लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ताकतवर होकर उभरी है. यही कारण है कि पार्टी पूरी ताकत के साथ अपने एजेंडे पर आगे बढ़ रही है. हाल ही में राज्य सरकार 'विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020' लेकर आई है. सरकार के इस फैसले को एक वर्ग अपने खिलाफ मान रहा है. लोगों का मानना है कि भविष्य में इस कानून का एक वर्ग के खिलाफ उत्पीड़न के लिए उपयोग किया जा सकता है. ऐसे ही कई विषयों पर हमने प्रदेश सरकार में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से विशेष बात की.
सवाल- हाल ही में विधानसभा के उपचुनाव हुए हैं, जिसमें आपकी पार्टी ने सात में छह सीटें जीतीं. क्या रणनीति रही इस सफलता के पीछे?
जवाब- ईटीवी भारत से बात करते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि 2014, 2017 और 2019 में जो रणनीति हमने अपनाई थी, वही रणनीति इस उपचुनाव में भी रही. मोदीजी और योगीजी के काम के दम पर हम चुनाव मैदान में उतरे और हमें जनता का समर्थन भी प्राप्त हुआ. हमारे संगठन ने भी जनता से जुड़ाव बनाए रखा, जिसका लाभ पार्टी को मिला.
सवाल- इस चुनाव को सेमी फाइनल कहा गया था, लेकिन अभी पंचायत चुनाव भी होने हैं. पंचायत चुनाव में आपकी रणनीति क्या होगी?
जवाब- उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जी पंचायत चुनाव को सेमी फाइनल पहले कहते जरूर थे, लेकिन अब वह उपचुनावों को क्वार्टर फाइनल भी नहीं कहेंगे. जनता ने उनकी बोलती बंद कर दी है. हम विचार कर रहे हैं कि बड़े स्तर पर पंचायत चुनाव पार्टी के सिम्बल पर लड़े जाएं. अगर हमने सत्ता में आकर बिना अहंकार दिखाए केवल सेवा को ही अपना संकल्प मानकर काम किया है, तो हमें जनता का आशीर्वाद मिलेगा ही.
सवाल- हाल ही में आपकी सरकार लव जिहाद पर अध्यादेश लेकर आई है. क्या मंशा है सरकार की इसके पीछे? कुछ लोगों को लगता है कि यह उनको निशाना बनाने के लिए है.
जवाब- लव जिहाद पर बोलते हुए केशव प्रसाद ने कहा कि पूरा वर्ग इसके लिए दोषी नहीं है, लेकिन कुछ तत्व ऐसे हैं, जो नाम, धर्म और वेश बदलकर लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाते हैं. बाद में असलियत सामने आती है. बेटियों को मौत के घाट उतारने तक घटनाएं हुई हैं. हमारे अध्यादेश में लव जिहाद शब्द है ही नहीं. यह तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले दलों की साजिश है.
सवाल- लेकिन एक वर्ग ऐसा है, जिसे लगता है कि कहीं आगे चलकर इसका दुरुपयोग न हो. इसके लिए सरकार क्या एहतियात बरतेगी?
जवाब- उन्होंने कहा कि देखिए, धारा 370, सीएए, ट्रिपल तलाक, जो मुस्लिम महिलाओं के लिए रक्षाकवच बना, हर विषय पर विपक्ष ने रचनात्मक पक्ष रखने के बजाय भड़काने का ही काम किया. आप बताइये क्या आज तक इन कानूनों का कहीं कोई दुरुपयोग हुआ क्या?
सवाल- राम मंदिर आंदोलन बहुत लंबा चला और अंत में आपको सफलता मिली. आप भी अशोक सिंघल और मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे. आपको क्या लगता है कि 2022 के चुनाव में आपको इसका लाभ मिलेगा?
जवाब- देखिए, यदि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लाभ-हानि के तराजू पर तौला जाए तो मैं समझता हूं कि यह राम भक्ति को चोट पहुंचाने वाला विषय है. यह न तब हमारे लिए चुनावी मुद्दा था न अब है. देश का मतदाता इस बात को समझता है. आज देश की परिस्थिति बदली हुई है. विपक्षी दल इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.
सवाल- पंजाब और हरियाणा में इस समय किसान उग्र हैं. प्रदेश में भी किसान इस राह पर आ सकते हैं. इसको लेकर आपको क्या लगता है? क्या यह राजनीतिक दलों की साजिश है या आप किसानों को उनके हित की बात समझा नहीं पा रहे हैं?
