नई दिल्ली: ड्रग्स तस्करी करने वाले एक गैंग के सरगना पर शिकंजा कसने में दिल्ली पुलिस को महत्वपूर्ण जीत हासिल हुई है. लंदन में रहने वाले तस्कर को लेकर लगभग दो साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई. इसके बाद ब्रीटेन सरकार ने आरोपी किशन सिंह के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. स्पेशल सेल की टीम उसे लेकर ब्रीटेन से दिल्ली पहुंच गई है. उनका मानना है कि उस पर कानूनी शिकंजा कसने से उन्हें बड़ी कामयाबी मिलेगी.
जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने वर्ष 2017 में एक ड्रग्स तस्कर गैंग का पर्दाफाश किया था. इस मामले में स्पेशल सेल ने हरप्रीत सिंह नामक खिलाड़ी को भी गिरफ्तार किया था जिसने ऑस्ट्रेलियन कॉमनवेल्थ यूथ गेम 2004 में सिल्वर मेडल हासिल किया था. उसके दो अन्य साथी अमनदीप और हनीश को गिरफ्तार कर उनके पास से 25 किलो पार्टी ड्रग्स स्पेशल सेल ने बरामद की थी.
इस ड्रग्स की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 50 करोड़ रुपये थी. म्याऊं म्याऊं नामक यह ड्रग्स मुंबई और दिल्ली में आयोजित होने वाली रेव पार्टियों में बेची जानी थी. किशन सिंह के इशारे पर की तस्करी पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया था कि वह राजस्थान निवासी किशन सिंह के लिए काम करते हैं. इसके बाद से किशन की तलाश चल रही थी. पुलिस को पता चला कि वह लंदन में रहता है.
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हनीश ने पुलिस को बताया था कि वह एमबीए करने के लिए स्टूडेंट वीजा पर लंदन गया था. वहां उसकी मुलाकात किशन सिंह से हुई. उसके जीवन से प्रभावित होकर वह इस ड्रग पेडलिंग कारोबार में शामिल हो गया था. किशन अपने ड्रग्स का रैकेट बढ़ाना चाहता था, इसलिए उसने इनसे ड्रग्स तस्करी का काम करवाया. इसके बाद से पुलिस आरोपी किशन सिंह को भारत लाने का प्रयास कर रही थी. लगभग दो साल की कानूनी लड़ाई के बाद ब्रीटेन सरकार ने किशन सिंह के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी और स्पेशल सेल उसे दिल्ली लेकर आ गई है.
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एक साल में मिली दो बड़ी कामयाबी दिल्ली पुलिस को बीते 1 साल के भीतर ब्रीटेन से 2 आरोपियों को लाने में कामयाबी मिली है. बीते वर्ष जहां लंदन से क्राइम ब्रांच की टीम प्रत्यर्पण कर बुकी संजीव चावला को लाई थी तो वहीं अब किशन सिंह को प्रत्यर्पण के माध्यम से लाया जा रहा है. बुकी संजीव चावला को यहां जेल में रखा गया था. लेकिन अदालत के आदेश पर बाद में उसे जमानत मिल गई थी.