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Bharatpur Home Guard Recruitment : पैरों में बंधी इलेक्ट्रॉनिक चिप बताएगी कितना दौड़े आप - भरतपुर होमगार्ड भर्ती

भर्तियों में फर्जीवाड़े और गलत अभ्यर्थियों के भाग लेने की घटनाओं पर अब जल्द ही लगाम लग जायेगी. यह संभव हो सकेगा सिर्फ एक इलेक्ट्रॉनिक चिप से. भरतपुर में आयोजित हुई होमगार्ड भर्ती नामांकन प्रक्रिया में पहली बार इस इलेक्ट्रॉनिक चिप का इस्तेमाल (Electronic chip used for the first time in Bharatpur) किया गया है.

Bharatpur Home Guard Recruitment etv bharat
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Published : Nov 29, 2021, 9:35 PM IST

भरतपुर : भर्ती में फर्जी अभ्यर्थी की एंट्री रोकने के लिए इलेक्ट्रॉनिक चिप का इस्तेमाल (electronic chip in recruitment) किया जाने लगा है. इस चिप की खासियत ये है कि अभ्यर्थी की पूरी जानकारी कंप्यूटर में दर्ज हो जाती है. साथ ही वह कितनी देर में दौड़ पूरी कर रहा है, इसका भी पूरा डाटा ऑनलाइन उपलब्ध हो जाता है. होमगार्ड की भर्ती में इलेक्ट्रॉनिक चिप के साथ ही कई अत्याधुनिक कंप्यूटराइज सुविधाओं का इस्तेमाल किया गया है.

कंप्यूटराइज्ड उपकरणों से नाप

होमगार्ड भर्ती प्रभारी कमांडेंट रामजीलाल ने बताया कि पहली बार होमगार्ड भर्ती में इलेक्ट्रॉनिक चिप और चेस्ट एवं हाइट मेजरमेंट के लिए कंप्यूटराइज्ड उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है. इसके लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए आने वाले अभ्यर्थियों की सबसे पहले कैमरे से फोटो खींची गई और अभ्यर्थियों के फिंगरप्रिंट लिए गए.

भर्ती में फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक.

इसके बाद यह डिटेल उनके नाम और अन्य जानकारियों के साथ कंप्यूटर में फीड किए गए. इसके बाद अभ्यर्थियों की कंप्यूटराइज्ड उपकरणों से हाइट और चेस्ट की नाप ली गई. यह जानकारी भी कंप्यूटर में फीड की गई. इसमें पूरी पारदर्शिता और एक्यूरेसी रही.

चिप ऐसे रोकेगी गड़बड़ी

कमांडेंट रामजीलाल ने बताया कि अभ्यर्थी की हाइट और चेस्ट की नाप होने के बाद उसके दोनों पैरों में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप बांधी जाती है. उस इलेक्ट्रॉनिक चिप को कंप्यूटर से स्कैन कराया जाता है और उसकी पूरी जानकारी कंप्यूटर में फीड कर दी जाती है. इसके बाद अभ्यर्थियों को रनिंग ट्रैक पर खड़ा किया जाता है. रनिंग ट्रैक पर सेंसरयुक्त दो मैट बिछाए जाते हैं. जैसे ही अभ्यर्थी दौड़ लगाना शुरू करते हैं तो सेंसरयुक्त मैट अभ्यर्थियों के पैर में बंधी चिप को रीड कर डाटा कंप्यूटर तक पहुंचती है.

दौड़ लगा रहे अभ्यर्थी के हर राउंड पर मैट रीड करके डाटा अपडेट कर देता है. इससे प्रत्येक अभ्यर्थी की दौड़ का समय ऑनलाइन फीड हो जाता है और शारीरिक दक्षता परीक्षा में मेरिट बनाने में आसानी रहती है.

हैदराबाद और जयपुर में डाटा सुरक्षित

भर्ती स्थल पर अभ्यर्थियों की जांच में इलेक्ट्रिक चिप, कंप्यूटराइज्ड सिस्टम और सीसीटीवी कैमरों से पूरी नजर रखी जाती है. भर्ती स्थल पर अभ्यर्थियों का जो भी डाटा कंप्यूटर में कनेक्ट किया जाता है, वह पूरा डाटा हैदराबाद और जयपुर स्थित सर्वर रूम तक पहुंचाया जाता है. वहां से अधिकारी भर्ती की पूरी प्रक्रिया पर नजर रख सकते हैं.