जवाब- मैं किसान का बेटा हूं और यह जानता हूं कि मोदी जी ने जो फैसला लिया है, वह किसान हित में है. इस आंदोलन में किसान कम और कांग्रेसी ज्यादा हैं. हमने किसान हित में जो किया वह किसान जानते हैं. अगर एमएसपी से ज्यादा पैसा किसानों को कहीं मिल रहा है, तो वह वहीं अपनी फसल बेच सकते हैं. कांग्रेस जन्मजात किसान विरोधी रही है.
सवाल- तो क्या आपके प्रचार-प्रसार में कहीं कमी रह गई है?
जवाब- नहीं, हमारे प्रचार-प्रसार में कोई कमी नहीं है और हम किसानों से अपील करते हैं कि वह कांग्रेसियों के बहकावे में न आएं. हमारे नेता किसानों से बात कर रहे हैं. हम किसान हितों के लिए काम करते रहेंगे.
सवाल- भारतीय जनता पार्टी में आप भले ही पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हों, लेकिन आपकी स्वीकार्यता हर वर्ग में है. सरकार से नाराज नेता भी आपसे खुश रहते हैं. ऐसा क्या करते हैं आप?
जवाब- हमारे कार्यकर्ता पूरी पार्टी से खुश रहते हैं. वे हमारी पार्टी के आधार हैं. जिस संगठन के कारण सरकार बनी है, वह बड़ा होता है. मैं हमेशा कहता हूं कि संगठन बड़ा होता है और सरकार छोटी. मैं कार्यकर्ता हूं. मैं खुद को कार्यकर्ता मानता हूं और कार्यकर्ताओं से कहता हूं कि वह खुद को उप मुख्यमंत्री समझें.
सवाल- पूर्वांचल में काफी विकास कार्य हुए हैं. विन्ध्याचल, वाराणसी और अयोध्या में काफी विकास कार्य हुए, लेकिन राजधानी से महज 100 किलोमीटर दूर नैमिषारण्य के लिए अच्छी सड़क तक नहीं है. लोगों का कहना है कि समग्रता में पूरे प्रदेश का विकास नहीं हो रहा है?
जवाब- न सरकार की नीति में कमी है और न नीयत में. पूरे प्रदेश का सर्वांगीण विकास हो रहा है. पहले एक जिले में विकास कार्य होते थे और 74 जिले उपेक्षित रहते थे. आप किसी विरोधी दल के नेता से पूछिए कि क्या पहले जितने विकास कार्य हुए थे, उससे ज्यादा अब हो रहे हैं. वह सकारात्मक जवाब देंगे.
सवाल- मेरा प्रश्न धार्मिक पर्यटन से था.
जवाब- नैमिषारण्य का भी विकास हो रहा है. मथुरा-वृंदावन का भी विकास हो रहा है. बुठूर व गढ़मुक्तेश्वर का भी विकास किया जा रहा है. प्रदेश का कोई हिस्सा ऐसा नहीं है, जहां कोई भेदभाव हो.
सवाल- 2022 में चुनाव है. इस चुनाव में भाजपा की क्या रणनीति होगी?
जवाब- जब 2017 का चुनाव संपन्न हुआ तो हमने 2019 की तैयारी शुरू कर दी थी. 2019 का चुनाव हुआ तो हम 2022 के चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. हम चुनाव लड़ने के लिए संगठन नहीं चलाते. हम समाज की सेवा भी करते हैं. सरकार की योजनाएं बिना भेदभाव व भ्रष्टाचार के लोगों तक पहुंचे, इसके लिए काम करते हैं. मोदी जी कहते हैं कि संगठन का मतलब सरकार बनाना नहीं, बल्कि सेवा करना होता है.
सवाल- 2022 में आपको क्या लगता है कि किस पार्टी से मुकाबला होगा?
जवाब- मुझे लगता है कि तीनों पार्टियां एक होकर 2014, 2017 और 2019 का चुनाव लड़ी थीं और यह चुनाव भी मिलकर ही लड़ेंगे. भले ही दिखावे के लिए कुछ और हो. मैं तो एक ही नारा लगाता हूं 'सौ में साठ हमारा है, बाकी में बंटवारा है.'