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राज्य की 60 प्रतिशत आबादी का दो-तीन महीने में टीकाकरण की उम्मीद : केरल सरकार - केरल सरकार टीकाकरण अभियान

कोरोना संक्रमण को देखते हुए केरल सरकार टीकाकरण अभियान तेज करने वाली है. राज्य सरकार ने कोर्ट से कहा कि वह दो-तीन महीने में कम से कम 60 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण कर लेगी.

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Published : Jul 20, 2021, 5:40 PM IST

नई दिल्ली : केरल सरकार ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए लोगों का 'वह तेजी से' टीकाकरण कर रही है और अगले दो-तीन महीने के भीतर राज्य की कम से कम 60 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण पूर्ण कर लेगी.

बकरीद के मौके पर दी गई ढील के खिलाफ आवेदन पर उच्चतम न्यायालय में दाखिल हलफनामे में केरल सरकार ने कहा है कि उसने अबतक 18 साल से अधिक उम्र के 45 लोगों को कम से कम टीके की एक खुराक मुहैया कराई है जबकि 18 प्रतिशत वयस्कों को टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी है.

हलफनामे में कहा गया है कि राज्य 'वैज्ञानिक और व्यवहारिक रुख'कोविड को नियंत्रित करने के लिए कदमों में उठाने के लिए कर रही है और रणनीति तर्क और जीविकोपार्जन के बीच संतुलन बनाने की है.

राज्य सरकार ने कहा कि चिकित्सा अधिकारियों के विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष ने आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में सूचित किया कि लॉकडाउन में और ढील दी जा सकती है क्योंकि राज्य में कोविड-19 की तीसरी लहर, तेज और व्यवस्थति टीकाकरण की वजह से अधिक प्रभावी संभवत: नहीं होगी.'

हालांकि, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और न्यायमूर्ति बीआर गवई ने कोविड-19 की उच्च संक्रमण दर वाले क्षेत्रों में बकरीद के मौके पर केरल सरकार द्वारा पाबंदी में दी गई छूट को मंगलवार को 'पूरी तरह से अनुचित' करार दिया और कहा कि व्यापारियों के दबाव के आगे झुकना 'दयनीय स्थिति' को दिखाता है.

शीर्ष अदालत ने केरल सरकार के हलफनामे में एक पैरा का भी जिक्र किया और कहा कि इससे जाहिर होता है कि राज्य व्यापारियों के आगे झुक गया जिन्होंने निवेदन किया था कि बकरीद के लिए उन्होंने सामान मंगवा लिए थे. पीठ ने कहा, 'सबसे दुखद बात यह है कि श्रेणी डी में जहां संक्रमण दर सबसे अधिक है, वहां पूरे दिन की छूट प्रदान की गयी है.'

शीर्ष अदालत में सोमवार को दाखिल अपने हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा है कि प्रतिबंधों और इसके परिणामस्वरूप आर्थिक तंगहाली के कारण लोगों की हालत और खराब हुई है.

हलफनामे में कहा गया है, 'व्यापारियों को उम्मीद थी कि बकरीद पर बिक्री से उनकी परेशानी कुछ हद तक कम हो जाएगी. उन्होंने इस उद्देश्य के लिए बहुत पहले ही सामान का स्टॉक कर लिया.

पढ़ें :- बकरीद पर कोविड प्रतिबंधों में ढील, SC की केरल सरकार को फटकार

महामारी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी देते हए हलफनामे में कहा गया कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौर संक्रमण दर (कुल जांचे गए नमूनों के अनुपात में संक्रमित) 30 प्रतिशत तक पहुंच गई थी जो घटकर 10 प्रतिशत के करीब रह गई है. राज्य सरकार पाबंदियों को लागू करने के साथ-साथ 'तेजी से लोगों का टीकाकरण कर रही है.'

