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बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का बढ़ना पंजाब पुलिस की शक्तियों पर अतिक्रमण नहीं : सुप्रीम कोर्ट - BSF jurisdiction

सुप्रीम कोर्ट ने बीएसएफ के अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे को सही ठहराया है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से पंजाब पुलिस की शक्तियों का कोई अतिक्रमण नहीं हुआ है. Supreme Court,Punjab Police,Solicitor General Tushar Mehta, Punjab government,BSF jurisdiction

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
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By PTI

Published : Dec 1, 2023, 5:09 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मौखिक रूप से कहा कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) का तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर दूर तक करने के केंद्र सरकार के फैसले से पंजाब पुलिस की शक्तियों पर अतिक्रमण नहीं हुआ है. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पंजाब सरकार के 2021 के वाद पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की.

उसने केंद्र की ओर से पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और पंजाब सरकार का पक्ष रख रहे वकील शादान फरासत से साथ में बैठकर उन मुद्दों पर निर्णय संयुक्त रूप से करने को कहा जिन पर पीठ को फैसला करना है. पीठ ने कहा, 'दोनों पक्ष आपस में विचार-विमर्श करेंगे ताकि अगली तारीख से पहले इन्हें निपटाया जा सके.' उसने कहा कि पंजाब के महाधिवक्ता इस बैठक में भाग ले सकते हैं.

प्रधान न्यायाधीश ने रिकॉर्ड का अध्ययन करने के बाद प्रथम दृष्टया कहा कि ऐसे समवर्ती अधिकार हैं जिनका इस्तेमाल बीएसएफ और राज्य पुलिस दोनों कर सकते हैं. उन्होंने कहा, 'पंजाब पुलिस से जांच का अधिकार नहीं लिया गया है.' सॉलिसिटर जनरल ने एक संक्षिप्त सुनवाई में कहा कि बीएसएफ का सभी सीमावर्ती राज्यों में अधिकार क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि गुजरात जैसे राज्यों में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 80 किलोमीटर तक था जो अब सभी सीमावर्ती राज्यों में एक समान 50 किलोमीटर है.

ये भी पढ़ें - 'बिल की हत्या नहीं कर सकते...', सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल आरएन रवि को तमिलनाडु के CM से बात करने को कहा

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मौखिक रूप से कहा कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) का तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर दूर तक करने के केंद्र सरकार के फैसले से पंजाब पुलिस की शक्तियों पर अतिक्रमण नहीं हुआ है. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पंजाब सरकार के 2021 के वाद पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की.

उसने केंद्र की ओर से पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और पंजाब सरकार का पक्ष रख रहे वकील शादान फरासत से साथ में बैठकर उन मुद्दों पर निर्णय संयुक्त रूप से करने को कहा जिन पर पीठ को फैसला करना है. पीठ ने कहा, 'दोनों पक्ष आपस में विचार-विमर्श करेंगे ताकि अगली तारीख से पहले इन्हें निपटाया जा सके.' उसने कहा कि पंजाब के महाधिवक्ता इस बैठक में भाग ले सकते हैं.

प्रधान न्यायाधीश ने रिकॉर्ड का अध्ययन करने के बाद प्रथम दृष्टया कहा कि ऐसे समवर्ती अधिकार हैं जिनका इस्तेमाल बीएसएफ और राज्य पुलिस दोनों कर सकते हैं. उन्होंने कहा, 'पंजाब पुलिस से जांच का अधिकार नहीं लिया गया है.' सॉलिसिटर जनरल ने एक संक्षिप्त सुनवाई में कहा कि बीएसएफ का सभी सीमावर्ती राज्यों में अधिकार क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि गुजरात जैसे राज्यों में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 80 किलोमीटर तक था जो अब सभी सीमावर्ती राज्यों में एक समान 50 किलोमीटर है.

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