लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार में एकमात्र मुस्लिम मंत्री दानिश आजाद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि गोहत्या जैसे संवेदनशील मुद्दे पर काम करने की जरूरत है, खासकर राज्य में जहां सिर्फ एक मीट टेस्टिंग लैब है, जिसे बढ़ाने की जरूरत है ताकि निर्दोष जेल न जाएं और दोषी बच न पाएं. उत्तर प्रदेश में 25 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मंत्रिमंडल का गठन हो चुका है.
योगी मंत्रिमंडल में दानिश आजाद इकलौते मुस्लिम मंत्री हैं. दानिश आजाद 2011 में भाजपा में शामिल हुए. वह एबीवीपी से जुड़े थे और लखनऊ विश्वविद्यालय में सक्रिय राजनीति में लगे हुए थे. इसके बाद वह फखरुद्दीन अली अहमद समिति के सदस्य बने थे. बाद में उन्हें अल्पसंख्यक मोर्चा के राज्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया.
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के एक गांव के रहने वाले दानिश आजाद अंसारी ने कहा, 'आजाद मेरे नाम के साथ जुड़ा हुआ है क्योंकि मेरे पास एक स्वतंत्र दिमाग है. अब्दुल कलाम, अशफाकउल्ला खान जैसे महान हस्तियों से प्रभावित और उन्हें अपना आदर्श मानते हैं. 'हमारे दादाजी स्वतंत्रता संग्राम में शामिल थे और इससे बहुत प्रभावित थे. वह एक कॉलेज के प्रिंसिपल थे और उन्हें क्षेत्र में प्रभावशाली माना जाता था.
उन्होंने कहा कि मदरसों में धार्मिक व धर्म निरपेक्ष शिक्षा बेहतर ढंग से की जाए और भाजपा में शामिल होकर राज्य में बड़ी संख्या में मुसलमानों का विश्वास हासिल करने के साथ-साथ इस पर गहराई से विचार कर इसे अमल में लाया जाए. उन्होंने कहा कि विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा अब तक लगाए गए आरोप कि भाजपा ने मुसलमानों को मैदान में नहीं उतारा है, पूरी तरह झूठ है. बीजेपी मुसलमानों का विश्वास जीतना चाहती है और मुसलमानों ने भी बीजेपी को 8% वोट दिया है.
उन्होंने कहा कि गोहत्या जैसे संवेदनशील मुद्दे पर काम करने की जरूरत है, खासकर राज्य में जहां सिर्फ एक मीट टेस्टिंग लैब है, जिसे बढ़ाने की जरूरत है ताकि निर्दोष जेल न जाएं और दोषी भाग न पाये. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित अल्पसंख्यक संस्थानों पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित अल्पसंख्यक संस्थानों पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है.