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पर्यावरणविद बोले, अगर यही हाल रहा तो प्रदूषण भी बन जाएगा चौथा मौसम

राजधानी में प्रदूषण के कारण लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. इसी बारे में पर्यावरणविद संजीव लाकड़ा ने ईटीवी भारत से बातचीत की. पढ़िए पूरी रिपोर्ट.

sanjeev lakra
पर्यावरणविद संजीव लाकड़ा
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Published : Nov 16, 2020, 10:51 PM IST

नई दिल्ली : राजधानी में प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ रही है, ऐसे में दीपावली की रात जलाए गए पटाखों ने आग में घी डालने का काम किया है. इसको लेकर पर्यावरणविद संजीव लाकड़ा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि जहां पहले रोजाना एयर क्वालिटी इंडेक्स PM 2.5, 400 से 500 के बीच बना हुआ था, वहीं दीपावली के बाद यह 700 तक पहुंच गया. ऐसे में हवा की क्वालिटी लगातार बिगड़ रही है. इस हवा में सांस लेना लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.

स्वच्छ पर्यावरण के लिए चला रहे मुहिम

पर्यावरणविद संजीव लाकड़ा ने बताया कि वह पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए मुहिम भी चला रहे हैं. 'स्वच्छ पर्यावरण हमारा कर्तव्य' नाम से एक मुहिम चला रहे हैं. इसके अंतर्गत वह लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से लगातार पेड़ों की कटाई हो रही है, पहाड़ों को काटा जा रहा है, यह हमारे पर्यावरण पर घातक प्रहार कर रहे हैं. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए जाएं और लोगों को इसके प्रति जागरुक किया जाए. इसीलिए हाल ही में दिल्ली सरकार की मुहिम के साथ जुड़कर वैन महोत्सव के दौरान उन्होंने 17000 पौधे लगवाए थे.

पर्यावरणविद संजीव लाकड़ा से खास बातचीत.

कहीं प्रदूषण भी न बन जाए हमारे मौसम का हिस्सा

संजीव लाकड़ा ने कहा कि हम बचपन से अब तक सीखते आए हैं कि हमारे बीच तीन मौसम होते हैं. सर्दी, गर्मी और बरसात, लेकिन जिस तरीके से पिछले कुछ सालों में प्रदूषण लगातार बढ़ा है, ऐसे में हमें डर है कि कहीं आने वाले समय में हम अपने बच्चों को यह न सिखाएं कि अब तीन मौसम के अलावा प्रदूषण भी हमारे मौसम का हिस्सा हो गया है. सर्दी से पहले 2 महीने हेल्थ इमरजेंसी लगती है, जिसमें सांस लेना दूभर हो जाता है. जब दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो जाती है.

नई दिल्ली : राजधानी में प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ रही है, ऐसे में दीपावली की रात जलाए गए पटाखों ने आग में घी डालने का काम किया है. इसको लेकर पर्यावरणविद संजीव लाकड़ा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि जहां पहले रोजाना एयर क्वालिटी इंडेक्स PM 2.5, 400 से 500 के बीच बना हुआ था, वहीं दीपावली के बाद यह 700 तक पहुंच गया. ऐसे में हवा की क्वालिटी लगातार बिगड़ रही है. इस हवा में सांस लेना लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.

स्वच्छ पर्यावरण के लिए चला रहे मुहिम

पर्यावरणविद संजीव लाकड़ा ने बताया कि वह पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए मुहिम भी चला रहे हैं. 'स्वच्छ पर्यावरण हमारा कर्तव्य' नाम से एक मुहिम चला रहे हैं. इसके अंतर्गत वह लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से लगातार पेड़ों की कटाई हो रही है, पहाड़ों को काटा जा रहा है, यह हमारे पर्यावरण पर घातक प्रहार कर रहे हैं. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए जाएं और लोगों को इसके प्रति जागरुक किया जाए. इसीलिए हाल ही में दिल्ली सरकार की मुहिम के साथ जुड़कर वैन महोत्सव के दौरान उन्होंने 17000 पौधे लगवाए थे.

पर्यावरणविद संजीव लाकड़ा से खास बातचीत.

कहीं प्रदूषण भी न बन जाए हमारे मौसम का हिस्सा

संजीव लाकड़ा ने कहा कि हम बचपन से अब तक सीखते आए हैं कि हमारे बीच तीन मौसम होते हैं. सर्दी, गर्मी और बरसात, लेकिन जिस तरीके से पिछले कुछ सालों में प्रदूषण लगातार बढ़ा है, ऐसे में हमें डर है कि कहीं आने वाले समय में हम अपने बच्चों को यह न सिखाएं कि अब तीन मौसम के अलावा प्रदूषण भी हमारे मौसम का हिस्सा हो गया है. सर्दी से पहले 2 महीने हेल्थ इमरजेंसी लगती है, जिसमें सांस लेना दूभर हो जाता है. जब दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो जाती है.

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