गौरतलब है कि हाल ही में भरतपुर के पुलिस ग्राउंड पर भरतपुर, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर के 34,241 अभ्यर्थियों ने नामांकन प्रक्रिया में भाग लिया था. यहां इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से पहली बार शारीरिक दक्षता प्रक्रिया को पूरा किया गया.

भरतपुर : भर्ती में फर्जी अभ्यर्थी की एंट्री रोकने के लिए इलेक्ट्रॉनिक चिप का इस्तेमाल (electronic chip in recruitment) किया जाने लगा है. इस चिप की खासियत ये है कि अभ्यर्थी की पूरी जानकारी कंप्यूटर में दर्ज हो जाती है. साथ ही वह कितनी देर में दौड़ पूरी कर रहा है, इसका भी पूरा डाटा ऑनलाइन उपलब्ध हो जाता है. होमगार्ड की भर्ती में इलेक्ट्रॉनिक चिप के साथ ही कई अत्याधुनिक कंप्यूटराइज सुविधाओं का इस्तेमाल किया गया है.

कंप्यूटराइज्ड उपकरणों से नाप

होमगार्ड भर्ती प्रभारी कमांडेंट रामजीलाल ने बताया कि पहली बार होमगार्ड भर्ती में इलेक्ट्रॉनिक चिप और चेस्ट एवं हाइट मेजरमेंट के लिए कंप्यूटराइज्ड उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है. इसके लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए आने वाले अभ्यर्थियों की सबसे पहले कैमरे से फोटो खींची गई और अभ्यर्थियों के फिंगरप्रिंट लिए गए.

भर्ती में फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक.

इसके बाद यह डिटेल उनके नाम और अन्य जानकारियों के साथ कंप्यूटर में फीड किए गए. इसके बाद अभ्यर्थियों की कंप्यूटराइज्ड उपकरणों से हाइट और चेस्ट की नाप ली गई. यह जानकारी भी कंप्यूटर में फीड की गई. इसमें पूरी पारदर्शिता और एक्यूरेसी रही.

चिप ऐसे रोकेगी गड़बड़ी

कमांडेंट रामजीलाल ने बताया कि अभ्यर्थी की हाइट और चेस्ट की नाप होने के बाद उसके दोनों पैरों में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप बांधी जाती है. उस इलेक्ट्रॉनिक चिप को कंप्यूटर से स्कैन कराया जाता है और उसकी पूरी जानकारी कंप्यूटर में फीड कर दी जाती है. इसके बाद अभ्यर्थियों को रनिंग ट्रैक पर खड़ा किया जाता है. रनिंग ट्रैक पर सेंसरयुक्त दो मैट बिछाए जाते हैं. जैसे ही अभ्यर्थी दौड़ लगाना शुरू करते हैं तो सेंसरयुक्त मैट अभ्यर्थियों के पैर में बंधी चिप को रीड कर डाटा कंप्यूटर तक पहुंचती है.

दौड़ लगा रहे अभ्यर्थी के हर राउंड पर मैट रीड करके डाटा अपडेट कर देता है. इससे प्रत्येक अभ्यर्थी की दौड़ का समय ऑनलाइन फीड हो जाता है और शारीरिक दक्षता परीक्षा में मेरिट बनाने में आसानी रहती है.

हैदराबाद और जयपुर में डाटा सुरक्षित

भर्ती स्थल पर अभ्यर्थियों की जांच में इलेक्ट्रिक चिप, कंप्यूटराइज्ड सिस्टम और सीसीटीवी कैमरों से पूरी नजर रखी जाती है. भर्ती स्थल पर अभ्यर्थियों का जो भी डाटा कंप्यूटर में कनेक्ट किया जाता है, वह पूरा डाटा हैदराबाद और जयपुर स्थित सर्वर रूम तक पहुंचाया जाता है. वहां से अधिकारी भर्ती की पूरी प्रक्रिया पर नजर रख सकते हैं.

गौरतलब है कि हाल ही में भरतपुर के पुलिस ग्राउंड पर भरतपुर, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर के 34,241 अभ्यर्थियों ने नामांकन प्रक्रिया में भाग लिया था. यहां इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से पहली बार शारीरिक दक्षता प्रक्रिया को पूरा किया गया.

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