हलफनामें में कहा गया, यह जानकारी दी जाती है कि राज्य में 18 साल से अधिक उम्र की 45 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 टीके की कम से कम एक खुराक दी गई है जबकि 18 वयस्कों को टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी है. राज्य में टीके की बर्बादी निगेटिव है और राज्य ने खराब होने वाले हिस्सो का भी व्यवस्थित इस्तेमाल कर आवंटित संख्या से अधिक टीकाकरण हुआ.

राज्य सरकार ने कहा, 'राज्य को उम्मीद है कि मौजूदा दर से अगले दो से तीन महीने में राज्य की 60 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण हो जाएगा, बशर्ते पर्याप्त मात्रा में टीके की उपलब्धता हो.'

हलफनामे में कहा गया, 'व्यापारियों को उम्मीद थी कि बकरीद पर बिक्री से उनकी परेशानी कुछ हद तक कम हो जाएगी. उन्होंने इस उद्देश्य के लिए बहुत पहले ही सामान का स्टॉक कर लिया. व्यापारियों के संगठन ने एलएसजीआई (स्थानीय स्व-सरकारी संस्थानों) में लागू किए गए कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और घोषणा की कि वे पूरे राज्य में नियमों की अवहेलना करते हुए दुकानें खोलेंगे.'

हलफनामे में कहा गया कि विपक्षी राजनीतिक दलों ने भी व्यापारियों के मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाया और व्यापारियों को कुछ राहत देने और राज्य में कुछ आर्थिक गतिविधियों की अनुमति देने के लिए प्रतिबंधों में और ढील देने की मांग की थी.

हलफनामे के मुताबिक, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की 16 जुलाई 2021 को संगठनों से मुलाकात हुई और उनकी मांगों पर चर्चा की गई. कारोबारियों ने भरोसा दिया कि वे कोविउ-19 नियमों का सख्ती से पालन करते हुए दुकानों को खोलेंगे और वे राज्य द्वारा घोषित किए जाने वाले अतिरिक्त निर्देशों का अनुपालन करने को तैयार हैं. इसके बाद इस मुद्दे को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में रखा गया है और विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष के साथ विचार-विमर्श के बाद बकरीद के तीन दिन पहले दुकानों को खोलने हेतु कुछ और ढील देने का फैसला किया गया.

पढ़ें :- बकरीद पर कुर्बानी वाले पशुओं की संख्या सीमित करने के फैसले में दखल नहीं देगी अदालत

हलफनामे के मुताबिक, '15 प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर वाले इलाकों में केवल एक दिन की ढील दी गई. इसके साथ ही विशेष तौर पर आदेश दिया गया कि जहां तक संभव हो यह सुनिश्चित किया जाए कि जो दुकान जा रहे हैं और वे कम से कम कोविड-19 टीके की एक खुराक ले चुके हों और कोविड-19 नियमों का कड़ाई से अनुपालन किया जाए.'

इसमें कहा गया, ' मुख्यमंत्री ने भी लोगों से प्रेस वार्ता के दौरान अपील की कि कोविड-19 टीके की कम से कम एक खुराक ले चुके लोग ही इन तीन दिनों तक दुकान जाएं.'

केरल सरकार ने कहा कि जीविकोपार्जन पर पड़ने वाले असर के मद्देनजर लॉकडाउन को अनिश्चितकाल के लिए लागू नहीं किया जाए सकता, राज्य सरकार निषिद्ध क्षेत्र रणनीति पर काम कर रही है ताकि उच्च संक्रमण वाले इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके और जहां तक संभव हो आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दी जा सके.

