जोधपुर : 1998 में जोधपुर में काले हिरण के शिकार से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान 2003 में जोधपुर सेशन कोर्ट में झूठा हलफनामा जमा करने के मामले में सलमान खान को राहत मिल गई है. जिला एवं सत्र न्यायालय जोधपुर ने राज्य सरकार की ओर से सलमान के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है.
जिला जज राजेन्द्र काछवाल ने आज साढ़े तीन बजे के बाद मामले पर सुनवाई शुरू की. सलमान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जोधपुर सेशन कोर्ट में पेश हुए थे.
जज राजेन्द्र काछवाल ने बताया कि सरकार की इस मामले में दायर दोनों अपीलें खारिज कर दी गई है. इस पर सलमान ने जज को थैंक्स सर कहा. इस दौरान 10 से 15 मिनट तक सलमान वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वार जुड़े रहे. जज ने 18 पेज के फैसले की जानकारी अधिवक्ता को दी.
फैसले के बाद सलमान के अधिवक्ता ने कहा कि इन दोनों अपीलों को पहले ही निचली अदालत ने खारिज कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद सलमान खान को परेशान करने के लिए इस तरह की अपीलें लगाई गई, जिन्हें आज जिला न्यायालय भी खारिज कर दिया है. इस निर्णय के बाद सरकारी अधिवक्ता लादूराम विश्नोई ने कहा कि फैसले की कॉपी अभी हमें नहीं मिली है. मिलने के बाद उसके ग्राउंड के आधार पर आवश्यकता होने पर हम इस निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में भी जा सकते हैं.
यह थी सरकार की अपीलें...
सलमान को 1998 में जोधपुर के पास कांकाणी गांव में दो काले हिरण के शिकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उस समय उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था और कोर्ट ने उन्हें अपना आर्म्स लाइसेंस जमा करने को कहा था. सलमान ने 2003 में कोर्ट में हलफनामा देते हुए कहा था कि उनका लाइसेंस गुम हो गया है. उन्होंने इस सिलसिले में मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी दर्ज कराई थी. हालांकि बाद में कोर्ट को पता चला कि सलमान का आर्म लाइसेंस खोया नहीं है, बल्कि नवीनीकरण के लिए भेजा गया था.
इसी तरह सलमान खान को एक पेशी पर जोधपुर आना था, लेकिन उन्होंने शपथ पत्र दिया कि वह कान के दर्द से पीड़ित हैं. जबकि इस दौरान वे एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. इस पर भी सरकार की ओर से एक अपील दायर की गई कि वह झूठ बोल रहे हैं. इन दोनों अपीलों को खारिज कर दिया गया.
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24 को आर्म्स एक्ट मामले में सुनवाई
सलमान खान को वर्ष 2017 में आर्म्स एक्ट के मामले में तत्कालीन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दलपत सिंह राजपुरोहित की अदालत ने बरी कर दिया था. जिसके विरूद्ध सरकार ने जिला न्यायालय में भी अपील दायर कर रखी है. इस अपील पर 24 फरवरी को सुनवाई होगी.