नई दिल्ली: चुनाव ड्यूटी पर तैनात मतदाताओं को दी जाने वाली डाक मतपत्र (Postal Ballot) सुविधा का संभावित दुरुपयोग रोकने के लिए चुनाव आयोग सरकार से नियमों में बदलाव करने का अनुरोध करेगा, ताकि ऐसे लोग निर्धारित सुविधा केंद्रों पर ही अपना वोट डालें और मतपत्रों को अधिक समय तक अपने पास न रखें. सूत्रों ने कहा कि यदि यह प्रस्ताव लागू किया जाता है तो चुनाव ड्यूटी पर तैनात मतदाताओं द्वारा अपने साथ लंबे समय तक रखे उन मतपत्रों के संभावित दुरुपयोग को कम किया जा सकेगा, जो उम्मीदवारों या राजनीतिक दलों के अनावश्यक प्रभाव, धमकी, रिश्वत और अन्य अनैतिक साधनों की दृष्टि से अतिसंवेदनशील है.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयोग ने 16 सितंबर को आयोजित अपनी बैठक में कानून मंत्रालय को एक सिफारिश भेजने का फैसला किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात मतदाता अपना वोट 'मतदाता सुविधा केंद्र' पर ही डालें. चुनाव संचालन नियमावली, 1961 के नियम 18 में संशोधन का प्रस्ताव सरकार को दिया गया है.
सूत्रों ने कहा कि आयोग ने पिछले चुनावों में देखा है कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात मतदाता अपना मत संबंधित सुविधा केंद्र पर नहीं डालते, बल्कि अपने साथ ले जाते हैं, क्योंकि चुनाव कानून और प्रासंगिक नियमों के अनुसार, डाक मतपत्र डालने के लिए मतगणना के दिन सुबह आठ बजे तक का उनके पास समय होता है.
आयोग की मानक नीति में प्रावधान है कि चुनाव ड्यूटी पर लगे मतदाताओं को आवंटित मतदान केंद्रों पर मतदान के प्रबंधन और पर्यवेक्षण के लिए उनके गृह निर्वाचन क्षेत्र से इतर किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र में तैनात किया जाता है. इस व्यवस्था के कारण वे अपने गृह मतदान केंद्र पर व्यक्तिगत रूप से वोट नहीं डाल पाते हैं.
वर्तमान योजना के अनुसार, चुनाव ड्यूटी पर मौजूद मतदाता अपने प्रशिक्षण के समय संबंधित निर्वाचन अधिकारी को डाक मतपत्र के लिए आवेदन करते हैं, जो उचित प्रक्रिया अपनाकर प्रशिक्षण केंद्र पर ही डाक मतपत्र जारी करते हैं. ऐसे मतदाताओं को चुनाव ड्यूटी के लिए आवंटित मतदान केंद्रों पर भेजे जाने से पहले अपना मत डालने में सक्षम बनाने के लिए एक सुविधा केंद्र भी स्थापित किया जाता है.
सुविधा केंद्र उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में गुप्त और पारदर्शी मतदान सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं से सुसज्जित होता है. हालांकि, उनके पास अपना मतपत्र डाक के माध्यम से निर्वाचन अधिकारी को भेजने का भी विकल्प होता है, ताकि वे मतगणना के दिन सुबह 8 बजे से पहले पहुंच सकें.