भुवनेश्वर: ओडिशा के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रकाश मिश्रा ने दावा किया कि यह साबित करने की कोशिश की जा रही है कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास का कथित हत्यारा निलंबित सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) गोपाल दास मानसिक रूप से अस्थिर था ताकि उसकी सजा में रियायत की जा सके.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मिश्रा ने 29 जनवरी को झारसुगुडा जिले के ब्रजराजनगर में गोली लगने के बाद स्वास्थ्य मंत्री को मृत घोषित करने के समय पर भी सवाल उठाया.
उन्होंने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, 'अपराध शाखा की जांच सही रास्ते पर नहीं है. गोपाल दास को सजा में रियायत दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिस तरह से जांच की जा रही है, उससे संकेत मिलता है कि उसे मानसिक रूप से अस्थिर घोषित करने का प्रयास किया जा रहा है.'
मिश्रा ने कहा कि मीडिया में प्रकाशित पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार गोली मंत्री के सीने में बाईं ओर लगी और आमतौर पर ऐसी परिस्थितियों में पांच मिनट के भीतर व्यक्ति की मौत हो जाती है. उन्होंने सवाल किया, 'फिर उन्हें विमान से भुवनेश्वर कैसे ले जाया गया और एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन किया गया?' साथ ही हत्या में प्रयुक्त गोली का खाली खोखा भी बरामद नहीं हुआ है.
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उन्होंने कहा, 'गोपाल दास अदालत में दावा कर सकता है कि गोली उसने नहीं चलाई थी, क्योंकि गोली का खोखा कभी बरामद नहीं हुआ. वह यह भी सवाल कर सकता है कि 29 जनवरी को दोपहर करीब 12 बजकर 35 मिनट पर सीने के बाईं ओर गोली लगने के बाद मंत्री इतने लंबे समय तक कैसे जीवित रहे?'
मिश्रा ने कहा कि मौत के सही समय को छिपाना अपराध है और मांग की कि ऐसा करने की कोशिश करने वालों पर मामला दर्ज किया जाए. उन्होंने यह भी मांग की कि गुजरात में किए गए गोपाल दास के पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट के नतीजे सार्वजनिक क्यों नहीं किए गए. गृह राज्य मंत्री टीके बेहरा ने कहा कि जांच सही रास्ते पर है और मामले में नतीजे पर पहुंचने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.
(पीटीआई-भाषा)