मुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक निजी अस्पताल को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू (Hany Babu) को तीन जून तक छुट्टी नहीं देने का निर्देश दिया है.
न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि अगर ब्रीच कैंडी अस्पताल हनी बाबू को तीन जून से पहले जेल वापस भेजना चाहता है तो उसे अदालत की अनुमति लेनी होगी.
नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद बाबू को मई में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में उन्हें मुंबई के जीटी अस्पताल रेफर किया गया था.
पत्नी ने दायर की थी अंतरिम जमानत की याचिका
बाबू की पत्नी जेनी रोवेना ने उनके स्वास्थ्य का हवाला देते अंतरिम जमानत के अनुरोध वाली याचिका दायर की थी.
प्रोफेसर के वकील युग चौधरी ने पिछले सप्ताह सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि बाबू की आंखों में गंभीर संक्रमण हो गया है और उनकी बाईं आंख में समस्या अधिक बढ़ गई है. इस पर अदालत ने बाबू को ब्रीच कैंडी अस्पताल में अपने खर्च पर भर्ती होने की अनमुति प्रदान की थी.
मंगलवार को चौधरी ने पीठ को बताया कि बाबू की आंख का संक्रमण ठीक हो रहा है, लेकिन उन्हें अब भी चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है.
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