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कॉयर उद्योग बनाएगा UP की महिलाओं को आत्मनिर्भर : केंद्रीय मंत्री नारायण राणे

उत्तर प्रदेश में लगातार कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार अनेक योजनाओं का संचालन कर रही है. इसी क्रम में गुरुवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व एमएसएमई केंद्रीय मंत्री नारायण राणे वाराणसी पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि काशी में कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी पर लोगों को मशीन मुहैया कराई जाएगी और कच्चा माल भी दिया जाएगा.

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ETV BHARAT से बोले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, कयर उद्योग के जरिए UP की महिलाओं को बनाएंगे आत्मनिर्भर
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Published : Jan 7, 2022, 12:11 PM IST

Updated : Jan 7, 2022, 3:22 PM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में लगातार कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार अनेक योजनाओं का संचालन कर रही है. इसी क्रम में वाराणसी को एक नई उद्योग की सौगात मिलने जा रही है. गुरुवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व एमएसएमई केंद्रीय मंत्री नारायण राणे वाराणसी पहुंचे. जहां काशी में उन्होंने कॉयर उद्योग को स्थापित करने का वादा किया. साथ ही उन्होंने कहा कि अब काशी में इस उद्योग के नए शो रूम बनाए जाएंगे.

जानकारी देते केंद्रीय मंत्री नारायण राणे

काशी में शुरू होगा उद्योग, खुलेगा शो रूम
वाराणासी में आयोजित कॉयर महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे केंद्रीय मंत्री नाराणयण राणे ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि काशी में कॉयर उद्योग के 4 बड़े शोरूम खुलेंगे. जिससे महिलाएं सशक्त होंगी. उन्होंने कहा कि अब काशी में भी कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी पर लोगों को मशीन मुहैया कराई जाएगी. साथ ही कच्चा माल भी दिया जाएगा. जिससे लोग नारियल जूट के सामानों को बनाकर आत्मनिर्भर बन सकें. इससे जहां एक ओर कुटीर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तो वहीं महिलाएं भी आत्मनिर्भर होंगी.

ये भी पढ़ें- UGC का सभी शैक्षणिक संस्थानों से DigiLocker में रखे दस्तावेजों को स्वीकार करने का अनुरोध

महिलाओं को दी जाएगी ट्रेनिंग

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि कॉयर उद्योग का विकास करना ही हमारा उद्देश्य है. इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ना है. क्योंकि यह हमारे पारंपरिक उद्योगों में से एक है. यह उद्योग देश के अलग-अलग राज्यों में 7 लाख से ज्यादा लोगों को आजीविका दे रहा है और खास बात यह है कि इस उद्योग में लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं जुड़ी हुई हैं. जो महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे रही हैं. उन्होंने बताया कि इस उद्योग की खास बात यह है कि यह पूरी तरीके से पर्यावरण से जुड़ा हुआ है. यह हमारे पर्यावरण को भी संरक्षित रखेगा और ग्लोबल वार्मिंग के संकट को भी दूर करेगा.

क्या है कॉयर उद्योग ?

कॉयर उद्योग ऐसा कृषि आधारित ग्रामोद्योग है. जिसमें देश के प्रमुख नारियल उत्पादक राज्यों के साथ लाख से अधिक श्रमिक जुड़े हुए हैं. इस उद्योग में कॉयर को नारियल की हस्क से निकाला जाता है और इससे रस्सियां, डोरियां, चटाई व अन्य घरेलू उत्पाद बनाए जाते हैं. गौरतलब हो कि समय के साथ यह उद्योग दम तोड़ चुका था, लेकिन सरकार के वोकल फॉर लोकल व आत्मनिर्भर भारत के तहत इसे एमएसएमई के द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है. इसको लेकर एमएसएमई मंत्रालय के तहत कयर उद्योग को बढ़ावा देने व उद्यमियों में जागरूकता पैदा करने को लेकर तमाम कदम उठाए जा रहे हैं और इसी क्रम में वाराणसी में भी ट्रेनिंग देने के साथ शोरूम की भी स्थापना करने की योजना है.

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में लगातार कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार अनेक योजनाओं का संचालन कर रही है. इसी क्रम में वाराणसी को एक नई उद्योग की सौगात मिलने जा रही है. गुरुवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व एमएसएमई केंद्रीय मंत्री नारायण राणे वाराणसी पहुंचे. जहां काशी में उन्होंने कॉयर उद्योग को स्थापित करने का वादा किया. साथ ही उन्होंने कहा कि अब काशी में इस उद्योग के नए शो रूम बनाए जाएंगे.

जानकारी देते केंद्रीय मंत्री नारायण राणे

काशी में शुरू होगा उद्योग, खुलेगा शो रूम
वाराणासी में आयोजित कॉयर महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे केंद्रीय मंत्री नाराणयण राणे ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि काशी में कॉयर उद्योग के 4 बड़े शोरूम खुलेंगे. जिससे महिलाएं सशक्त होंगी. उन्होंने कहा कि अब काशी में भी कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी पर लोगों को मशीन मुहैया कराई जाएगी. साथ ही कच्चा माल भी दिया जाएगा. जिससे लोग नारियल जूट के सामानों को बनाकर आत्मनिर्भर बन सकें. इससे जहां एक ओर कुटीर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तो वहीं महिलाएं भी आत्मनिर्भर होंगी.

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महिलाओं को दी जाएगी ट्रेनिंग

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि कॉयर उद्योग का विकास करना ही हमारा उद्देश्य है. इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ना है. क्योंकि यह हमारे पारंपरिक उद्योगों में से एक है. यह उद्योग देश के अलग-अलग राज्यों में 7 लाख से ज्यादा लोगों को आजीविका दे रहा है और खास बात यह है कि इस उद्योग में लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं जुड़ी हुई हैं. जो महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे रही हैं. उन्होंने बताया कि इस उद्योग की खास बात यह है कि यह पूरी तरीके से पर्यावरण से जुड़ा हुआ है. यह हमारे पर्यावरण को भी संरक्षित रखेगा और ग्लोबल वार्मिंग के संकट को भी दूर करेगा.

क्या है कॉयर उद्योग ?

कॉयर उद्योग ऐसा कृषि आधारित ग्रामोद्योग है. जिसमें देश के प्रमुख नारियल उत्पादक राज्यों के साथ लाख से अधिक श्रमिक जुड़े हुए हैं. इस उद्योग में कॉयर को नारियल की हस्क से निकाला जाता है और इससे रस्सियां, डोरियां, चटाई व अन्य घरेलू उत्पाद बनाए जाते हैं. गौरतलब हो कि समय के साथ यह उद्योग दम तोड़ चुका था, लेकिन सरकार के वोकल फॉर लोकल व आत्मनिर्भर भारत के तहत इसे एमएसएमई के द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है. इसको लेकर एमएसएमई मंत्रालय के तहत कयर उद्योग को बढ़ावा देने व उद्यमियों में जागरूकता पैदा करने को लेकर तमाम कदम उठाए जा रहे हैं और इसी क्रम में वाराणसी में भी ट्रेनिंग देने के साथ शोरूम की भी स्थापना करने की योजना है.

Last Updated : Jan 7, 2022, 3:22 PM IST
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