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खरगोन की पूरी घटना पर भगवान राम भी बेचैन होंगे : संजय राउत

शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा पर चुनाव जीतने के लिए धार्मिक मदभेद के बीज बोने की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने राम मंदिर आंदोलन बीच में ही छोड़ दिया, वे अब भगवान राम के नाम पर तलवारें दिखा रहे हैं.

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संजय राउत
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Published : Apr 17, 2022, 1:42 PM IST

मुंबई : शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि श्रीराम के नाम पर सांप्रदायिकता को भड़काना 'भगवान राम के आदर्शों' का अपमान है और भगवान राम भी मध्य प्रदेश के खरगोन की पूरी घटना को लेकर बेचैन होंगे. खरगोन में रामनवमी के दिन सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं, जिनके कारण कर्फ्यू लगा दिया गया था. राउत ने भाजपा पर चुनाव जीतने के लिए धार्मिक मदभेद के बीज बोने की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया. शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में अपने साप्ताहिक स्तंभ 'रोखठोक' में राउत ने लिखा, 'अगर कोई कट्टरवाद की आग भड़काना चाहता है और चुनाव जीतने के लिए शांति भंग करना चाहता है, तो वह दूसरे विभाजन का बीज बो रहा है.'

देश के विभिन्न हिस्सों में 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन हुई सांप्रदायिक झड़पों का जिक्र करते हुए 'सामना' के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि ये अच्छे संकेत नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'पहले, रामनवमी पर शोभायात्रा संस्कृति और धर्म के बारे में होती थी, लेकिन अब तलवारें लहराई जाती हैं और सांप्रदायिक फूट डाली जाती है. मस्जिदों के बाहर हंगामा किया गया, जिसके परिणामस्वरूप हिंसा हुई.' राउत ने भाजपा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने राम मंदिर आंदोलन बीच में ही छोड़ दिया, वे अब भगवान राम के नाम पर तलवारें दिखा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'इसे हिंदुत्व नहीं कहा जा सकता. भगवान राम के नाम पर सांप्रदायिक आग लगाना राम के आदर्शों का अपमान है.'

  • #WATCH There were attempts to jeopardise peace in Maharashtra but people & police here are peaceful here. Some people had mission to provoke riots in name of Ram & Hanuman through 'New Owaisi'...'Hindu Owaisi' of the state...We won't let that happen: Shiv Sena leader Sanjay Raut pic.twitter.com/nqulcbBQqB

    — ANI (@ANI) April 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शिवसेना नेता ने कहा, 'मध्य प्रदेश के खरगोन की घटना पर भगवान राम भी बेचैन होंगे.' राउत ने कहा कि हिंदू और मराठी नववर्ष के मौके पर दो अप्रैल को गुड़ी पड़वा पर मुंबई सहित महाराष्ट्र भर में सांस्कृतिक शोभायात्राएं निकाली गईं, लेकिन इन शोभायात्राओं के मुस्लिम बहुल इलाकों से गुजरने के बाद भी कोई हिंसा नहीं हुई. उन्होंने गुजरात के साबरकांठा में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए पूछा, 'कोई हिंसा नहीं थी. रामनवमी पर सारी हिंसा क्यों होनी चाहिए? क्या कोई विश्वास कर सकता है कि मुसलमान प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में रामनवमी के दिन शोभायात्रा पर पत्थर फेंकेंगे?'

राज ठाकरे पर भाजपा का एजेंडा लागू करने का आरोप
राउत ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे पर भाजपा के एजेंडे को लागू करने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा कि एक एजेंडे के तहत राष्ट्रपति शासन लगाने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने की कोशिश की जा रही है. बता दें, मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने हाल में कहा था कि अगर महाराष्ट्र सरकार तीन मई तक मस्जिदों के ऊपर से लाउडस्पीकर हटाने में विफल रहती है, तो मस्जिदों के बाहर और अधिक ऊंचे स्वर में 'हनुमान चालीसा' बजाया जाएगा. उन्होंने देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने और जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए एक कानून बनाने की भी वकालत की थी.

