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चुनावी ड्यूटी में तैनात किए जाने वाले कर्मचारी frontline workers की श्रेणी में जुड़े

कोरोना काल में भी अपनी सेवाएं देने वाले लोगों को फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में रखा गया. अब चुनाव में सेवा देने वाले लोगों को भी इस श्रेणी में शामिल किया जाएगा. निर्वाचन आयोग ने कहा है कि चुनाव वाले 5 राज्यों में इलेक्शन ड्यूटी में लगे लोगों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की केटेगरी में शामिल किया जाएगा और उन्हें भी प्रीकॉशन डोज़ दी जाएगी.

frontline workers
फ्रंटलाइन वर्कर
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Published : Jan 8, 2022, 8:04 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चा के कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में रखा गया है. अब चुनाव में सेवा देने वाले लोगों को भी इस श्रेणी में शामिल किया जाएगा. एक बार अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी के तौर पर मान्यता मिलने के बाद लोगों को टीकाकरण अभियान में प्राथमिकता दी जाती है.

निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रमों की घोषणा कर दी. इसी के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि सभी चुनाव कर्मी फ्रंटलाइन वर्कर होंगे.

जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी, पीठासीन अधिकारी, सहायक पीठासीन अधिकारी या चुनाव सम्बंधी किसी कार्य के लिए तैनात नोडल अधिकारी, अपर जिला अधिकारी, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, विकास खण्ड अधिकारी फ्रंटलाइन वर्कर माने जाएंगे.

बता दें कि देश में ओमिक्रॉन (Omicron) के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2022) में इलेक्शन ड्यूटी में लगे लोगों को भी फ्रंटलाइन वर्कर्स की केटेगरी में शामिल किया गया है और उन्हें भी प्रीकॉशन डोज़ दी जाएगी.

चुनाव कराने के लिए कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार, सभी चुनाव अधिकारियों का दोहरा टीकाकरण किया जाएगा, उन्हें बूस्टर खुराक दी जाएगी और उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में भी माना जाएगा. बूथों को पूरी तरह से सेनेटाइज किया जाएगा और मतदान कर्मियों के लिए पर्याप्त दस्ताने, सैनिटाइजर आदि उपलब्ध रहेंगे. चुनाव वाले पांच राज्यों में 15 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक मिल चुकी है, जबकि नौ करोड़ लोगों को दोनों इंजेक्शन मिले हैं.

कौन हैं फ्रंटलाइन वर्कर्स

कोरोना काल में संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था. लॉकडाउन के दौरान भी कुछ कर्मचारी 24 घंटे की ड्यूटी कर रहे थे. ऐसे कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर कहा गया. फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को रखा गया. इसके बाद न्यायिक अधिकारियों, पत्रकारों, जलबोर्ड और बिजली-कर्मियों, पुलिसकर्मियों को इस श्रेणी में रखा गया.

सभी 5 राज्यों में 5 चरणों में होगा मतदान

बता दें कि चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड , पंजाब , मणिपुर और गोवा के विधान सभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. उत्तर प्रदेश में कुल 7 चरणों में - 10 फरवरी , 14 फरवरी, 20 फरवरी , 23 फरवरी , 27 फरवरी , 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा. मणिपुर में 2 चरणों में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होगा. जबकि अन्य 3 राज्यों- पंजाब , गोवा और उत्तराखंड में एक ही चरण में 14 फरवरी को मतदान होगा. 10 मार्च को इन पांचों राज्यों में मतगणना होगी.

  1. पढ़ें :- दिल्ली में न्यायिक अधिकारियों को घोषित किया फ्रंटलाइन वर्कर्स
  2. पढ़ें :- कोविड-19 रोधी टीकाकरण के लिए पत्रकारों को अग्रिम पंक्ति का कर्मी माना जाए : फडणवीस
  3. पढ़ें :- दिल्ली : जलबोर्ड और बिजली-कर्मियों को भी सबसे पहले मिलेगी कोरोना वैक्सीन
  4. पढ़ें :- भारत में हेल्थकेयर, फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहले कोविड वैक्सीन मिलनी चाहिए : विशेषज्ञ
  5. पढ़ें :- पीएम मोदी करेंगे कोरोना वॉरियर के लिए क्रैश कोर्स की शुरुआत

बैंककर्मियों को भी अग्रिम पंक्ति का कर्मचारी माना जाए

पूरे देश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बैंक अधिकारियों के संगठन एआईबीओसी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अपील की है कि एहतिहाती खुराक (बूस्टर डोज) देने के लिए बैंक कर्मचारियों को भी अग्रिम पंक्ति का कर्मचारी (फ्रंटलाइन वर्कर) माना जाए. अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) ने वित्त मंत्री को लिखे पत्र में सुझाव दिया कि वायरस के संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए बैंकों को सप्ताह में पांच दिन खोला जाए.

पत्र में यह आग्रह भी किया गया कि सभी शाखाओं या कार्यालयों में केवल 50 प्रतिशत कर्मचारियों की प्रत्यक्ष उपस्थित होनी चाहिए, और बाकी कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी जाए.

एआईबीओसी ने बैंक कर्मचारियों को उपनगरीय रेलवे सेवाओं सहित सार्वजनिक परिवहन का लाभ उठाने के लिए विशेष दर्जा देने की मांग भी की.

सरकार ने कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन की एहतियाती खुराक 10 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों और 60 साल तथा उससे अधिक उम्र के लोगों को दी जाएगी.

