नई दिल्ली : राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की टीमों ने बुधवार तक उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र के 1400 से अधिक गांवों में बिजली बहाल कर दी है. साथ ही राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों से 46 शव निकाले जा चुके हैं.
नई दिल्ली में एक विशेष साक्षात्कार में ईटीवी भारत से बात करते हुए एनडीआरएफ के महानिरीक्षक अमरेंद्र कुमार सेंगर ने कहा कि बचाव और राहत अभियान के लिए क्षेत्र में 17 टीमों को तैनात किया गया है.
सेंगर ने कहा कि अब तक 46 लोगों के हताहत होने की खबर है और नौ लोग अब भी लापता हैं. उन्होंने कहा कि आईटीबीपी और सेना जैसे बल भी भारतीय सेना के फ्लाइट हेलिकॉप्टरों की मदद से व्यापक बचाव और राहत अभियान चला रहे हैं.
सेंगर ने कहा कि आज बारिश बंद हो गई है. जल स्तर घट रहा है. हालांकि वर्तमान में नई चुनौतियां बिजली आपूर्ति और सड़क नेटवर्क की बहाली है. उन्होंने कहा कि बिजली और सड़क नेटवर्क को बहाल करने की जरूरत है क्योंकि इससे बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है.
कहा कि करीब 4,000 से अधिक गांवो में से अब तक 3,000 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है. उन्होंने कहा कि बिजली और सड़क की बहाली कुछ और दिन हो सकती है. राज्य में प्रतिनियुक्त 17 एनडीआरएफ टीमों में से छह टीमें उधम सिंह नगर में, दो-दो टीमें उत्तर काशी और चमोली में और एक-एक टीम देहरादून, पिथौरागढ़, चंपावत और हरिद्वार में तैनात है. नैनीताल में दो और अल्मोड़ा में एक टीम को तैनात किया गया है.
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि एनडीआरएफ के बचाव दल ने उधम सिंह नगर, नैनीताल से 1300 से अधिक फंसे हुए लोगों को निकाला है. हालांकि, आईजीपी सेंगर ने कहा कि पुराने प्रभावित केरल में स्थिति में सुधार हो रहा है और अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
सेंगर ने कहा कि केरल में 12 टीमों को तैनात किया गया है. कुल मिलाकर यह नियंत्रण में है. इडुक्की बांध से पानी छोड़े जाने के कारण जल स्तर राज्य के निचले इलाकों तक पहुंच गया है. इस बीच एनडीआरएफ की नौ टीमों को तैनात किया गया है. पश्चिम बंगाल में कमी हुई है और लगातार बारिश को देखते हुए सात टीमों को उत्तर प्रदेश में भी तैनात किया गया है.
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सबंधित विकास में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बाढ़ और बारिश प्रभावित राज्यों के साथ लगातार संपर्क में रहने के लिए नॉर्थ ब्लॉक में एक टीम भी नियुक्त की है. सूत्रों ने बताया कि टीम को गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को बचाव और राहत कार्यों से जुड़े घटनाक्रम पर रिपोर्ट देने का काम सौंपा गया है.