ETV Bharat / bharat

EWS reservation : ईडब्ल्यूएस मामले का घटनाक्रम किस प्रकार रहा, एक नजर

सामान्य तबके के छात्रों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के लिए 103वें संशोधन को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह कानून संविधान के मूलभूत ढांचे को चोट नहीं पहुंचाता है. पेश है इस मामले से जुड़े घटनाक्रम पर एक नजर.

sc
सुप्रीम कोर्ट
author img

By

Published : Nov 7, 2022, 1:15 PM IST

Updated : Nov 7, 2022, 1:44 PM IST

नई दिल्ली : आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को दाखिले और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाया. इस मामले का घटनाक्रम इस प्रकार है. इससे पहले यह जान लें कि ये आरक्षण सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को ही दिया जाता है और कमजोर वे हैं जिनकी वार्षिक आमदनी 8 लाख रुपये से कम है. इन्हें नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाता है.

*8 जनवरी, 2019: लोकसभा ने 103वें संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दी.

* 9 जनवरी: राज्यसभा ने 103वें संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दी.

* 12 जनवरी: विधि और न्याय मंत्रालय ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सहमति दे दी है.

* फरवरी: नए कानून को उच्चतम न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई.

* 6 फरवरी: न्यायालय ने संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सरकार को नोटिस जारी किया.

* 8 फरवरी: न्यायालय ने 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटे पर रोक लगाने से इनकार किया.

* 8 सितंबर, 2022: प्रधान न्यायाधीश यू यू ललित की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने अपील सुनने के लिए पीठ का गठन किया.

*13 सितंबर: न्यायालय ने दलीलें सुननी शुरू कीं.

* 27 सितंबर: न्यायालय ने आदेश सुरक्षित रखा.

* 7 नवंबर: न्यायालय ने 3:2 के बहुमत से दाखिलों, सरकारी नौकरियों में ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी आरक्षण प्रदान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को बरकरार रखा.

सुप्रीम कोर्ट को क्या तय करना था

- क्या 103वें संशोधन को संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन कहा जा सकता है.

- क्या निजी गैर सहायता प्राप्त संस्थानों में प्रवेश के लिए ईडब्लूएस कोटा देने की अनुमति देने संवैधानिक ढांचे का उल्लंघन है.

- एससी, एसटी, ओबीसी को दिए जाने वाले कोटे से ईडब्लूएस कोटे को बाहर रखना क्या संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन है.

ये भी पढ़ें : जारी रहेगा EWS आरक्षण, सुप्रीम कोर्ट की मुहर

ये भी पढ़ें : EWS आरक्षण पर किस जज ने क्या कहा, एक नजर

(PTI)

नई दिल्ली : आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को दाखिले और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाया. इस मामले का घटनाक्रम इस प्रकार है. इससे पहले यह जान लें कि ये आरक्षण सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को ही दिया जाता है और कमजोर वे हैं जिनकी वार्षिक आमदनी 8 लाख रुपये से कम है. इन्हें नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाता है.

*8 जनवरी, 2019: लोकसभा ने 103वें संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दी.

* 9 जनवरी: राज्यसभा ने 103वें संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दी.

* 12 जनवरी: विधि और न्याय मंत्रालय ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सहमति दे दी है.

* फरवरी: नए कानून को उच्चतम न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई.

* 6 फरवरी: न्यायालय ने संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सरकार को नोटिस जारी किया.

* 8 फरवरी: न्यायालय ने 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटे पर रोक लगाने से इनकार किया.

* 8 सितंबर, 2022: प्रधान न्यायाधीश यू यू ललित की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने अपील सुनने के लिए पीठ का गठन किया.

*13 सितंबर: न्यायालय ने दलीलें सुननी शुरू कीं.

* 27 सितंबर: न्यायालय ने आदेश सुरक्षित रखा.

* 7 नवंबर: न्यायालय ने 3:2 के बहुमत से दाखिलों, सरकारी नौकरियों में ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी आरक्षण प्रदान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को बरकरार रखा.

सुप्रीम कोर्ट को क्या तय करना था

- क्या 103वें संशोधन को संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन कहा जा सकता है.

- क्या निजी गैर सहायता प्राप्त संस्थानों में प्रवेश के लिए ईडब्लूएस कोटा देने की अनुमति देने संवैधानिक ढांचे का उल्लंघन है.

- एससी, एसटी, ओबीसी को दिए जाने वाले कोटे से ईडब्लूएस कोटे को बाहर रखना क्या संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन है.

ये भी पढ़ें : जारी रहेगा EWS आरक्षण, सुप्रीम कोर्ट की मुहर

ये भी पढ़ें : EWS आरक्षण पर किस जज ने क्या कहा, एक नजर

(PTI)

Last Updated : Nov 7, 2022, 1:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.