फोन करने वाले को लगता था कि सच में किसी आईपीएस अधिकारी का फोन आया है.
बड़ी-बड़ी कंपनियों में करना था फोन
अहमदाबाद के सिटी साइबर क्राइम के एसीपी जेएम यादव ने बताया कि इनपुट के आधार पर वडोदरा से सुधाकर पांडे नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया. आरोपी खुद को आईएएस अधिकारी बताकर अलग-अलग बड़ी कंपनियों को फोन कर नौकरी के लिए सिफारिश करता था. सूरत की एक नामी कंपनी से सिफारिश कर उसे 16 लाख रुपये का सालाना पैकेज भी मिल गया. फिलहाल, आरोपी द्वारा कोई अन्य अपराध तो नहीं किया गया है इसकी जांच की जा रही है
फार्मा कंपनियों में हासिल की नौकरी
उन्होंने बताया कि आरोपी सुधाकर पांडेय गुजरात की एक नामी फार्मा कंपनी में फर्जी आईएएस अफसर बनकर पहुंचा और अपना नाम अविनाश पांडेय बताया. सुधाकर पांडेय खुद अपने रिश्तेदार को अच्छी नौकरी दिलाने की बात कहकर इंटरव्यू देने पहुंचा था. इस तरह उसने 3 फार्मा कंपनियों से ठगी कर नौकरी हासिल कर ली. साइबर क्राइम ब्रांच कि नजर सुधाकर पांडेय पर पड़ी और साइबर क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल, आरोपी सुधाकर पांडेय को गिरफ्तार करने के बाद उसे जमानत पर छोड़ दिया गया है. आरोपी ने अपने अलावा किसी और को नौकरी पर रखा है या नहीं इसकी जांच शुरू कर दी गई है.
वडोदरा का रहने वाला है आरोपी: गिरफ्तार फर्जी आईएएस अधिकारी सुधाकर पांडेय वड़ोदरा का रहने वाला है. उसने बीएससी तक पढ़ाई की है. आरोपी सुधाकर पांडेय की तनख्वाह कम थी लेकिन पिछले तीन साल में तीन फार्मा कंपनियों में आईएएस अधिकारी के तौर पर पहचान बनाने के बाद 25 हजार रुपए से वेतन शुरू कर 16 लाख के सालाना पैकेज पर पहुंच गया. सूरत की अमी फार्मा कंपनी में लाखों की सैलरी पाने वाले का खुलासा हुआ था. साइबर क्राइम ब्रांच आगे की जांच कर रही है. उस वक्त आरोपी खुद को प्रधानमंत्री का सलाहकार भी बता रहा था. उस दिशा में जांच भी शुरू कर दी गई है.