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 17 जुलाई को संवाददाता सम्मेलन में पाबंदियों में छूट की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि 21 जुलाई को बकरीद (ईद-उल-अजहा) के मद्देनजर 18-20 जुलाई को श्रेणी ए, बी और सी क्षेत्रों में सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक कपड़ा, जूते-चप्पल की दुकानें, आभूषण, फैंसी स्टोर, घरेलू उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचने वाली दुकानें, सभी प्रकार की मरम्मत की दुकानें और आवश्यक सामान बेचने वाली दुकानों को खोलने की अनुमति दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि डी श्रेणी के क्षेत्रों में ये दुकानें 19 जुलाई को ही चल सकती हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केरल सरकार ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए लोगों का 'वह तेजी से' टीकाकरण कर रही है और अगले दो-तीन महीने के भीतर राज्य की कम से कम 60 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण पूर्ण कर लेगी.

बकरीद के मौके पर दी गई ढील के खिलाफ आवेदन पर उच्चतम न्यायालय में दाखिल हलफनामे में केरल सरकार ने कहा है कि उसने अबतक 18 साल से अधिक उम्र के 45 लोगों को कम से कम टीके की एक खुराक मुहैया कराई है जबकि 18 प्रतिशत वयस्कों को टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी है.

हलफनामे में कहा गया है कि राज्य 'वैज्ञानिक और व्यवहारिक रुख'कोविड को नियंत्रित करने के लिए कदमों में उठाने के लिए कर रही है और रणनीति तर्क और जीविकोपार्जन के बीच संतुलन बनाने की है.

राज्य सरकार ने कहा कि चिकित्सा अधिकारियों के विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष ने आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में सूचित किया कि लॉकडाउन में और ढील दी जा सकती है क्योंकि राज्य में कोविड-19 की तीसरी लहर, तेज और व्यवस्थति टीकाकरण की वजह से अधिक प्रभावी संभवत: नहीं होगी.'

हालांकि, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और न्यायमूर्ति बीआर गवई ने कोविड-19 की उच्च संक्रमण दर वाले क्षेत्रों में बकरीद के मौके पर केरल सरकार द्वारा पाबंदी में दी गई छूट को मंगलवार को 'पूरी तरह से अनुचित' करार दिया और कहा कि व्यापारियों के दबाव के आगे झुकना 'दयनीय स्थिति' को दिखाता है.

शीर्ष अदालत ने केरल सरकार के हलफनामे में एक पैरा का भी जिक्र किया और कहा कि इससे जाहिर होता है कि राज्य व्यापारियों के आगे झुक गया जिन्होंने निवेदन किया था कि बकरीद के लिए उन्होंने सामान मंगवा लिए थे. पीठ ने कहा, 'सबसे दुखद बात यह है कि श्रेणी डी में जहां संक्रमण दर सबसे अधिक है, वहां पूरे दिन की छूट प्रदान की गयी है.'

शीर्ष अदालत में सोमवार को दाखिल अपने हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा है कि प्रतिबंधों और इसके परिणामस्वरूप आर्थिक तंगहाली के कारण लोगों की हालत और खराब हुई है.

हलफनामे में कहा गया है, 'व्यापारियों को उम्मीद थी कि बकरीद पर बिक्री से उनकी परेशानी कुछ हद तक कम हो जाएगी. उन्होंने इस उद्देश्य के लिए बहुत पहले ही सामान का स्टॉक कर लिया.

पढ़ें :- बकरीद पर कोविड प्रतिबंधों में ढील, SC की केरल सरकार को फटकार

महामारी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी देते हए हलफनामे में कहा गया कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौर संक्रमण दर (कुल जांचे गए नमूनों के अनुपात में संक्रमित) 30 प्रतिशत तक पहुंच गई थी जो घटकर 10 प्रतिशत के करीब रह गई है. राज्य सरकार पाबंदियों को लागू करने के साथ-साथ 'तेजी से लोगों का टीकाकरण कर रही है.'

हलफनामें में कहा गया, यह जानकारी दी जाती है कि राज्य में 18 साल से अधिक उम्र की 45 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 टीके की कम से कम एक खुराक दी गई है जबकि 18 वयस्कों को टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी है. राज्य में टीके की बर्बादी निगेटिव है और राज्य ने खराब होने वाले हिस्सो का भी व्यवस्थित इस्तेमाल कर आवंटित संख्या से अधिक टीकाकरण हुआ.

