शिमला : हिमाचल कांग्रेस के युवा चेहरे विक्रमादित्य सिंह ने राज्य सरकार के तीन साल के कार्यकाल को निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने 3 साल की अवधि में केवल रिबन काटने का काम किया. भाजपा सरकार पूर्व की कांग्रेस सरकार के समय की योजनाओं पर श्रेय लेती रही. प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के तीन साल का समय पूरा होने पर ईटीवी भारत से बातचीत में कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य ने सत्ताधारी दल पर तीखे शब्द बाण छोड़े.
कोविड संकट से निपटने में सरकार असफल
विक्रमादित्य सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि जयराम सरकार के पास उपलब्धि के रूप में बताने के लिए कोई बड़ा काम नहीं है. सरकार कोविड संकट से निपटने में भी असफल रही है. जहां तक प्रदेश में निवेश लाने की बात है, तो इन्वेस्टर्स मीट के आयोजन पर करोड़ों रुपये फूंक दिए गए, परन्तु दस हजार करोड़ का निवेश भी नहीं आया है. बेरोजगार युवाओं की संख्या दस लाख से अधिक है.
सरकार का अफसरशाही पर कोई नियंत्रण नहीं
विक्रमादित्य ने आरोप लगाया कि सीएम रिलीफ फंड का पैसा बंदरबांट कर अपनों को ही दिया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग में ऑडियो वायरल होने के बाद जो हुआ वो सभी के सामने है. अगर जयराम सरकार पूर्व की कांग्रेस सरकार पर कर्ज का बोझ लेने का आरोप लगाती है, तो उसे ये भी समझना चाहिए कि प्रेमकुमार धूमल की अगुआई वाली सरकार ने विरासत में कितने लोन छोड़ा था. उन्होंने तंज कसा कि हिमाचल भाजपा और सीएम जयराम ठाकुर को केंद्र तथा पीएम नरेंद्र मोदी की बैसाखियों का सहारा लेना छोड़ देना चाहिए. सरकार को अपने बूते काम करने की आदत डालनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि जयराम सरकार का अफसरशाही पर कोई नियंत्रण नहीं है.
सोनिया गांधी की अगुआई में कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन भी किए हैं
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वे सकारात्मक राजनीति में भरोसा रखते हैं. सरकार ने पेंशन की आयु सीमा घटाकर 70 साल की, तो कांग्रेस ने उसका स्वागत किया था. कांग्रेस ने कोविड संकट को लेकर भी रचनात्मक सहयोग का हाथ बढ़ाया है. उन्होंने स्वीकार किया कि राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर कांग्रेस की परफॉर्मेंस का ग्राफ गिरा है, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि सोनिया गांधी की अगुआई में कांग्रेस ने वाजपेयी सरकार के शाइनिंग इंडिया के नारे को ध्वस्त करते हुए 10 साल सत्ता चलाई थी. उस दौरान देश को कई योजनाओं का लाभ मिल था.