चेन्नई: लुप्तप्राय जीव स्लेंडर लॉरिस (Slender Loris ) के संरक्षण और विकास को लेकर भारत का पहला वन्यजीव अभयारण्य तमिलनाडु के डिंडीगुल और करूर जिले (Dindigul and Karur Districts) में स्थापित किया जाएगा (India’s first Wildlife Sanctuary for Slender Loris). इस जीव को 'लुप्तप्राय' के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. इसके संरक्षण और वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है.
गौरतलब है कि ईटीवी भारत तमिलनाडु पोर्टल ने 21 अप्रैल को लुप्तप्राय जीव स्लेंडर लॉरिस के बारे में रिपोर्ट दी थी. ग्रे स्लेंडर लॉरिस एक छोटा निशाचर स्तनपायी जीव है. यह मनुष्य और वानर की तरह दिखता है. यह जीव ज्यादातर भारत और श्रीलंका के वर्षावनों में पेड़ों के बीच पाया जाता है. स्लेंडर लॉरिस देखने में छोटा होता है और वजन 85-350 ग्राम के बीच होता है. यह अपने शावकों को 6-7 महीने तक स्तनपान कराता है. ये जीव कीड़े, पक्षी के अंडे, छोटी छिपकली और अन्य चीजें खाता है.
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यह डिंडीगुल जिले के जंगलों के अलावा अय्यालुर, नाथम और सेंथुराई के जंगलों में और करूर जिले के कदावूर के जंगलों में पाया जाता है. इस जीव को लुप्तप्राय प्रजाति की श्रेणी में रखा गया है. इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट ईटीवी भारत तमिल पोर्टल पर प्रकाशित की गई थी. इस संदर्भ में 25 अप्रैल को तमिलनाडु विधान सभा में दायर वन विभाग नीति नोट में स्लेंडर लारिस के बारे में अच्छी खबर सामने आई है.