राज्य सरकार ने कहा, 'राज्य को उम्मीद है कि मौजूदा दर से अगले दो से तीन महीने में राज्य की 60 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण हो जाएगा, बशर्ते पर्याप्त मात्रा में टीके की उपलब्धता हो.'

हलफनामे में कहा गया, 'व्यापारियों को उम्मीद थी कि बकरीद पर बिक्री से उनकी परेशानी कुछ हद तक कम हो जाएगी. उन्होंने इस उद्देश्य के लिए बहुत पहले ही सामान का स्टॉक कर लिया. व्यापारियों के संगठन ने एलएसजीआई (स्थानीय स्व-सरकारी संस्थानों) में लागू किए गए कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और घोषणा की कि वे पूरे राज्य में नियमों की अवहेलना करते हुए दुकानें खोलेंगे.'

हलफनामे में कहा गया कि विपक्षी राजनीतिक दलों ने भी व्यापारियों के मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाया और व्यापारियों को कुछ राहत देने और राज्य में कुछ आर्थिक गतिविधियों की अनुमति देने के लिए प्रतिबंधों में और ढील देने की मांग की थी.

हलफनामे के मुताबिक, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की 16 जुलाई 2021 को संगठनों से मुलाकात हुई और उनकी मांगों पर चर्चा की गई. कारोबारियों ने भरोसा दिया कि वे कोविउ-19 नियमों का सख्ती से पालन करते हुए दुकानों को खोलेंगे और वे राज्य द्वारा घोषित किए जाने वाले अतिरिक्त निर्देशों का अनुपालन करने को तैयार हैं. इसके बाद इस मुद्दे को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में रखा गया है और विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष के साथ विचार-विमर्श के बाद बकरीद के तीन दिन पहले दुकानों को खोलने हेतु कुछ और ढील देने का फैसला किया गया.

पढ़ें :- बकरीद पर कुर्बानी वाले पशुओं की संख्या सीमित करने के फैसले में दखल नहीं देगी अदालत

हलफनामे के मुताबिक, '15 प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर वाले इलाकों में केवल एक दिन की ढील दी गई. इसके साथ ही विशेष तौर पर आदेश दिया गया कि जहां तक संभव हो यह सुनिश्चित किया जाए कि जो दुकान जा रहे हैं और वे कम से कम कोविड-19 टीके की एक खुराक ले चुके हों और कोविड-19 नियमों का कड़ाई से अनुपालन किया जाए.'

इसमें कहा गया, ' मुख्यमंत्री ने भी लोगों से प्रेस वार्ता के दौरान अपील की कि कोविड-19 टीके की कम से कम एक खुराक ले चुके लोग ही इन तीन दिनों तक दुकान जाएं.'

केरल सरकार ने कहा कि जीविकोपार्जन पर पड़ने वाले असर के मद्देनजर लॉकडाउन को अनिश्चितकाल के लिए लागू नहीं किया जाए सकता, राज्य सरकार निषिद्ध क्षेत्र रणनीति पर काम कर रही है ताकि उच्च संक्रमण वाले इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके और जहां तक संभव हो आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दी जा सके.

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 17 जुलाई को संवाददाता सम्मेलन में पाबंदियों में छूट की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि 21 जुलाई को बकरीद (ईद-उल-अजहा) के मद्देनजर 18-20 जुलाई को श्रेणी ए, बी और सी क्षेत्रों में सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक कपड़ा, जूते-चप्पल की दुकानें, आभूषण, फैंसी स्टोर, घरेलू उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचने वाली दुकानें, सभी प्रकार की मरम्मत की दुकानें और आवश्यक सामान बेचने वाली दुकानों को खोलने की अनुमति दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि डी श्रेणी के क्षेत्रों में ये दुकानें 19 जुलाई को ही चल सकती हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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