एआईबीओसी के महासचिव सौम्य दत्ता ने पत्र में कहा कि नियमित अंतराल पर बैंक कर्मचारियों की जांच करने के लिए अनिवार्य रैपिड एंटीजन परीक्षण होना चाहिए. पत्र में कहा गया कि पहली दो लहर में लगभग 2,000 बैंक कर्मचारियों ने अपनी जान गंवाई.

परिसंघ ने कहा, हम खुद को वित्तीय सेना का हिस्सा मानते हैं, जिन्होंने बाधाओं को दूर किया है और संकट के समय में देश की सेवा की.

नई दिल्ली : कोरोना के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चा के कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में रखा गया है. अब चुनाव में सेवा देने वाले लोगों को भी इस श्रेणी में शामिल किया जाएगा. एक बार अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी के तौर पर मान्यता मिलने के बाद लोगों को टीकाकरण अभियान में प्राथमिकता दी जाती है.

निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रमों की घोषणा कर दी. इसी के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि सभी चुनाव कर्मी फ्रंटलाइन वर्कर होंगे.

जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी, पीठासीन अधिकारी, सहायक पीठासीन अधिकारी या चुनाव सम्बंधी किसी कार्य के लिए तैनात नोडल अधिकारी, अपर जिला अधिकारी, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, विकास खण्ड अधिकारी फ्रंटलाइन वर्कर माने जाएंगे.

बता दें कि देश में ओमिक्रॉन (Omicron) के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2022) में इलेक्शन ड्यूटी में लगे लोगों को भी फ्रंटलाइन वर्कर्स की केटेगरी में शामिल किया गया है और उन्हें भी प्रीकॉशन डोज़ दी जाएगी.

चुनाव कराने के लिए कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार, सभी चुनाव अधिकारियों का दोहरा टीकाकरण किया जाएगा, उन्हें बूस्टर खुराक दी जाएगी और उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में भी माना जाएगा. बूथों को पूरी तरह से सेनेटाइज किया जाएगा और मतदान कर्मियों के लिए पर्याप्त दस्ताने, सैनिटाइजर आदि उपलब्ध रहेंगे. चुनाव वाले पांच राज्यों में 15 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक मिल चुकी है, जबकि नौ करोड़ लोगों को दोनों इंजेक्शन मिले हैं.

कौन हैं फ्रंटलाइन वर्कर्स

कोरोना काल में संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था. लॉकडाउन के दौरान भी कुछ कर्मचारी 24 घंटे की ड्यूटी कर रहे थे. ऐसे कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर कहा गया. फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को रखा गया. इसके बाद न्यायिक अधिकारियों, पत्रकारों, जलबोर्ड और बिजली-कर्मियों, पुलिसकर्मियों को इस श्रेणी में रखा गया.

सभी 5 राज्यों में 5 चरणों में होगा मतदान

बता दें कि चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड , पंजाब , मणिपुर और गोवा के विधान सभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. उत्तर प्रदेश में कुल 7 चरणों में - 10 फरवरी , 14 फरवरी, 20 फरवरी , 23 फरवरी , 27 फरवरी , 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा. मणिपुर में 2 चरणों में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होगा. जबकि अन्य 3 राज्यों- पंजाब , गोवा और उत्तराखंड में एक ही चरण में 14 फरवरी को मतदान होगा. 10 मार्च को इन पांचों राज्यों में मतगणना होगी.

  1. पढ़ें :- दिल्ली में न्यायिक अधिकारियों को घोषित किया फ्रंटलाइन वर्कर्स
  2. पढ़ें :- कोविड-19 रोधी टीकाकरण के लिए पत्रकारों को अग्रिम पंक्ति का कर्मी माना जाए : फडणवीस
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बैंककर्मियों को भी अग्रिम पंक्ति का कर्मचारी माना जाए

पूरे देश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बैंक अधिकारियों के संगठन एआईबीओसी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अपील की है कि एहतिहाती खुराक (बूस्टर डोज) देने के लिए बैंक कर्मचारियों को भी अग्रिम पंक्ति का कर्मचारी (फ्रंटलाइन वर्कर) माना जाए. अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) ने वित्त मंत्री को लिखे पत्र में सुझाव दिया कि वायरस के संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए बैंकों को सप्ताह में पांच दिन खोला जाए.

पत्र में यह आग्रह भी किया गया कि सभी शाखाओं या कार्यालयों में केवल 50 प्रतिशत कर्मचारियों की प्रत्यक्ष उपस्थित होनी चाहिए, और बाकी कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी जाए.

एआईबीओसी ने बैंक कर्मचारियों को उपनगरीय रेलवे सेवाओं सहित सार्वजनिक परिवहन का लाभ उठाने के लिए विशेष दर्जा देने की मांग भी की.

सरकार ने कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन की एहतियाती खुराक 10 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों और 60 साल तथा उससे अधिक उम्र के लोगों को दी जाएगी.

एआईबीओसी के महासचिव सौम्य दत्ता ने पत्र में कहा कि नियमित अंतराल पर बैंक कर्मचारियों की जांच करने के लिए अनिवार्य रैपिड एंटीजन परीक्षण होना चाहिए. पत्र में कहा गया कि पहली दो लहर में लगभग 2,000 बैंक कर्मचारियों ने अपनी जान गंवाई.

परिसंघ ने कहा, हम खुद को वित्तीय सेना का हिस्सा मानते हैं, जिन्होंने बाधाओं को दूर किया है और संकट के समय में देश की सेवा की.

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