यह भी पढ़ें- खरगोन हिंसा : मुस्लिम धर्म गुरुओं की मस्जिदों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाने की अपील

मुंबई : शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि श्रीराम के नाम पर सांप्रदायिकता को भड़काना 'भगवान राम के आदर्शों' का अपमान है और भगवान राम भी मध्य प्रदेश के खरगोन की पूरी घटना को लेकर बेचैन होंगे. खरगोन में रामनवमी के दिन सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं, जिनके कारण कर्फ्यू लगा दिया गया था. राउत ने भाजपा पर चुनाव जीतने के लिए धार्मिक मदभेद के बीज बोने की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया. शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में अपने साप्ताहिक स्तंभ 'रोखठोक' में राउत ने लिखा, 'अगर कोई कट्टरवाद की आग भड़काना चाहता है और चुनाव जीतने के लिए शांति भंग करना चाहता है, तो वह दूसरे विभाजन का बीज बो रहा है.'

देश के विभिन्न हिस्सों में 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन हुई सांप्रदायिक झड़पों का जिक्र करते हुए 'सामना' के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि ये अच्छे संकेत नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'पहले, रामनवमी पर शोभायात्रा संस्कृति और धर्म के बारे में होती थी, लेकिन अब तलवारें लहराई जाती हैं और सांप्रदायिक फूट डाली जाती है. मस्जिदों के बाहर हंगामा किया गया, जिसके परिणामस्वरूप हिंसा हुई.' राउत ने भाजपा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने राम मंदिर आंदोलन बीच में ही छोड़ दिया, वे अब भगवान राम के नाम पर तलवारें दिखा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'इसे हिंदुत्व नहीं कहा जा सकता. भगवान राम के नाम पर सांप्रदायिक आग लगाना राम के आदर्शों का अपमान है.'

  • #WATCH There were attempts to jeopardise peace in Maharashtra but people & police here are peaceful here. Some people had mission to provoke riots in name of Ram & Hanuman through 'New Owaisi'...'Hindu Owaisi' of the state...We won't let that happen: Shiv Sena leader Sanjay Raut pic.twitter.com/nqulcbBQqB

    — ANI (@ANI) April 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शिवसेना नेता ने कहा, 'मध्य प्रदेश के खरगोन की घटना पर भगवान राम भी बेचैन होंगे.' राउत ने कहा कि हिंदू और मराठी नववर्ष के मौके पर दो अप्रैल को गुड़ी पड़वा पर मुंबई सहित महाराष्ट्र भर में सांस्कृतिक शोभायात्राएं निकाली गईं, लेकिन इन शोभायात्राओं के मुस्लिम बहुल इलाकों से गुजरने के बाद भी कोई हिंसा नहीं हुई. उन्होंने गुजरात के साबरकांठा में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए पूछा, 'कोई हिंसा नहीं थी. रामनवमी पर सारी हिंसा क्यों होनी चाहिए? क्या कोई विश्वास कर सकता है कि मुसलमान प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में रामनवमी के दिन शोभायात्रा पर पत्थर फेंकेंगे?'

राज ठाकरे पर भाजपा का एजेंडा लागू करने का आरोप
राउत ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे पर भाजपा के एजेंडे को लागू करने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा कि एक एजेंडे के तहत राष्ट्रपति शासन लगाने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने की कोशिश की जा रही है. बता दें, मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने हाल में कहा था कि अगर महाराष्ट्र सरकार तीन मई तक मस्जिदों के ऊपर से लाउडस्पीकर हटाने में विफल रहती है, तो मस्जिदों के बाहर और अधिक ऊंचे स्वर में 'हनुमान चालीसा' बजाया जाएगा. उन्होंने देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने और जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए एक कानून बनाने की भी वकालत की थी.

यह भी पढ़ें- खरगोन हिंसा : मुस्लिम धर्म गुरुओं की मस्जिदों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाने की अपील

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